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सावधान ! आपको भी ठग लेगी 'KBC की 25 लाख वाली लॉटरी', ठगी का ये पैंतरा उड़ा देगा आपके होश

केबीसी के नाम पर ठगी के मामले नए नहीं है. लेकिन केबीसी लॉटरी के नाम ठगी के लिए जिन पैंतरों का इस्तेमाल होते हैं वो आपका दिमाग घुमा देंगे. आपको ठगने के लिए ये जालसाज ऐसे-ऐसे पैंतरे अपनाते हैं कि सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. इसलिये ऐसे किसी भी झांसे में ना आएं, जानकार बनिये और सतर्क रहिये. इसलिये आपको इस ठगी के बारे में हम जानकारी दे रहे हैं ताकि आप सतर्क और सावधान रहें.

केबीसी
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Published : Oct 19, 2021, 11:00 PM IST

Updated : May 20, 2022, 3:16 PM IST

हैदराबाद: क्या आपने भी कभी केबीसी के नाम पर लॉटरी जीती है ? या कभी आप केबीसी के नाम पर ठगी का शिकार हुए हैं ? क्या आपके पास इस तरह का कोई कॉल या मैसेज आया है ? अगर हां, तो खुद को खुशनसीब नहीं बल्कि ठगों का शिकार समझिये. इन ठगों की नजर आपकी मेहनत की कमाई पर है, जिसपर सेंध लगाने के लिए ये नए-नए पैंतरे आजमाते रहते हैं और इसके लिए टीवी के सबसे चर्चित क्विज़ शो केबीसी यानि कौन बनेगा करोड़पति के नाम का सहारा लिया जाता है. आइये आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं कि इस ठगी को कैसे अंजाम दिया जाता है.

ये भी पढ़ें: त्योहारों के सीज़न में ठगों से सावधान ! नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं साइबर ठग

बधाई हो आपकी लॉटरी लगी है

इसी शानदार अंदाज़ में फोन कॉल की शुरुआत होती है. बताया जाता है कि आपका मोबाइल नंबर आपके लिए लकी साबित हुआ है उसी नंबर पर आपको 25 लाख की लॉटरी लगी है. वैसे जितने लोगों को भी ठग इस तरह का संदेश भेजते हैं वो 25 लाख की लॉटरी की ही बात कहते हैं.

वॉट्सएप बना ठगों का हथियार

इस तरह के फोन कॉल करना ठगों का पुराना पैंतरा रहा है लेकिन मौजूदा वक्त में वॉट्सएप उनका हथियार है. अब वो लॉटरी से जुड़ी जानकारी वाले डॉक्यूमेंट और ऑडियो आपके वॉट्स एप नंबर पर भेजते हैं. उसी नंबर के वॉट्सएप पर एक रिकॉर्डेंड ऑडियो फाइल भेजी जाती है. जिसमें आपको लॉटरी की राशि और लॉटरी नंबर जैसी जानकारी के साथ बताया जाता है कि आपको ये पैसा कैसे मिलेगा.

इस तरह का ऑडियो आपके वॉट्सएप पर भेजते हैं ठग

ठगों के इस नए पैंतरे में आपको कहा जाता है कि आपको लॉटरी में जीती गई रकम तभी मिलेगी जब आप दिए गए वॉट्सएप नंबर पर कॉल करेंगे. बार-बार सिर्फ और सिर्फ वॉटसएप कॉल करने पर ही जोर दिया जाता है. नॉर्मल कॉल करने से मना किया जाता है. जिसे ये कॉल करना है उसका बकायदा नाम बताया जाता है और आपको भेजे गए डॉक्यूमेंट में भी इसका जिक्र होता है.

जियो, केबीसी, भारत सरकार, मोदी सरकार और फलां-फलां

ठग आपको बताते हैं कि कैसे केबीसी ने गिने चुने फोन या वॉट्स एप नंबरों या खासकर किसी कंपनी विशेष जैसे जियो, एयरटेल के चुनिंदा नंबरों को इस लॉटरी के लिए शामिल किया और सिर्फ आपका नंबर ही चुना गया है. आपकी हंसी छूट जाएगी लेकिन कई बार इसके लिए भारत सरकार, मोदी सरकार का नाम का भी इस्तेमाल करते हैं. बातचीत के दौरान शुरुआत से लेकर आखिर तक केबीसी से जुड़ाव पर जोर दिया जाता है. आपको भेजे गए कागज़ों में अमिताभ बच्चन से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की तस्वीर होती है. जब आपको कॉल आती है या जो रिकॉर्डेड ऑडियो आपको भेजा जाता है उसके बैकग्राउंड में एक म्यूजिक बजता है, कई बार वो कौन बनेगा करोड़पति का सिग्नेचर म्यूजिक भी हो सकता है. मानो ऐसा लगे कि सीधे केबीसी के सेट से ही आपको फोन किया जा रहा हो.

