गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने स्कूल पाठ्यक्रम में महान पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोरफूकन (great Ahom General Lachit Borphukan) पर अध्याय शामिल करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पहले ही पत्र भेज चुके हैं.
सरमा ने कहा कि लचित बोरफूकन सबसे महान जनरलों में से एक थे जिन्होंने 16 बार शक्तिशाली मुगलों को हराया था. उन्होंने कहा हालांकि देश के कई हिस्से इस महान जनरल और अहोम वंश के बारे में नहीं जानते हैं. हालांकि, सरमा ने उनके अनुरोध को स्वीकार करने के लिए इसे राज्य सरकारों पर छोड़ दिया, लेकिन कहा कि यदि पाठ्यक्रम में लचित बोरफूकन पर एक अध्याय शामिल किया जाए तो यह देश के अन्य हिस्सों में लोगों को असम और उसके लोगों के बारे में जागरूक करने में मदद करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां देश भर में शिवाजी जैसे मराठा योद्धा के बारे में जागरूकता है, वहीं असम के लचित बोरफूकन के बारे में देश के अन्य हिस्सों में ज्यादा लोग नहीं जानते.
मुगलों के प्रयास को किया था विफल : बोरफूकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे. सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें पहचाना जाता है, जिसमें मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था. मुगलों को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा था. इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है. सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था.
गौरतलब है कि जब सर्बानंद सोनोवाल 2016 में असम के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने असम के सभी सरकारी कार्यालयों के लिए लचित बोरफूकन की तस्वीर लगाना अनिवार्य कर दिया था. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में सर्वश्रेष्ठ कैडेट को लाचित बोरफूकन स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाता है.
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