नई दिल्ली: भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बनने जा रहे न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि न्यायमूर्ति यू.यू. ललित के उत्तराधिकारी के रूप में उनके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह उनके द्वारा शुरू किए गए अच्छे कामों को जारी रखेंगे.
भारत के मौजूदा प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित आठ नवंबर को अदालती अवकाश के दिन, 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. वह 74 दिन की अल्पावधि के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश रहे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा न्यायमूर्ति ललित के लिए आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 49वें सीजेआई ने उल्लेखनीय नेतृत्व किया और वह अपने कार्यकाल के दौरान न्याय तक पहुंच बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध रहे.
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न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'मुझे लगता है कि आपके उत्तराधिकारी के रूप में व्यक्तिगत रूप से मेरे कंधों पर काफी बड़ी जिम्मेदारियां हैं.' सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में 13 मई, 2016 को पदोन्नत होने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का सीजेआई के रूप में दो साल का कार्यकाल होगा और वह 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे.
(पीटीआई-भाषा)