सिर्फ वॉट्सएप कॉल करके लॉटरी की जानकारी लेने को कहा जाता है
सिर्फ वॉट्सएप कॉल करके लॉटरी की जानकारी लेने को कहा जाता है

आपका भरोसा जीतने का सबसे बड़ा पैंतरा

अगर इतने से भी आप भरोसा नहीं कर पाते तो ठग दिए गए वॉट्सएप नंबर पर वॉट्सएप कॉल करने की सलाह भी देते हैं. जिसके बाद आपको बकायदा एक फर्जी वीडियो बनाकर भेजा जाता है. जिसमें केबीसी के सेट से लॉटरी से जुड़ी वही जानकारी आपके फोन नंबर के साथ बताई जाती है. बकायदा एक एंकर इसका एलान करता है कि फलां-फलां नंबर पर 25 लाख की लॉटरी लगी है और इसके लिए आपसे फलां-फलां शख्स जल्द ही संपर्क करेगा और उसी नाम का शख्स आपसे संपर्क भी करता है. जिससे आप झांसे में आ जाते हैं.

अब शुरू होता है असली खेल

अब ठगों के बिछाए इस जाल में जो फंस जाता है वो दिए गए वॉट्सएप नंबर पर कॉल करता है. कुछ लोग पूछताछ करते हैं तो सामने वाला ठग किसी आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र भेजकर भरोसा जीतने की और कोशिश करता है. ये पहचान पत्र बैंक से जुड़े किसी शख्स का भी हो सकता है ताकि सामने वाले को भरोसा हो जाए. हालांकि यहां ठग किसी दूसरे के आधार कार्ड, आईडी का गलत इस्तेमाल या फर्जी आईडी बनवाकर आपको ठगने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं.

वाट्सएप पर भेजे मैसेज में आपका फोन नंबर और लॉटरी की राशि लिखी होती है
वाट्सएप पर भेजे मैसेज में आपका फोन नंबर और लॉटरी की राशि लिखी होती है

इसके बाद आपके बैंक खाते से जुड़ी जानकारी आपसे मांगी जाती है जैसा कि साइबर ठगी में होता आया है. अगर आपने अपनी बैंक खाते से जुड़ी जानकारी उनको दे दी तो आपके खाते पर चपत लगना तय है. इसके अलावा ठग 25 लाख की लॉटरी की रकम के बदले प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी क्लीयरेंस, सरकार के टैक्स और ना जाने किस-किस नाम पर रुपये मांगते हैं. अब सोचिये कि अगर 10, 20 या 50 लोगों में से एक आदमी भी इन ठगों के जाल में फंस जाए तो उसकी जमा पूंजी का तो बंटाधार ही समझिये.

शुरुआत में पाकिस्तान के नंबर से आते थे ऐसे कॉल

केबीसी की लॉटरी के नाम पर ठगी के जो मामले शुरुआत में सामने आते थे उनमें ठगी के तार सीधा पाकिस्तान से जुड़ते थे. दरअसल जिन नंबर से लोगों को इस तरह के मैसेज या ऑडियो भेजे जाते थे वो पाकिस्तान के नंबर होते थे, जो 92 से शुरू होते थे. दरअसल 92 पाकिस्तान का कंट्री कोड है जैसे कि भारत का कंट्री कोड 91 है. इस तरह पाकिस्तान के नंबर देखने पर ज्यादातर लोग सतर्क भी हो जाते थे लेकिन अब ठग भारत के ही मोबाइल नंबर से मैसेज भेजते हैं.

पहले पाकिस्तान के नंबरों से आते थे ऐसे मैसेज
पहले पाकिस्तान के नंबरों से आते थे ऐसे मैसेज

आपका भरोसा जीतने के लिए पूरी प्लानिंग करते हैं ठग

- ठगों के पास कई मोबाइल सिम होती हैं जिनका इस्तेमाल वो आपको मैसेज भेजने या कॉल करने के लिए करते हैं. अपने मकसद में कामयाब होने या फिर फंसने के डर से वो एक सिम बदल लेते हैं.

