पटना: एक तरफ बीजेपी के खिलाफ सीएम नीतीश विपक्ष को एकजुट करने के लिए मंगलवार से दिल्ली में हैं, वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी दिल्ली पहुंच गए हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. हालांकि मांझी का कहना है कि वो विभिन्न मुद्दों को लेकर अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं. मिशन 2024 में जुटे नीतीश कुमार को जीतन राम मांझी के इस कदम से बड़ा झटका जरूर लग सकता है. अमित शाह से मुलाकात के बाद मांझी के सुर भी बदले बदले से नजर आए. बिहार के राजनीतिक गलियारे में एक सवाल जोर-शोर से उठ रहा है कि आखिर जीतन राम मांझी के मन में क्या है?
आखिर जीतन राम मांझी के मन में क्या है? : दरअसल जीतन राम मांझी महागठबंधन के अंदर सहज महसूस नहीं कर रहे हैं कई बार वह महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग कर चुके हैं लेकिन उनकी मांग को लगातार दरकिनार किया जा रहा है. इन सबके बीच जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष सुमन के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता है. संतोष सुमन का विधान परिषद का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है. आरजेडी और जेडीयू के कई बड़े नेता भी कतार में है. संतोष सुमन को महागठबंधन से विधान परिषद नहीं भेजा जाता है तो ऐसी स्थिति में मांझी एनडीए का विकल्प खुला रखना चाहते हैं.
''जीतन राम मांझी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात के कोई राजनीतिक मायने नहीं है. हमारे नेता जीतन राम मांझी जी दशरथ मांझी को भारत रत्न दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से समय मांगा था लेकिन प्रधानमंत्री जी ने गृह मंत्री से मिलने के लिए कहा है. इसलिए जीतन राम मांझी ने अमित शाह से मुलाकात की है.'' - श्यामसुंदर शरण, प्रवक्ता, हम
'बेटे के भविष्य को लेकर मांझी चिंतित' : वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शिवपूजन झा का मानना है कि जीतन राम मांझी तब प्रकाश में आए थे जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था तब से वह गठबंधन बदलते रहे हैं और फिलहाल पुत्रों संतोष सुमन के राजनीतिक भविष्य को लेकर वह चिंतित हैं.
मांझी के पाला बदलने का डर!: जीतन राम मांझी का अगला कदम क्या होगा, ये कोई नहीं भांप सकता. भले मांझी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं लेकिन उनके पाला बदलने का डर सीएम नीतीश को अक्सर सताता रहता है. पूर्णिया में हुई रैली में नीतीश कुमार का ये डर साफ दिखाई भी दिया था. 26 फरवरी 2023 को महागठबंधन की महारैली को पूर्णिया में संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा था और कहा था कि बीजेपी अब मांझी को अपने पाले में करने में लगी है. साथ ही नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए मांझी को मंच से समझाने की कोशिश भी की थी. सीएम ने कहा था कि इन्हें इधर-उधर नहीं करना है. इस दौरान नीतीश, मांझी को प्रलोभन तक देते नजर आए और कहा कि हमी लोग आपको आगे बढ़वा देंगे. निश्चिंत रहिए सब लोग मिलकर आगे बढ़ेंगे. वहीं अमित शाह से मुलाकात पर मांझी ने साफ-साफ कुछ भी नहीं कहा.
"बहुत से मुद्दे पर मिलना है. नीतीश कुमार का मिशन बहुत अच्छा है. अच्छे लोगों से बात हो रही है. अच्छी बात हो रही है."- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
कई बार मांझी कर चुके हैं विरोध: जीतन राम मांझी कई बार सीएम नीतीश की योजनाओं के खिलाफ बोल चुके हैं. अपने भोले भाले अंदाज में गहरी चोट देने वाले मांझी ने शराबबंदी को लेकर अपना विरोध जताया था. बिहार में शराबबंदी को लेकर जीतन राम मांझी ने सवाल खड़े किए थे. वहीं अपने बेटे को सीएम बनाने की इच्छा भी कई बार जाहिर कर चुके हैं. यहां तक की मांझी ने ये तक कह दिया था कि तेजस्वी यादव से ज्यादा काबिल मेरा बेटा सुमन है. मांझी ने ये भी कहा था कि सीएम नीतीश बीच बीच में मुझे धक्का दे देते हैं. वो (नीतीश कुमार) तेजस्वी को छोड़ देंगे लेकिन मैं उनको नहीं छोड़ूंगा.
बोले सम्राट चौधरी- 'पार्टी का दरवाजा खुला है': बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जीतन राम मांझी अपनी मांगों से अवगत कराने के लिए अमित शाह से मुलाकात की है. उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा, कहीं कोई इश्यू नहीं है. जीतन राम मांझी एनडीए का रुख करते हैं या नहीं ये उन्हीं को तय करना है.
"बीजेपी पूर्ण रूप से नीतीश कुमार को 2024 और 2025 के चुनाव में हराने में सक्षम है. बिहार में पहली बार बीजेपी की सरकार बनेगी. गठबंधन का काम शीर्ष नेतृत्व तय करता है. जो बीजेपी के नेतृत्व पर विश्वास करता है, उसके लिए पार्टी का दरवाजा हमेशा खुला रहता है."- सम्राट चौधरी, बिहार बीजेपी अध्यक्ष