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केंद्र ने गरीबों को 6 महीने और दी मुफ्त राशन की राहत, सितंबर तक बढ़ाई गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि भारतवर्ष का सामर्थ्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है. इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) को छह महीने और बढ़ाकर सितंबर 2022 तक जारी रखने का निर्णय लिया है. देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे.

September
सितंबर तक बढ़ी योजना
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Published : Mar 26, 2022, 10:38 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से उबरने के हालात के बीच समाज के कमजोर तबके को सहायता प्रदान करना जारी रखने के मकसद से शनिवार को गरीबों को पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) प्रदान करने की योजनावधि को अगले छह माह यानी 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. इससे राजकोष पर लगभग 80000 करोड़ रुपये का भार आने की संभावना है.

भारत में दो साल पहले सख्त लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद शुरू हुई यह योजना कुछ दिन बाद 31 मार्च को ही समाप्त होने वाली थी. पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत पहले ही लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और छह महीने के विस्तार के साथ इस पर 80000 करोड़ रुपये का खर्च और आएगा. मार्च 2020 में केंद्र ने कोविड महामारी के दौरान लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) योजना शुरू की थी.

योजना का छठा चरण: सरकारी बयान में कहा गया है कि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति चिंता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-जीकेएवाई योजना को अगले और छह महीने यानी सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया है. यह इस योजना का छठा चरण होगा. पीएम-जीकेएवाई योजना का पांचवां चरण मार्च 2022 में खत्म होने वाला था. आधिकारिक बयान के मुताबिक सरकार ने अब तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और अगले छह महीनों में सितंबर 2022 तक 80000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे, जिससे पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.

मोदी सरकार की संवेदनशीलता: खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि योजना की अवधि बढ़ाने का फैसला गरीबों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है. अतिरिक्त मुफ्त अनाज, एनएफएसए के तहत प्रदान किए जाने वाले 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर दिये जाने वाले सामान्य राशन कोटे से अतिरिक्त है. बयान में कहा गया है कि भले ही कोविड-19 महामारी काफी हद तक समाप्त हो गई है और आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं लेकिन पीएम-जीकेएवाई योजना का विस्तार यह सुनिश्चित करेगा कि स्थिति सुधार के दौर में कोई भी गरीब परिवार बिना भोजन के बिस्तर पर न जाए.

राशन पोर्टेबिलिटी का लाभ: सरकार ने पांचवें चरण तक पीएम-जीकेएवाई के तहत लगभग 759 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न आवंटित किया था. बयान में कहा गया है. इस विस्तार (छठा चरण) के तहत 244 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न के साथ पीएम-जीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न का कुल आवंटन अब तक 1003 लाख टन खाद्यान्न हो गया है. देश भर में लगभग 5 लाख राशन की दुकानों से वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना के तहत किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा पोर्टेबिलिटी के माध्यम से मुफ्त राशन का लाभ उठाया जा सकता है. अब तक घर से दूर रहने वाले 61 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने लाभार्थियों को लाभान्वित किया है.

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मंत्रालय ने किसानों को दी बधाई: खाद्य मंत्रालय ने कहा कि यह सरकार द्वारा सदी की सबसे खराब महामारी के बावजूद अब तक की सबसे अधिक खरीद तथा किसानों को अब तक किये गये सबसे अधिक भुगतान के साथ के कारण संभव हुआ है. बयान में कहा गया कि कृषि क्षेत्रों में इस रिकॉर्ड उत्पादन के लिए भारतीय किसान अन्नदाता बधाई के पात्र हैं. शुरुआत में सरकार ने इस योजना के तहत एक किलो दाल भी बांटी थी लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से उबरने के हालात के बीच समाज के कमजोर तबके को सहायता प्रदान करना जारी रखने के मकसद से शनिवार को गरीबों को पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) प्रदान करने की योजनावधि को अगले छह माह यानी 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. इससे राजकोष पर लगभग 80000 करोड़ रुपये का भार आने की संभावना है.

भारत में दो साल पहले सख्त लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद शुरू हुई यह योजना कुछ दिन बाद 31 मार्च को ही समाप्त होने वाली थी. पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत पहले ही लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और छह महीने के विस्तार के साथ इस पर 80000 करोड़ रुपये का खर्च और आएगा. मार्च 2020 में केंद्र ने कोविड महामारी के दौरान लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) योजना शुरू की थी.

योजना का छठा चरण: सरकारी बयान में कहा गया है कि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति चिंता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-जीकेएवाई योजना को अगले और छह महीने यानी सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया है. यह इस योजना का छठा चरण होगा. पीएम-जीकेएवाई योजना का पांचवां चरण मार्च 2022 में खत्म होने वाला था. आधिकारिक बयान के मुताबिक सरकार ने अब तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और अगले छह महीनों में सितंबर 2022 तक 80000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे, जिससे पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.

मोदी सरकार की संवेदनशीलता: खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि योजना की अवधि बढ़ाने का फैसला गरीबों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है. अतिरिक्त मुफ्त अनाज, एनएफएसए के तहत प्रदान किए जाने वाले 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर दिये जाने वाले सामान्य राशन कोटे से अतिरिक्त है. बयान में कहा गया है कि भले ही कोविड-19 महामारी काफी हद तक समाप्त हो गई है और आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं लेकिन पीएम-जीकेएवाई योजना का विस्तार यह सुनिश्चित करेगा कि स्थिति सुधार के दौर में कोई भी गरीब परिवार बिना भोजन के बिस्तर पर न जाए.

राशन पोर्टेबिलिटी का लाभ: सरकार ने पांचवें चरण तक पीएम-जीकेएवाई के तहत लगभग 759 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न आवंटित किया था. बयान में कहा गया है. इस विस्तार (छठा चरण) के तहत 244 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न के साथ पीएम-जीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न का कुल आवंटन अब तक 1003 लाख टन खाद्यान्न हो गया है. देश भर में लगभग 5 लाख राशन की दुकानों से वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना के तहत किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा पोर्टेबिलिटी के माध्यम से मुफ्त राशन का लाभ उठाया जा सकता है. अब तक घर से दूर रहने वाले 61 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने लाभार्थियों को लाभान्वित किया है.

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मंत्रालय ने किसानों को दी बधाई: खाद्य मंत्रालय ने कहा कि यह सरकार द्वारा सदी की सबसे खराब महामारी के बावजूद अब तक की सबसे अधिक खरीद तथा किसानों को अब तक किये गये सबसे अधिक भुगतान के साथ के कारण संभव हुआ है. बयान में कहा गया कि कृषि क्षेत्रों में इस रिकॉर्ड उत्पादन के लिए भारतीय किसान अन्नदाता बधाई के पात्र हैं. शुरुआत में सरकार ने इस योजना के तहत एक किलो दाल भी बांटी थी लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया.

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