- अपने शिकार की पहचान के बाद उसको मैसेज, ऑडियो, लॉटरी से जुड़ी जानकारी के डॉक्यूमेंट भेजे जाते हैं. जिनमें अमिताभ बच्चन से लेकर पीएम मोदी जैसी शख्सियतों की तस्वीर के साथ केबीसी का लोगो और भारत सरकार से जुड़े चिन्ह भी छपे होते हैं.

- फोन कॉल या ऑडियो के दौरान बैकग्राउंड में केबीसी का म्यूजिक बजता है ताकि आपको यकीन दिलाना आसान हो कि फोन कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम से ही है.

आपको ठगने के लिए ऐसे बिछाया जाता है जाल
आपको ठगने के लिए ऐसे बिछाया जाता है जाल

- एक फर्जी वीडियो बनाया जाता है, जिसमें बकायदा आपके मोबाइल नंबर पर 25 लाख रुपये की लॉटरी लगने का ऐलान किया जाता है. वीडियो को पहली नजर में देखने पर लगता है कि ये केबीसी के सेट पर भी बनाया गया है. जहां पीछे कौन बनेगा करोड़पति खिलाते अमिताभ बच्चन का वीडियो भी चल रहा होता है.

- जिस वॉट्सएप नंबर पर आपको कॉल करने के लिए कहा जाता है, उसके नाम का जिक्र लगभग हर जगह होता है. वो शख्स भी अपना आधार या कोई अन्य पहचान पत्र आपको वॉट्सएप पर भेजता है ताकि आपको भरोसा हो जाए. हालांकि ये पहचान पत्र भी फर्जी होता है.

ऐसे ठगों को आपकी समझदारी ही दिखाएगी ठेंगा

सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि इस तरह की लॉटरी को लेकर किसी भी तरह की प्रतियोगिता या ड्रॉ ना तो केबीसी की तरफ से करवाई जाती है और ना ही इससे भारत सरकार या किसी और का कुछ लेना देना है. ये पूरी तरह से ठगों की प्रायोजित करनी है, जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ आपको ठगना है इसलिये इस तरह के किसी भी मैसेज, कॉल, ऑडियो मैसेज के झांसे में ना आएं. थोड़ी सी लापरवाही से आप अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेंगे. इसलिये सतर्क और सावधान रहिये. सोशल मीडिया पर लोग केबीसी लॉटरी समेत कई तरह के साइबर क्राइम को लेकर अपना अनुभव साझा करते हैं.

आपको ठगने के नए-नए पैंतरे आजमाते हैं ठग
आपको ठगने के नए-नए पैंतरे आजमाते हैं ठग

बाद में पुलिस के पास जाने से समझदारी भली

अगर आप किसी भी तरह की ठगी या साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो आपके पास पुलिस या साइबर क्राइम की शरण में जाने के अलावा कोई चारा ही नहीं रहता. लेकिन आपकी मेहनत की कमाई जो ठग ली गई उसकी वापसी की गारंटी ना पुलिस देती है ना बैंक, बस आप सिर्फ उम्मीद का दामन थामे रखिये कि जल्द वो ठग पकड़ा जाएगा और आपके रुपये आपको मिल जाएं. लेकिन बाद में पछताकर पुलिस के पास जाने से अच्छा है कि समझदारी से काम लीजिये, ऐसे लॉटरी, ऑफर, कैश प्राइज़ जैसे ठगों के जाल से बचकर रहिये.


लालच-
मानो या ना मानो, लेकिन ये ठगों का सबसे बड़ा हथियार और आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है. कुछ लोग लाखों की लॉटरी के लालच के लिए हजारों देने में गुरेज नहीं करते और बचपन का सिखाया लालच बुरी बला है का पाठ भूल जाते हैं और ठगों का शिकार बन जाते हैं.फिर भी क्यों ठगी का शिकार हो जाते हैं कुछ लोग ?

तकनीक- आज तकनीक का दौर है और ये तकनीक जैसे आपके लिए वरदान साबित हुई है वैसे ही ठगों की भी मददगार बनी है. इस तकनीक के जरिये ठग एक साथ हजारों और लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं. तकनीक के जरिये लोगों का भरोसा जीतने की कोशिश होती है और अगर सफलता की दर 1 फीसदी भी हुई तो कई लोग इसके शिकार हो जाएंगे.

