ETV Bharat / bharat

बिहार में शादी विवाह के मौसम में पकड़ौवा विवाह गिरोह के निशाने पर शिक्षक, अलर्ट पर बिहार पुलिस

Pakadwa marriage in Bihar : बिहार में इन दिनों बंपर वैकेंसी है. युवाओं को रोजगार मिल रहे हैं. सरकारी नौकरियों की तो बाढ़ आ गई है. वहीं शादी विवाह के मौसम में पकड़ौवा विवाह गिरोह भी सक्रिय है. सरकारी नौकरी करने वाले खास तौर पर शिक्षक उनके निशाने पर हैं और नवनियुक्त शिक्षकों की चिंता भी बढ़ गई है. पढ़ें पूरी खबर..

पकड़ौआ विवाह
पकड़ौआ विवाह
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 2, 2023, 9:13 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना: बिहार में इन दिनों सरकारी नौकरियों की बाढ़ आ गई है. युवा सरकारी नौकरी हासिल कर रहे हैं. बड़ी संख्या में शिक्षकों को भी बीपीएससी के जरिए नौकरी मिली है और इसी के साथ पकड़ौआ शादी कराने वाले गिरोह की सक्रियता भी बढ़ गई है. पकड़ौवा विवाह का प्रचलन एक बार फिर बढ़ गया है. हाल ही में बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती हुई है और शिक्षकों की पदस्थापना गांव में हुई है, क्योंकि युवाओं ने शिक्षक की नौकरी बीपीएससी के जरिये पाई है. ऐसे में जबरन शादी कराने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं.

सक्रिय हो गए हैं पकड़ौआ विवाह कराने वाले गिरोह : पकड़ौआ विवाह कराने वाले गिरोह रेकी भी कर रहे हैं और जबरिया शादी करने का सिलसिला भी चल पड़ा है. स्थानीय भाषा में पकड़ौवा विवाह भी कहा जाता है. पिछले दिनों वैशाली में भी पकड़ौवा विवाह का मामला प्रकाश में आया है. जिले के पातेपुर में पदस्थापित शिक्षक गौतम कुमार का अपहरण करके पकड़वा विवाह कर दिया गया. पुलिस ने काफी मशक्कत की तब जाकर शिक्षक को बरामद किया जा सका.

"हमारे इलाके में पकड़ौवा विवाह करने वाले गिरोह की सक्रियता बढ़ गई है. वह एक तरीके से विवाह करने का ठेका लेते हैं. लड़की वाले से मोटा पैसा वसूल करना उनका काम है. बड़ी संख्या में शिक्षक गांव में तैनात हुए हैं. गिरोह की नजर शिक्षकों पर है. ब्लैकमेल करके या फिर जबरन लड़के को उठाकर शादी कर देते हैं."- आशुतोष कुमार, चयनित शिक्षक

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX

बिहार में हर साल औसतन 3000 होती पकड़ौआ शादी : औसतन हर साल 3000 से ज्यादा पकड़वा विवाह बिहार में होते हैं. आंकड़ों की अगर बात कर ले तो स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने एक रिकॉर्ड जारी किया था. इसमें बिहार में 2020 में जबरन शादी कराने के 7,194, 2019 में 10,295, 2018 में 10,310 और 2017 में 8,927 मामले सामने आए थे. लेकिन बाद में इसमें से बहुत से मामले आपस में ही निपटा लिए गए थे. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, बिहार में प्रति दिन औसतन 9 पकड़ौवा विवाह कराए जाते हैं.

शादी के सीजन में अलर्ट पर रहती है पुलिस : घटनाओं की बढ़ती संख्या के चलते पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को शादियों के सीजन में अलर्ट रहने के लिए कहा जाता है. पकड़ौवा विवाह मामले में पटना उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला दिया. पटना हाईकोर्ट ने 10 साल पुरानी एक शादी को रद्द कर दिया है. पति ने आरोप लगाया था कि 10 साल पहले बंदूक की नोक पर उसे अगवा किया गया था और जबरन उसकी शादी करवा दी गई थी.

कोसी इलाके में होती है ज्यादा पकड़ौआ शादी : साल 2013 में सेना में तैनात जवान रवि कांत को 30 जून 2013 को उस समय अगवा किया गया था, जब वो लखीसराय में एक मंदिर में पूजा कर रहे थे. रवि कांत नवादा जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि लड़की के घरवालों ने जबरन उनका अपहरण कर शादी करवा दी थी. बता दें कि जबरन शादी या पकड़ौवा विवाह कोसी इलाके में अधिक होता है. गरीबी और अशिक्षा के कारण लोग इसे जरिया बना लेते हैं. बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, नवगछिया इलाके में पकड़ौवा विवाह बहुतायत होते हैं.

