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लालू को अपनी एक किडनी दान करेंगी बेटी रोहिणी, सिंगापुर में हो सकता है प्रत्यारोपण - रोहिणी आचार्य पिता लालू को किडनी दान करेंगी

रोहिणी आचार्य पिता लालू को किडनी दान करेंगी (Rohini Acharya will donate kidney to father Lalu). लालू परिवार के एक करीबी सदस्य ने यह जानकारी दी है. हालांकि, गुर्दा प्रत्यारोपण की सर्जरी कहां और कब होगी इस बारे में स्पष्ट जानकारी मौजूद नहीं है.

Lalu Yadav Daughter Etv Bharat
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Published : Nov 10, 2022, 2:59 PM IST

पटना: आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) की सिंगापुर में रहने वाली बेटी अपने पिता को एक गुर्दा (Lalu Yadav Daughter Will Donate A Kidney To Him) दान करेंगी. परिवार के एक करीबी सदस्य ने यह जानकारी दी. लालू यादव (74) पिछले महीने सिंगापुर ले लौटे हैं, जहां वह अपनी गुर्दे की समस्या के इलाज के लिए गए थे. कईं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे आरजेडी अध्यक्ष को वहां के चिकित्सकों ने गुर्दा प्रत्यारोपण की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें: दिवाली की रात दिल्ली लौटे लालू यादव, किडनी का इलाज कराने गए थे सिंगापुर

रोहिणी आचार्य पिता लालू को किडनी दान करेंगी: परिवार के एक सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सिंगापुर में रहने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को नया जीवन देने का फैसला किया है.’’ लालू यादव फिलहाल दिल्ली में हैं और ज़मानत पर बाहर हैं. कथित चारा घोटाला के मामलों में शामिल होने के कारण उन्हें जेल की सज़ा हो चुकी है और वह इलाज के लिए दिल्ली और रांची में कई बार अस्पताल में भर्ती हुए हैं. हालांकि, गुर्दा प्रत्यारोपण की सर्जरी कहां और कब होगी इस बारे में स्पष्ट जानकारी मौजूद नहीं है.

Lalu Yadav Daughter
लालू यादव बेटी रोहिणी और मीसा के साथ (फाइल फोटो)

जमानत पर बाहर हैं लालू यादव: आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद को चारा घोटाले के पांच अलग-अलग मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनायी थी. सजा की आधी अवधि पूरी होने, स्वास्थ्य कारणों और उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए हाईकोर्ट ने इन सभी मामलों में जमानत दे दी थी. अभी लालू प्रसाद जमानत पर बाहर हैं.

सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की है बेहतरीन सुविधाः सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की बेहतरीन सुविधा है. जितने लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है, उसकी सफलता का औसत काफी अच्छा है. अगर जीवित डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है तो उसकी सफलता दर 98.11 फीसदी है. जबकि डेथ डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता दर 94.88 फीसदी है. वहीं, भारत में किडनी ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेसियो देखें तो ये करीब 90 फीसदी है. जीवित व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 12-20 साल और मृत व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 8-12 साल तक जीवन अवधि बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: राजनीति में एंट्री को तैयार लालू की लाडली... क्या पाटलिपुत्र फतह की है तैयारी!

पटना: आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) की सिंगापुर में रहने वाली बेटी अपने पिता को एक गुर्दा (Lalu Yadav Daughter Will Donate A Kidney To Him) दान करेंगी. परिवार के एक करीबी सदस्य ने यह जानकारी दी. लालू यादव (74) पिछले महीने सिंगापुर ले लौटे हैं, जहां वह अपनी गुर्दे की समस्या के इलाज के लिए गए थे. कईं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे आरजेडी अध्यक्ष को वहां के चिकित्सकों ने गुर्दा प्रत्यारोपण की सलाह दी है.

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रोहिणी आचार्य पिता लालू को किडनी दान करेंगी: परिवार के एक सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सिंगापुर में रहने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को नया जीवन देने का फैसला किया है.’’ लालू यादव फिलहाल दिल्ली में हैं और ज़मानत पर बाहर हैं. कथित चारा घोटाला के मामलों में शामिल होने के कारण उन्हें जेल की सज़ा हो चुकी है और वह इलाज के लिए दिल्ली और रांची में कई बार अस्पताल में भर्ती हुए हैं. हालांकि, गुर्दा प्रत्यारोपण की सर्जरी कहां और कब होगी इस बारे में स्पष्ट जानकारी मौजूद नहीं है.

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लालू यादव बेटी रोहिणी और मीसा के साथ (फाइल फोटो)

जमानत पर बाहर हैं लालू यादव: आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद को चारा घोटाले के पांच अलग-अलग मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनायी थी. सजा की आधी अवधि पूरी होने, स्वास्थ्य कारणों और उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए हाईकोर्ट ने इन सभी मामलों में जमानत दे दी थी. अभी लालू प्रसाद जमानत पर बाहर हैं.

सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की है बेहतरीन सुविधाः सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की बेहतरीन सुविधा है. जितने लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है, उसकी सफलता का औसत काफी अच्छा है. अगर जीवित डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है तो उसकी सफलता दर 98.11 फीसदी है. जबकि डेथ डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता दर 94.88 फीसदी है. वहीं, भारत में किडनी ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेसियो देखें तो ये करीब 90 फीसदी है. जीवित व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 12-20 साल और मृत व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 8-12 साल तक जीवन अवधि बढ़ जाती है.

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