अशिक्षा- भारत जैसे देश में शिक्षा की कमी ठगों के लिए संजीवनी साबित होती है. पढ़ा लिखा ना होना, आज की तकनीक से कोई सरोकार ना होना ऐसे लोगों को ठगों का आसान शिकार बनाता है. ठग भी अधिकतर अशिक्षित या जानकारी का अभाव वालों को ही निशाना बनाते हैं.

ये भी पढ़ें: सावधान! फेस्टिव सीजन में 'घर बैठे कमाएं' और 'सेल' के मैसेज भेजकर ठग रहे हैं जालसाज

हैदराबाद: क्या आपने भी कभी केबीसी के नाम पर लॉटरी जीती है ? या कभी आप केबीसी के नाम पर ठगी का शिकार हुए हैं ? क्या आपके पास इस तरह का कोई कॉल या मैसेज आया है ? अगर हां, तो खुद को खुशनसीब नहीं बल्कि ठगों का शिकार समझिये. इन ठगों की नजर आपकी मेहनत की कमाई पर है, जिसपर सेंध लगाने के लिए ये नए-नए पैंतरे आजमाते रहते हैं और इसके लिए टीवी के सबसे चर्चित क्विज़ शो केबीसी यानि कौन बनेगा करोड़पति के नाम का सहारा लिया जाता है. आइये आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं कि इस ठगी को कैसे अंजाम दिया जाता है.

ये भी पढ़ें: त्योहारों के सीज़न में ठगों से सावधान ! नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं साइबर ठग

बधाई हो आपकी लॉटरी लगी है

इसी शानदार अंदाज़ में फोन कॉल की शुरुआत होती है. बताया जाता है कि आपका मोबाइल नंबर आपके लिए लकी साबित हुआ है उसी नंबर पर आपको 25 लाख की लॉटरी लगी है. वैसे जितने लोगों को भी ठग इस तरह का संदेश भेजते हैं वो 25 लाख की लॉटरी की ही बात कहते हैं.

वॉट्सएप बना ठगों का हथियार

इस तरह के फोन कॉल करना ठगों का पुराना पैंतरा रहा है लेकिन मौजूदा वक्त में वॉट्सएप उनका हथियार है. अब वो लॉटरी से जुड़ी जानकारी वाले डॉक्यूमेंट और ऑडियो आपके वॉट्स एप नंबर पर भेजते हैं. उसी नंबर के वॉट्सएप पर एक रिकॉर्डेंड ऑडियो फाइल भेजी जाती है. जिसमें आपको लॉटरी की राशि और लॉटरी नंबर जैसी जानकारी के साथ बताया जाता है कि आपको ये पैसा कैसे मिलेगा.

इस तरह का ऑडियो आपके वॉट्सएप पर भेजते हैं ठग

ठगों के इस नए पैंतरे में आपको कहा जाता है कि आपको लॉटरी में जीती गई रकम तभी मिलेगी जब आप दिए गए वॉट्सएप नंबर पर कॉल करेंगे. बार-बार सिर्फ और सिर्फ वॉटसएप कॉल करने पर ही जोर दिया जाता है. नॉर्मल कॉल करने से मना किया जाता है. जिसे ये कॉल करना है उसका बकायदा नाम बताया जाता है और आपको भेजे गए डॉक्यूमेंट में भी इसका जिक्र होता है.

जियो, केबीसी, भारत सरकार, मोदी सरकार और फलां-फलां

ठग आपको बताते हैं कि कैसे केबीसी ने गिने चुने फोन या वॉट्स एप नंबरों या खासकर किसी कंपनी विशेष जैसे जियो, एयरटेल के चुनिंदा नंबरों को इस लॉटरी के लिए शामिल किया और सिर्फ आपका नंबर ही चुना गया है. आपकी हंसी छूट जाएगी लेकिन कई बार इसके लिए भारत सरकार, मोदी सरकार का नाम का भी इस्तेमाल करते हैं. बातचीत के दौरान शुरुआत से लेकर आखिर तक केबीसी से जुड़ाव पर जोर दिया जाता है. आपको भेजे गए कागज़ों में अमिताभ बच्चन से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की तस्वीर होती है. जब आपको कॉल आती है या जो रिकॉर्डेड ऑडियो आपको भेजा जाता है उसके बैकग्राउंड में एक म्यूजिक बजता है, कई बार वो कौन बनेगा करोड़पति का सिग्नेचर म्यूजिक भी हो सकता है. मानो ऐसा लगे कि सीधे केबीसी के सेट से ही आपको फोन किया जा रहा हो.

