चित्रकूट : 'हिंदू एकता महाकुंभ' में (Hindu Ekta Mahakumbh) में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने 'घर वापसी' के लिए काम करने की शपथ दिलाई है. चित्रकूट में आयोजित 'हिंदू एकता महाकुंभ' में उपस्थित लोगों से भागवत ने आह्वान किया कि वे घर वापसी के लिए काम (work for ghar wapasi) करें.
भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म छोड़कर किसी अन्य धर्म में परिवर्तित होने वाले लोगों (who left Hinduism and converted to other religion) की 'घर वापसी' के लिए काम करने का संकल्प लें. उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति के धर्मयोद्धा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लें कि अपने पवित्र हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति और हिन्दू समाज के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करेंगे. साथ ही प्रतिज्ञा करें कि किसी भी हिंदू भाई को हिन्दू धर्म से विमुख नहीं होने देंगे, जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करेंगे.
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए हम सभी को स्वार्थ और अहंकार को छोड़ना होगा. हिंदू धर्म की संस्कृति को बचाने के लिए हम सब को संकल्प लेना होगा. इस दौरान उन्होंने देवों और राक्षसों की एक कथा सुनाकर विपक्षियों पर भी निशाना साधा.
इस मौके पर 1100 शंख भी बजाए गए. महाकुंभ में धर्मांतरण, लव जिहाद और गो रक्षा समेत कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. जगतगुरु रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी जय मिश्रा ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया. हालांकि इस कार्यक्रम में सीएम नहीं आ सके.
कार्यक्रम में अयोध्या के श्रीराम मंदिर पर चर्चा की गई. धर्मांतरण, हिंदुओं के मठ मंदिर पर अधिग्रहण, राष्ट्रवाद, लव जिहाद, हिंदुत्व, आर्ट ऑफ लिविंग और धर्मांतरण पर चर्चा की गई.
इससे पहले भागवत के कार्यक्रम स्थल से लेकर प्रवास स्थल तक सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई. मंगलवार की देर शाम को सांसद व गायक मनोज तिवारी भी चित्रकूट पहुंचे. उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लेकर मंदिर में माथा टेका.
सभी जातियों को एक मंच पर लाने का प्रयास
'हिंदू एकता महाकुंभ' (Hindu Ekta Mahakumbh) के बारे में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया था कि इस कार्यक्रम में भले ही 5 लाख धर्मावलंबियों के आने की संभावना है. पूरे कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया जाएगा. इसमें सिर्फ अयोध्या, काशी और मथुरा के महात्म्य समेत 12 विषयों में सबसे बड़ा विषय हिंदू एकता को रखा गया है. इस मौके पर संतों की तरफ से यह भी प्रस्ताव बनाया जाएगा कि हिंदू वर्ग से जुड़ी सभी जातियों को एक मंच पर लाया जाए.
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उन्होंने बताया था कि कार्यक्रम में विश्व के अंदर सनातन धर्म की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर हिंदू विरोधी शक्तियां हमें जाति व सम्प्रदाय में विभाजित करके दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं. अबोध बालक-बालिकाओं को पाश्चात्य शिक्षा के नाम पर सनातन संस्कृति व संस्कार से दूर किया जा रहा है. बेटियों को लव जिहाद में फंसाकर मतांतरण करा शोषण हो रहा, ये बंद होना चाहिए.