पटना/हैदराबाद : बिहार की सहरसा जेल में बंद गोपालगंज के तत्कालीन कलेक्टर जी कृष्णैया हत्याकांड में सजायाफ्ता बाहुबली आनंद मोहन को आज भोर में ही जेल से रिहा कर दिया गया. आनंद मोहन को दोपहर में छोड़े जाने का समय तय था. लेकिन उनकी रिहाई भीड़ को देखते हुए पहले ही कर दी गई. इस रिहाई पर एक ओर जहां सियासी भूचाल मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर भूतपूर्व आईएएस जी कृष्णैया का परिवार उनकी रिहाई को लेकर सवाल खड़े कर रहा है.
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पीएम मोदी और राष्ट्रपति से करेंगे अपील: के दिवंगत जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि जब कानून के जरिए उन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई है तो ये कैसे कह सकते हैं कि उनकी रिहाई कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है. उसे छोड़ा जाना गलत है. नीतीश सरकार को अपने फैसले पर फिर से पुनर्विचार करना चाहिए. उनके इस फैसले से कोई आईएएस, आईपीएस, आईएफएस पर काम कर रहे लोग डिमारलाइज होंगे. हमारे पति सेंट्रल गवर्नमेंट के ऑफिसर रहे हैं इसलिए हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मांग करेंगे. इसके लिए हमें कोर्ट भी जाना पड़ेगा तो जाएंगे.
''आनंद मोहन रिलीज हो गया तो उसे फिर से जेल में भेजने के लिए पब्लिक प्रोटेस्ट करेगा. ये आदेश पॉलिटिकली मोटिवेटेड है. आनंद मोहन चीफ मिनिस्टर को प्रेशराइज कर दिया होगा. इसलिए उन्होंने ऐसा डिसीजन ले लिया. इतना पब्लिक के प्रोटेस्ट करने के बाद भी उसे रिलीज कर लिया है तो ये गलत है. ऐसे केस को इस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.'' - उमा देवी, दिवंगत IAS जी कृष्णैया की पत्नी
'नीतीश ने दबाव में आकर लिया फैसला': उमा देवी ने लोगों से अपील की है कि अगर वो चुनाव में खड़ा होता भी है तो उसे आप लोग वोट मत डालना. सीएम नीतीश कुमार ने रिलीज करने का आदेश किसी दबाव में आकर किया होगा. हर कोई उसकी रिहाई का विरोध कर रहा है फिर भी आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया है. ये बहुत गलत है.
'राजपूत वोटों की खातिर रिहाई ?' : जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने भी नीतीश से फैसले से पुनर्विचार करने की गुहार की. उन्होने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांग को अनसुना करती है तो वो राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का रुख करेंगी. उनके पिता के दोस्त भी इसके लिए तैयार हैं. आनंद मोहन के पॉलिटिकल रसूख और राजपूत होने का एडवांटेज मिल रहा है. हमारे साथ अन्याय हुआ है.
"अगर नीतीश सरकार आगे जाकर डिसीजन नहीं लेती है, आनंद मोहन के फायदे के लिए काम करती है तो हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जी से अपील करेंगे. हम सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करेंगे. हमारे तरफ से जो भी हो सकता है हम करेंगे. इतने लोग कास्ट को लेकर बात कर रहे हैं तो शायद वही सच होगा. हमने सुना है कि आनंद मोहन राजपूत है और कास्ट पॉलिटिक्स के लिए, वोट बढ़ाने के लिए उन्हें रिहा किया गया होगा. इसके पीछे निश्चित तौर पर बड़ा हाथ होगा. लेकिन मैं इसे कन्फर्म नहीं कर सकती हूं क्योंकि मुझे इसके पीछे की स्टोरी नहीं पता"- पद्मा, भूतपूर्व आईएएस जी कृष्णैया की बेटी
रिहाई को भुनाने की होड़ ! : जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी दोनों ने उनकी रिहाई के पीछे कास्ट पॉलिटिक्स की ओर इशारा किया है. साथ ही दोनों ने मांग की है कि इस पर नीतीश सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. फिलहाल आनंद मोहन जेल से रिहा हो चुका है. खुली हवा में सांस ले रहा है. बिहार में आनंद मोहन के रिहाई को भुनाने की होड़ भी शुरू हो चुकी है.