पटना: आरजेडी चीफ लालू यादव के बिहार में कदम रखते ही महागठबंधन में 2024 की सियासी लड़ाई को और धार देने की तैयारी तेज होने लगी है. सीएम नीतीश कुमार शुक्रवार को लालू का हाल-चाल पूछने राबड़ी आवास पहुंच गए. जिसके बाद बिहार की राजनीतिक हलचल और तेज हो गई. हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने साफ कहा कि लालू यादव भले ही महागबंधन के डायरेक्टर हों, लेकिन उनके आने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है लेकिन महागठबंधन के नेता उत्साहित दिख रहे हैं.
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क्या कहा नीतीश कुमार ने?: वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए साफ कहा कि बिहार में भी एक बैठक कराने की बात हो रही है, ये सभी लोगों के साथ बैठ कर तय होगा. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ये कब तक होगी. उन्होंने साफ कहा कि अभी एक प्रदेश में चुनाव होने वाला है. इसलिए अभी कुछ नहीं कहेंगे. सभी लोग मिल बैठ कर तय करेंगे की क्या और कैसे करना है.
बिहार में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक होगी: आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बिहार में भी विपक्षी एकता को लेकर एक बैठक कराने की सलाह दी थी, जब नीतीश कुमार उनसे मिलने कोलकाता गए थे. उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. जहां से आने बाद ये चर्चा तेज हो गई कि बिहार में भी एक बड़ा कार्यक्रम विपक्षी एकता को लेकर होगा और अब तो सीएम ने भी इसे लेकर हामी भर दी है.
"लालू जी से कल जा कर मिले हैं वो बीमार थे अब इलाज कराकर लौटें हैं. आगे भी उनसे मुलाकात होगी. आपको हम पहले ही बता चुके हैं कि कई लोगों से बीतचीत कर चुके हैं और आगे भी लोगों से बात होनी है. अच्छी बात है ना सबकी इच्छा है तो बिहार में भी बैठक होगी जब होगी तो अप लोग को पता चल ही जाएगा"- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
2024 चुनाव को लेकर बिहार में हलचल तेजः आम चुनाव के लिए सभी पार्टियां अब कमर कस चुकी हैं. होना भी चाहिए, क्योंकि आम चुनाव को अब केवल एक साल से भी कम समय बचा है. देश के राजनीतिक हालात को देखते हुए तमाम विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होने का मन बना लिया है. खास कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद जो साथ नहीं थे, वो भी साथ आ गए. महागठबंधन खास तौर से विपक्षी एकता को मजबूत करने में लगा हुआ है, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने खुद इसका बीड़ा उठाया है. उनकी पार्टी के लोगों को उम्मीद ये भी है कि अगर 2024 में महागठबंधन को जीत मिलती है और सबकी सहमति बनती है, तो बिहार का एक नेता पहली बार प्रधानमंत्री भी बन सकता है. यही वजह है कि महागठबंधन के तमाम बड़े नेता भी चाहते हैं कि विपक्षी एकता को लेकर एक बड़ी बैठक बिहार से भी हो. जिसका इशारा आज सीएम नीतीश ने साफ तौर पर किया है.