"पकड़ौवा विवाह, दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के गर्भ से निकली है. गरीबी और अशिक्षा के चलते लोग इस मकड़ जाल में फंस जाते हैं. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभयानंद ने इसके खिलाफ अभियान भी चलाया था और तब जाकर बहुत हद तक ब्रेक लगा था."- राजीव कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता

ये भी पढ़ेंः

समस्तीपुर में पकड़ौआ विवाह: गर्भवती प्रेमिका से मिलने पहुंचे युवक की पंचायत ने करवायी शादी

VIDEO: जिसको कहता था जीजा.. वो बन गया साला.. देखिए कैसे की बहन की ननद से शादी

पकड़ौआ शादी: भाई के ससुराल में बंधक बना युवक, जबरन थमाई गई दुल्हन

10 साल पहले बंदूक की नोक पर सेना के जवान की हुई थी शादी, पकड़ौआ विवाह पर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- 'ये मान्य नहीं है'

बिहार में एक और 'पकड़ौआ विवाह', दूल्हे को बंधक बनाकर पहले पीटा फिर जबरन कराई शादी

देखें रिपोर्ट

पटना: बिहार में इन दिनों सरकारी नौकरियों की बाढ़ आ गई है. युवा सरकारी नौकरी हासिल कर रहे हैं. बड़ी संख्या में शिक्षकों को भी बीपीएससी के जरिए नौकरी मिली है और इसी के साथ पकड़ौआ शादी कराने वाले गिरोह की सक्रियता भी बढ़ गई है. पकड़ौवा विवाह का प्रचलन एक बार फिर बढ़ गया है. हाल ही में बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती हुई है और शिक्षकों की पदस्थापना गांव में हुई है, क्योंकि युवाओं ने शिक्षक की नौकरी बीपीएससी के जरिये पाई है. ऐसे में जबरन शादी कराने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं.

सक्रिय हो गए हैं पकड़ौआ विवाह कराने वाले गिरोह : पकड़ौआ विवाह कराने वाले गिरोह रेकी भी कर रहे हैं और जबरिया शादी करने का सिलसिला भी चल पड़ा है. स्थानीय भाषा में पकड़ौवा विवाह भी कहा जाता है. पिछले दिनों वैशाली में भी पकड़ौवा विवाह का मामला प्रकाश में आया है. जिले के पातेपुर में पदस्थापित शिक्षक गौतम कुमार का अपहरण करके पकड़वा विवाह कर दिया गया. पुलिस ने काफी मशक्कत की तब जाकर शिक्षक को बरामद किया जा सका.

"हमारे इलाके में पकड़ौवा विवाह करने वाले गिरोह की सक्रियता बढ़ गई है. वह एक तरीके से विवाह करने का ठेका लेते हैं. लड़की वाले से मोटा पैसा वसूल करना उनका काम है. बड़ी संख्या में शिक्षक गांव में तैनात हुए हैं. गिरोह की नजर शिक्षकों पर है. ब्लैकमेल करके या फिर जबरन लड़के को उठाकर शादी कर देते हैं."- आशुतोष कुमार, चयनित शिक्षक

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX

बिहार में हर साल औसतन 3000 होती पकड़ौआ शादी : औसतन हर साल 3000 से ज्यादा पकड़वा विवाह बिहार में होते हैं. आंकड़ों की अगर बात कर ले तो स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने एक रिकॉर्ड जारी किया था. इसमें बिहार में 2020 में जबरन शादी कराने के 7,194, 2019 में 10,295, 2018 में 10,310 और 2017 में 8,927 मामले सामने आए थे. लेकिन बाद में इसमें से बहुत से मामले आपस में ही निपटा लिए गए थे. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, बिहार में प्रति दिन औसतन 9 पकड़ौवा विवाह कराए जाते हैं.

शादी के सीजन में अलर्ट पर रहती है पुलिस : घटनाओं की बढ़ती संख्या के चलते पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को शादियों के सीजन में अलर्ट रहने के लिए कहा जाता है. पकड़ौवा विवाह मामले में पटना उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला दिया. पटना हाईकोर्ट ने 10 साल पुरानी एक शादी को रद्द कर दिया है. पति ने आरोप लगाया था कि 10 साल पहले बंदूक की नोक पर उसे अगवा किया गया था और जबरन उसकी शादी करवा दी गई थी.

कोसी इलाके में होती है ज्यादा पकड़ौआ शादी : साल 2013 में सेना में तैनात जवान रवि कांत को 30 जून 2013 को उस समय अगवा किया गया था, जब वो लखीसराय में एक मंदिर में पूजा कर रहे थे. रवि कांत नवादा जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि लड़की के घरवालों ने जबरन उनका अपहरण कर शादी करवा दी थी. बता दें कि जबरन शादी या पकड़ौवा विवाह कोसी इलाके में अधिक होता है. गरीबी और अशिक्षा के कारण लोग इसे जरिया बना लेते हैं. बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, नवगछिया इलाके में पकड़ौवा विवाह बहुतायत होते हैं.

"पकड़ौवा विवाह, दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के गर्भ से निकली है. गरीबी और अशिक्षा के चलते लोग इस मकड़ जाल में फंस जाते हैं. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभयानंद ने इसके खिलाफ अभियान भी चलाया था और तब जाकर बहुत हद तक ब्रेक लगा था."- राजीव कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता

ये भी पढ़ेंः

समस्तीपुर में पकड़ौआ विवाह: गर्भवती प्रेमिका से मिलने पहुंचे युवक की पंचायत ने करवायी शादी

VIDEO: जिसको कहता था जीजा.. वो बन गया साला.. देखिए कैसे की बहन की ननद से शादी

पकड़ौआ शादी: भाई के ससुराल में बंधक बना युवक, जबरन थमाई गई दुल्हन

10 साल पहले बंदूक की नोक पर सेना के जवान की हुई थी शादी, पकड़ौआ विवाह पर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- 'ये मान्य नहीं है'

बिहार में एक और 'पकड़ौआ विवाह', दूल्हे को बंधक बनाकर पहले पीटा फिर जबरन कराई शादी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.