उदयपुर. भारत की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली जी-20 शेरपा बैठक उदयपुर में 4 से 7 दिसंबर तक (Udaipur hosting G20 Sherpa Meeting) आयोजित होगी. इस बैठक को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. यह ऐतिहासिक बैठक सिटी पैलेस के दरबार हॉल में आयोजित की जाएगी. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि यह पहली बैठक राजस्थान और उदयपुर में आयोजित होना अपने आप में बड़ी बात है. इससे राजस्थान के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. वहीं उदयपुर एक बार फिर विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ने का काम करेगा.
भारत की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली जी-20 की पहली शेरपा बैठक सिटी पैलेस के दरबार हॉल में (Darbar Hall at City Palace Udaipur) आयोजित होगी. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि दरबार हॉल का इतिहास बहुत प्राचीन है. इससे यहां की पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. यहां आने वाले पर्यटकों के दिलों-दिमाग पर भारतीय सोच और कल्चर का काफी असर पड़ता है. लक्षराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि कोरोना के दौर के बाद इतनी बड़ी बैठक झीलों की नगरी में होना, कई मायने रखती है. इसलिए इस बैठक की मेजबानी करने का अवसर मिलना एक बहुत बड़ी बात है. मेवाड़ ने कहा कि हमारा देश विकसित होते जा रहे हैं.
बहुत पुराना दरबार हॉल का इतिहास : पूर्व में भी कई ऐतिहासिक बैठक यहां पर आयोजित हुई हैं. वर्ष 1909 में महाराणा फतेह सिंह बहादुर के निमंत्रण पर भारत के तत्कालीन वायसराय एवं गवर्नर जनरल लॉर्ड मिंटो का उदयपुर आगमन हुआ. 3 नवंबर 1909 को लॉर्ड मिंटो ने पिछोला झील के पूर्वी तट पर बने दरबार हॉल की आधारशिला रखी थी. 1909 के इस ऐतिहासिक दिन के बाद आधी शताब्दी तक दरबार हॉल में मेवाड़ राज्य के दरबार सत्र आयोजित किए गए. दरबार हॉल में शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी. साथ ही राज परिवार से जुड़े लोगों और प्रसिद्ध हस्तियों के लिए पार्टी भी रखे गए.
महाराजा भूपाल को दिलाई शपथ : फतेह प्रकाश कन्वेंशन सेंटर 1948 (History of Darbar Hall of Udaipur) में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की उदयपुर यात्रा का गवाह बना. यहीं पर 18 अप्रैल 1948 को उदयपुर एवं मेवाड़ राज्य का संयुक्त राजस्थान में विलय हुआ. साथ ही मेवाड़ राज्य ने भारत संघ में विलय के पत्र पर हस्ताक्षर किए. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महाराजा भूपाल सिंह को राजपूताना के महाराज प्रमुख की शपथ दिलाई.
इसके साथ ही 14 जनवरी 1949 को फतेह प्रकाश पैलेस तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के आगमन का साक्षी बना. यहीं पर संयुक्त राजस्थान का पुनर्गठन किया गया. 1962 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पत्नी जैकलीन कैनेडी का दरबार हॉल में आगमन हुआ. दरबार हॉल में ही डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की ओर से परमाणु विकास के सिलसिले में कई कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया.
इन देशों के प्रतिनिधि बैठक में लेंगे भाग : अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएसए और यूरोपीय संघ.
अतिथि देश जिनके प्रतिनिधि ले रहे भाग : बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात.
गीत-संगीत की प्रस्तुति होंगी : 4 दिसंबर शाम को लीला पैलेस के शीश महल में स्वागत समारोह के दौरान म्यूजिक सिंफनी की जाएगी. 5 दिसंबर को दिनभर शेरपा बैठक का दौर चलेगा और शाम जगमंदिर में सांस्कृतिक संध्या होगी. इसका थीम राजस्थानी होगा. 6 दिसंबर को दिनभर बैठक होगी, फिर शाम को शिल्पग्राम आर्ट एंड क्राफ्ट विजिट और मानक चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. ये सांस्कृतिक कार्यक्रम आईसीसीआर और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में होंगे. 7 दिसंबर को शेरपा सुबह कुंभलगढ़ जाएंगे और फतेह बाग में लंच करेंगे. इस दौरान पुनः म्यूजिकल कंसर्ट आयोजित होगा. इसके बाद शेरपा फतेह बाग से रवाना होकर रणकपुर मंदिर जाएंगे.