गया : गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है. पटना सिविल कोर्ट में उसने सरेंडर किया. पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी. कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद आदित्य कुमार ने यह कदम उठाया है. दरअसल, आदित्य कुमार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) में मामला चल रहा है.
आदित्य कुमार को भेजा गया जेल : पटना सिविल कोर्ट में सरेंडर करने के बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है. हालांकि कुछ देर के लिए कोर्ट में अफरा-तफरी मच गयी थी. क्योंकि पिछले कई महीनों से पुलिस बेसर्बी से आदित्य कुमार की तलाश कर रही थी.
"उनके द्वारा जमानत के लिए भी अर्जी डाली गई थी लेकिन कोर्ट के द्वारा उसे खारिज कर दिया गया. ऐसे मामले में बेल मिलना मुश्किल है. उन्हें पटना के बेउर जेल भेज दिया गया है. बेल कब तक मिलेगी कहना मुश्किल है."- ऋषिकेश नारायण सिंह,अधिवक्ता
सुप्रीम कोर्ट से मिला था झटका : बताते चलें कि आदित्य कुमार ने उच्चतम न्यायालय (SC) में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदित्य कुमार को दो सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया था. कहा जा रहा है कि 'सुप्रीम' राहत नहीं मिलने के बाद ही उन्होंने सरेंडर करने का फैसला किया.
क्या है मामला : बता दें कि आदित्य कुमार को बिहार पुलिस पिछले 7 महीने से ढूंढ रही थी. आदित्य कुमार पर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी से पैरवी करने का आरोप लगा था. इसके बाद अक्टूबर 2022 में आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था.
आय से अधिक संपत्ति का मामला : यही नहीं आदित्य कुंमार पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी चल रहा है. दिसंबर 2022 में 1 करोड़ 37 लाख रुपए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद आदित्य कुमार ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन वहां से उनको राहत नहीं मिली थी. उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद आदित्य कुमार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
किन-किन धाराओं में मामले हैं दर्ज : आईपीएस आदित्य कुमार पर कई धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं. भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 353 387 419 420 467 468 और 120 बी और धारा 66 सी 66डी के तहत केस दर्ज कराया गया था. उनपर आरोप है कि उन्होंने पोस्टिंग का अनुचित लाभ प्राप्त करने या अपने खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को खत्म करने की साजिश की थी.
DGP एसके सिंघल को फोन कराने के गंभीर आरोप: बता दें, 2011 बैच के IPS आदित्य कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया था. यह 6 दिसंबर को समाप्त हो रहा था, जिसको देखते हुए IPS ने मंगलवार को आत्मसमर्पण किया है. आदित्य कुमार पर अपने ऊपर के केस खत्म कराने के साथ बेहतर पोस्टिंग के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल को चीफ जस्टिस बनाकर बिहार के तत्कालीन DGP एसके सिंघल को फोन कराने के गंभीर आरोप हैं.
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