ETV Bharat / bharat

Naxalite Pramod Mishra : स्कूलों को क्यों निशाना बनाते थे नक्सली? माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा का खुलासा - Naxalite Pramod Mishra

बिहार के गया से 10 अगस्त को गिरफ्तार भाकपा माओवादी के ईस्टर्न रिजनल ब्यूरो कमांडर प्रमोद मिश्रा ने कई खुलासे किए हैं. उसने कबूल किया है कि बिहार में स्कूलों को निशाना बनाकर किए गए धमाकों के लिए उग्रवादी समूह जिम्मेदार था. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उसने सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष पर भी निशाना साधा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 12, 2023, 5:10 PM IST

गया: माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा ने स्वीकार किया है कि बिहार में स्कूलों को जलाने के लिए उग्रवादी जिम्मेदार थे. गया स्थित अदालत में पेशी के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए 70 वर्षीय माओवादी नेता ने बताया कि स्कूलों को इस लिए आग के हवाले कर दिया गया, क्योंकि उनका इस्तेमाल केंद्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस जवानों के लिए आश्रय गृह के रूप में होता था.

ये भी पढ़ें: Naxalite Pramod Mishra Arrested : कौन है माओवादी प्रमोद मिश्रा ? जिसपर 1 करोड़ के ईनाम का था प्रस्ताव

माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा का खुलासा: बातचीत में नक्सली प्रमोद मिश्रा ने माना है कि हाल के दिनों में माओवादी संगठन कमजोर हुआ है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों सहित पूर्व के कई राज्यों में आतंक मचाने वाले भाकपा माओवादी के पूर्वी जोनल कमांडर ने कहा कि संदीप यादव की मौत के बाद से संगठन को बड़ा झटका लगा है. संदीप को बिहार में बड़े सरकार के नाम भी जाना जाता था. उसने कहा, 'बड़े सरकार के निधन से संगठन संकटपूर्ण स्थिति में पहुंच गया है. हमें अभी तक उनका विकल्प नहीं मिला है.'

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX

बीजेपी और मोदी सरकार पर बोला हमला: पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रमोद मिश्रा ने बीजेपी और मोदी सरकार को फासीवादी करार दिया है. उसने कहा कि शीर्ष कॉरपोरेट घरानों के साथ मिलकर केंद्र सरकार गरीबों का शोषण करने में लगी है. उसने कहा कि वास्तविक आजादी का रास्ता मार्क्सवाद, नए लोकतंत्र, समाजवाद और साम्यवाद के सिद्धातों में निहित है.

विपक्ष पर भी भड़का माओवादी नेता: माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा ने विपक्ष पर भी निशाना साधा है. उसने कहा कि देश के ज्वलंत मुद्दों पर भी विपक्ष चुप है. मणिपुर जल रहा है, फिर भी विपक्ष अपनी वास्तविक भूमिका नहीं निभा पा रहा है. पीड़ितों की आवाज बनने की बजाय ऐसा लग रहा है कि विपक्ष बीजेपी की सरकार का समर्थन कर रहा है.

"पहले हमारे संगठन द्वारा स्कूलों को पहले विस्फोट कर उड़ा दिया जाता था. इसका कारण था कि स्कूलों में पढ़ाई की बजाय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाती थी. कम्युनिस्ट लोग ही फासिस्ट लोगों को जवाब देंगे, क्योंकि सही मायने में मुक्ति का मार्ग मार्क्सिज्म में है. जनता का भविष्य नव जनवाद, समाजवाद और साम्यवाद में है. पूंजीवाद का कोई महत्व नहीं है. वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार में कोई अंतर नहीं है"- प्रमोद मिश्रा, इस्टर्न रीजनल कमांडर, भाकपा माओवादी

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX

कौन है नक्सली प्रमोद मिश्रा: आपको बता दें कि पिछले दिनों गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र से प्रमोद मिश्रा और उसके सहयोगी अनिल यादव को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद शुक्रवार को दोनों को गया कोर्ट पेशी के लिए लाया गया. यह वही माओवादी कमांडर प्रमोद मिश्रा है, जिसने गया में चार लोगों की हत्या कर उन्हें फांसी पर लटका दिया था. प्रमोद मिश्रा के आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झारखंड में उस पर 1 करोड़ का इनाम प्रस्तावित था. प्रमोद मिश्रा के खिलाफ बिहार, झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में भी हुए नक्सली कांडों में एफआईआर दर्ज हैं.

कैसे हुई प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारीः दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था कि प्रमोद मिश्रा गया जिले के कोच थाना क्षेत्र कुडरही गांव में आया हुआ है. इसी सूचना के अधार पर कुडरही गांव में घेराबंदी कर दबिश बढ़ा दी गई. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसके सहयोगी अनिल उर्फ लव कुश को भी पकड़ लिया गया. इस गिरफ्तारी में शामिल दिल्ली से आई आईबी की टीम, एसटीएफ, एसएसबी 29 गया और जिला पुलिस की टीम ने मिलकर सफलता हासिल की.

1970 से नक्सली संगठनों में सक्रिय था प्रमोद मिश्रा : पिछले दिनों प्रमोद मिश्रा की गिरप्तारी के बाद गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया था कि कि शीर्ष नक्सली लीडर प्रमोद मिश्रा 1970 से विभिन्न नक्सली संगठनों से जुड़ा थे. यह भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी के शीर्ष लीडर हैं. वहीं, इस्टर्न मेंबर ब्यूरो चीफ भी है. इसकी सैंकड़ों बड़ी घटनाओं में संलिप्तता रही है. ये नक्सली संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश में जुटे हुए था. उसकी गिरफ्तारी से अब बिहार में नक्सलियों की गतिविधियों पर पूर्ण विराम लग सकेगा.

