पटना: बिहार के राजभवन दरबार हॉल में आज जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने सुबह 10:30 मिनट पर पद और गोपनीयता की शपथ ली. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई. इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार समेत महागठबंधन के तमाम बड़े नेता और मंत्री मौजूद रहे. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद नीतीश ने रत्नेश सदा को मंत्री बनाने का फैसला लिया.
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JDU विधायक रत्नेश सदा ने ली मंत्री पद की शपथ : माना जा रहा है कि रत्नेश सदा को संतोष सुमन का ही मंत्रीमंडल दिया जाएगा. रत्नेश सदा बिहार में जेडीयू महादलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं. संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद नीतीश नहीं चाहते थे कि उनके महादलित वोट बैंक में कोई असर पड़े. इसलिए उन्होंने रत्नेश सदा को तुरंत कैबिनेट मंत्री बनाकर डैमेज कंट्रोल किया है.
कौन हैं रत्नेश सदा: एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार रत्नेश सदा एक करोड़पति लीडर हैं. वो मुसहर समाज से आते हैं. रत्नेश सदा का राजनीतिक सफर 1987 से हुआ शुरू. 2010 में पहली बार जेडीयू कोटे से सोनबरसा सुरक्षित सीट से विधायक बने. इन पर भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 341, 323, 504, 34 के तहत एक केस भी दर्ज है. 1989 में इन्होंने 12वीं पास किया था. इनकी मुसहर समाज में अच्छी पैठ मानी जाती है.
गांव के लोगों में खुशी की लहरः रत्नेश सदा बिहार में सहरसा के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र की सुरक्षित सीट से 3 बार लगातार जीतते आ रहे हैं. वो सहरसा जिले के कहरा कुट्टी वार्ड नंबर 6 के रहने वाले हैं, मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद उनके गांव के लोगों में खुशी की लहर है. रत्नेश सदा पहले रिक्शा चलाते थे और उनके पिता लक्ष्मी सदा मजदूरी का काम करते थे, जिससे उनका जीवन काफी संघर्ष में बीता. वो नीतीश कुमार के विश्वासी और सरल स्वभाव के नेता माने जाते हैं. उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं.
मंत्रिमंडल में 5 पद अभी भी खालीः आपको बता दें कि बिहार में अभी मुख्यमंत्री सहित 29 मंत्री हैं. रत्नेश सदा के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद यह संख्या 30 पहुंच गई है. विधानसभा में विधायकों की संख्या बल के हिसाब से 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में 5 मंत्री पद रत्नेश सदा के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद भी खाली रह जाएगा.