अलप्पुझा (केरल) : केरल पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने एक कथित वीडियो के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की है जिसमें अलप्पुझा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की रैली के दौरान एक नाबालिग लड़का भड़काऊ नारेबाजी करता नजर आया. सोशल मीडिया पर पीएफआई द्वारा 21 मई को 'सेव द रिपब्लिक' रैली का एक वीडियो सामने आया है. रैली के दौरान एक लड़का एक व्यक्ति के कंधे पर बैठा हुआ था और कथित तौर पर भड़काऊ नारेबाजी कर रहा था.
घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने कहा कि उसने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की है. पुलिस ने कहा, 'हालांकि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है और कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.' लड़के द्वारा भड़काऊ नारेबाजी की विभिन्न हलकों में आलोचना की गई है. इस बीच, पीएफआई ने एक आंतरिक पत्र में कहा है कि इस तरह की नारेबाजी संगठन की नीति के खिलाफ है और वह इस मामले पर गौर करेगी.
पीएफआई के प्रदेश सचिव सी ए रउफ ने इस पत्र में कहा है, 'हमने अलप्पुझा की रैली के लिए पहले से नारे तय कर रखे थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ रैली में पार्टी के हजारों लोग और अन्य शामिल हुए. हमने नारेबाजी करने वाले लड़के का वीडियो देखा है. रैली के आयोजकों ने इन नारों की अनुमति नहीं दी थी. भड़काऊ नारेबाजी करना हमारे संगठन की नीति नहीं है.' रउफ ने कहा कि आगे से इस तरह की चीजें ना हो इसके लिए कदम उठाए जाएंगे. पीएफआई की रैली के कुछ घंटे पहले बजरंग दल ने अलप्पुझा में 'शौर्य रैली' निकाली जिसमें नारे लगाए गए कि 'देश को राष्ट्रविरोधियों और सांप्रदायिक सोच वालों के हवाले नहीं किया जा सकता.'
एनसीपीसीआर ने केरल में बच्चे के भड़काऊ नारे लगाने के मामले में प्राथमिकी की मांग की : वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने केरल में एक राजनीतिक रैली के दौरान कथित तौर पर एक बच्चे को भड़काऊ नारे लगाने देने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सोमवार को मांग की. दरअसल, 21 मई को अलाप्पुझा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा आयोजित 'गणतंत्र बचाओ' रैली के दौरान एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे एक लड़के का एक छोटा सा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वह कथित रूप से भड़काऊ नारे लगा रहा था.
केरल के पुलिस प्रमुख को लिखे एक पत्र में, आयोग ने कहा कि उसे बच्चे के भड़काऊ नारे लगाने के बारे में शिकायत मिली है. आयोग ने कहा, 'वीडियो में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का झंडा साफ दिख रहा है. शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि इस वीडियो के समाज में फैलने के बाद भी केरल पुलिस बच्चे के माता-पिता और पीएफआई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.' शिकायत में आरोप लगाया है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पीएफआई इस तरह बच्चों का इस्तेमाल समुदाय में नफरत, दुश्मनी और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए कर रहे हैं.
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