सिर्फ वॉट्सएप कॉल करके लॉटरी की जानकारी लेने को कहा जाता है
सिर्फ वॉट्सएप कॉल करके लॉटरी की जानकारी लेने को कहा जाता है

आपका भरोसा जीतने का सबसे बड़ा पैंतरा

अगर इतने से भी आप भरोसा नहीं कर पाते तो ठग दिए गए वॉट्सएप नंबर पर वॉट्सएप कॉल करने की सलाह भी देते हैं. जिसके बाद आपको बकायदा एक फर्जी वीडियो बनाकर भेजा जाता है. जिसमें केबीसी के सेट से लॉटरी से जुड़ी वही जानकारी आपके फोन नंबर के साथ बताई जाती है. बकायदा एक एंकर इसका एलान करता है कि फलां-फलां नंबर पर 25 लाख की लॉटरी लगी है और इसके लिए आपसे फलां-फलां शख्स जल्द ही संपर्क करेगा और उसी नाम का शख्स आपसे संपर्क भी करता है. जिससे आप झांसे में आ जाते हैं.

अब शुरू होता है असली खेल

अब ठगों के बिछाए इस जाल में जो फंस जाता है वो दिए गए वॉट्सएप नंबर पर कॉल करता है. कुछ लोग पूछताछ करते हैं तो सामने वाला ठग किसी आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र भेजकर भरोसा जीतने की और कोशिश करता है. ये पहचान पत्र बैंक से जुड़े किसी शख्स का भी हो सकता है ताकि सामने वाले को भरोसा हो जाए. हालांकि यहां ठग किसी दूसरे के आधार कार्ड, आईडी का गलत इस्तेमाल या फर्जी आईडी बनवाकर आपको ठगने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं.

वाट्सएप पर भेजे मैसेज में आपका फोन नंबर और लॉटरी की राशि लिखी होती है
वाट्सएप पर भेजे मैसेज में आपका फोन नंबर और लॉटरी की राशि लिखी होती है

इसके बाद आपके बैंक खाते से जुड़ी जानकारी आपसे मांगी जाती है जैसा कि साइबर ठगी में होता आया है. अगर आपने अपनी बैंक खाते से जुड़ी जानकारी उनको दे दी तो आपके खाते पर चपत लगना तय है. इसके अलावा ठग 25 लाख की लॉटरी की रकम के बदले प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी क्लीयरेंस, सरकार के टैक्स और ना जाने किस-किस नाम पर रुपये मांगते हैं. अब सोचिये कि अगर 10, 20 या 50 लोगों में से एक आदमी भी इन ठगों के जाल में फंस जाए तो उसकी जमा पूंजी का तो बंटाधार ही समझिये.

शुरुआत में पाकिस्तान के नंबर से आते थे ऐसे कॉल

केबीसी की लॉटरी के नाम पर ठगी के जो मामले शुरुआत में सामने आते थे उनमें ठगी के तार सीधा पाकिस्तान से जुड़ते थे. दरअसल जिन नंबर से लोगों को इस तरह के मैसेज या ऑडियो भेजे जाते थे वो पाकिस्तान के नंबर होते थे, जो 92 से शुरू होते थे. दरअसल 92 पाकिस्तान का कंट्री कोड है जैसे कि भारत का कंट्री कोड 91 है. इस तरह पाकिस्तान के नंबर देखने पर ज्यादातर लोग सतर्क भी हो जाते थे लेकिन अब ठग भारत के ही मोबाइल नंबर से मैसेज भेजते हैं.

पहले पाकिस्तान के नंबरों से आते थे ऐसे मैसेज
पहले पाकिस्तान के नंबरों से आते थे ऐसे मैसेज

आपका भरोसा जीतने के लिए पूरी प्लानिंग करते हैं ठग

- ठगों के पास कई मोबाइल सिम होती हैं जिनका इस्तेमाल वो आपको मैसेज भेजने या कॉल करने के लिए करते हैं. अपने मकसद में कामयाब होने या फिर फंसने के डर से वो एक सिम बदल लेते हैं.

- अपने शिकार की पहचान के बाद उसको मैसेज, ऑडियो, लॉटरी से जुड़ी जानकारी के डॉक्यूमेंट भेजे जाते हैं. जिनमें अमिताभ बच्चन से लेकर पीएम मोदी जैसी शख्सियतों की तस्वीर के साथ केबीसी का लोगो और भारत सरकार से जुड़े चिन्ह भी छपे होते हैं.

- फोन कॉल या ऑडियो के दौरान बैकग्राउंड में केबीसी का म्यूजिक बजता है ताकि आपको यकीन दिलाना आसान हो कि फोन कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम से ही है.