गया: माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा ने स्वीकार किया है कि बिहार में स्कूलों को जलाने के लिए उग्रवादी जिम्मेदार थे. गया स्थित अदालत में पेशी के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए 70 वर्षीय माओवादी नेता ने बताया कि स्कूलों को इस लिए आग के हवाले कर दिया गया, क्योंकि उनका इस्तेमाल केंद्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस जवानों के लिए आश्रय गृह के रूप में होता था.

ये भी पढ़ें: Naxalite Pramod Mishra Arrested : कौन है माओवादी प्रमोद मिश्रा ? जिसपर 1 करोड़ के ईनाम का था प्रस्ताव

माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा का खुलासा: बातचीत में नक्सली प्रमोद मिश्रा ने माना है कि हाल के दिनों में माओवादी संगठन कमजोर हुआ है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों सहित पूर्व के कई राज्यों में आतंक मचाने वाले भाकपा माओवादी के पूर्वी जोनल कमांडर ने कहा कि संदीप यादव की मौत के बाद से संगठन को बड़ा झटका लगा है. संदीप को बिहार में बड़े सरकार के नाम भी जाना जाता था. उसने कहा, 'बड़े सरकार के निधन से संगठन संकटपूर्ण स्थिति में पहुंच गया है. हमें अभी तक उनका विकल्प नहीं मिला है.'

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX

बीजेपी और मोदी सरकार पर बोला हमला: पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रमोद मिश्रा ने बीजेपी और मोदी सरकार को फासीवादी करार दिया है. उसने कहा कि शीर्ष कॉरपोरेट घरानों के साथ मिलकर केंद्र सरकार गरीबों का शोषण करने में लगी है. उसने कहा कि वास्तविक आजादी का रास्ता मार्क्सवाद, नए लोकतंत्र, समाजवाद और साम्यवाद के सिद्धातों में निहित है.

विपक्ष पर भी भड़का माओवादी नेता: माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा ने विपक्ष पर भी निशाना साधा है. उसने कहा कि देश के ज्वलंत मुद्दों पर भी विपक्ष चुप है. मणिपुर जल रहा है, फिर भी विपक्ष अपनी वास्तविक भूमिका नहीं निभा पा रहा है. पीड़ितों की आवाज बनने की बजाय ऐसा लग रहा है कि विपक्ष बीजेपी की सरकार का समर्थन कर रहा है.

"पहले हमारे संगठन द्वारा स्कूलों को पहले विस्फोट कर उड़ा दिया जाता था. इसका कारण था कि स्कूलों में पढ़ाई की बजाय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाती थी. कम्युनिस्ट लोग ही फासिस्ट लोगों को जवाब देंगे, क्योंकि सही मायने में मुक्ति का मार्ग मार्क्सिज्म में है. जनता का भविष्य नव जनवाद, समाजवाद और साम्यवाद में है. पूंजीवाद का कोई महत्व नहीं है. वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार में कोई अंतर नहीं है"- प्रमोद मिश्रा, इस्टर्न रीजनल कमांडर, भाकपा माओवादी

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX

कौन है नक्सली प्रमोद मिश्रा: आपको बता दें कि पिछले दिनों गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र से प्रमोद मिश्रा और उसके सहयोगी अनिल यादव को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद शुक्रवार को दोनों को गया कोर्ट पेशी के लिए लाया गया. यह वही माओवादी कमांडर प्रमोद मिश्रा है, जिसने गया में चार लोगों की हत्या कर उन्हें फांसी पर लटका दिया था. प्रमोद मिश्रा के आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झारखंड में उस पर 1 करोड़ का इनाम प्रस्तावित था. प्रमोद मिश्रा के खिलाफ बिहार, झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में भी हुए नक्सली कांडों में एफआईआर दर्ज हैं.

कैसे हुई प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारीः दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था कि प्रमोद मिश्रा गया जिले के कोच थाना क्षेत्र कुडरही गांव में आया हुआ है. इसी सूचना के अधार पर कुडरही गांव में घेराबंदी कर दबिश बढ़ा दी गई. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसके सहयोगी अनिल उर्फ लव कुश को भी पकड़ लिया गया. इस गिरफ्तारी में शामिल दिल्ली से आई आईबी की टीम, एसटीएफ, एसएसबी 29 गया और जिला पुलिस की टीम ने मिलकर सफलता हासिल की.

1970 से नक्सली संगठनों में सक्रिय था प्रमोद मिश्रा : पिछले दिनों प्रमोद मिश्रा की गिरप्तारी के बाद गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया था कि कि शीर्ष नक्सली लीडर प्रमोद मिश्रा 1970 से विभिन्न नक्सली संगठनों से जुड़ा थे. यह भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी के शीर्ष लीडर हैं. वहीं, इस्टर्न मेंबर ब्यूरो चीफ भी है. इसकी सैंकड़ों बड़ी घटनाओं में संलिप्तता रही है. ये नक्सली संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश में जुटे हुए था. उसकी गिरफ्तारी से अब बिहार में नक्सलियों की गतिविधियों पर पूर्ण विराम लग सकेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.