आपको ठगने के लिए ऐसे बिछाया जाता है जाल
आपको ठगने के लिए ऐसे बिछाया जाता है जाल

- एक फर्जी वीडियो बनाया जाता है, जिसमें बकायदा आपके मोबाइल नंबर पर 25 लाख रुपये की लॉटरी लगने का ऐलान किया जाता है. वीडियो को पहली नजर में देखने पर लगता है कि ये केबीसी के सेट पर भी बनाया गया है. जहां पीछे कौन बनेगा करोड़पति खिलाते अमिताभ बच्चन का वीडियो भी चल रहा होता है.

- जिस वॉट्सएप नंबर पर आपको कॉल करने के लिए कहा जाता है, उसके नाम का जिक्र लगभग हर जगह होता है. वो शख्स भी अपना आधार या कोई अन्य पहचान पत्र आपको वॉट्सएप पर भेजता है ताकि आपको भरोसा हो जाए. हालांकि ये पहचान पत्र भी फर्जी होता है.

ऐसे ठगों को आपकी समझदारी ही दिखाएगी ठेंगा

सबसे पहले तो ये जान लीजिये कि इस तरह की लॉटरी को लेकर किसी भी तरह की प्रतियोगिता या ड्रॉ ना तो केबीसी की तरफ से करवाई जाती है और ना ही इससे भारत सरकार या किसी और का कुछ लेना देना है. ये पूरी तरह से ठगों की प्रायोजित करनी है, जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ आपको ठगना है इसलिये इस तरह के किसी भी मैसेज, कॉल, ऑडियो मैसेज के झांसे में ना आएं. थोड़ी सी लापरवाही से आप अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लेंगे. इसलिये सतर्क और सावधान रहिये. सोशल मीडिया पर लोग केबीसी लॉटरी समेत कई तरह के साइबर क्राइम को लेकर अपना अनुभव साझा करते हैं.

आपको ठगने के नए-नए पैंतरे आजमाते हैं ठग
आपको ठगने के नए-नए पैंतरे आजमाते हैं ठग

बाद में पुलिस के पास जाने से समझदारी भली

अगर आप किसी भी तरह की ठगी या साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो आपके पास पुलिस या साइबर क्राइम की शरण में जाने के अलावा कोई चारा ही नहीं रहता. लेकिन आपकी मेहनत की कमाई जो ठग ली गई उसकी वापसी की गारंटी ना पुलिस देती है ना बैंक, बस आप सिर्फ उम्मीद का दामन थामे रखिये कि जल्द वो ठग पकड़ा जाएगा और आपके रुपये आपको मिल जाएं. लेकिन बाद में पछताकर पुलिस के पास जाने से अच्छा है कि समझदारी से काम लीजिये, ऐसे लॉटरी, ऑफर, कैश प्राइज़ जैसे ठगों के जाल से बचकर रहिये.


लालच-
मानो या ना मानो, लेकिन ये ठगों का सबसे बड़ा हथियार और आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है. कुछ लोग लाखों की लॉटरी के लालच के लिए हजारों देने में गुरेज नहीं करते और बचपन का सिखाया लालच बुरी बला है का पाठ भूल जाते हैं और ठगों का शिकार बन जाते हैं.फिर भी क्यों ठगी का शिकार हो जाते हैं कुछ लोग ?

तकनीक- आज तकनीक का दौर है और ये तकनीक जैसे आपके लिए वरदान साबित हुई है वैसे ही ठगों की भी मददगार बनी है. इस तकनीक के जरिये ठग एक साथ हजारों और लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं. तकनीक के जरिये लोगों का भरोसा जीतने की कोशिश होती है और अगर सफलता की दर 1 फीसदी भी हुई तो कई लोग इसके शिकार हो जाएंगे.

अशिक्षा- भारत जैसे देश में शिक्षा की कमी ठगों के लिए संजीवनी साबित होती है. पढ़ा लिखा ना होना, आज की तकनीक से कोई सरोकार ना होना ऐसे लोगों को ठगों का आसान शिकार बनाता है. ठग भी अधिकतर अशिक्षित या जानकारी का अभाव वालों को ही निशाना बनाते हैं.

ये भी पढ़ें: सावधान! फेस्टिव सीजन में 'घर बैठे कमाएं' और 'सेल' के मैसेज भेजकर ठग रहे हैं जालसाज

Last Updated : May 20, 2022, 3:16 PM IST
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