हरदा: शासन और प्रशासन सामाजिक समरसता के लाख दावे करे, लेकिन इनकी पोल अक्सर खुलती रहती है. (Dalit woman harassed in harda) हरदा जिला मुख्यालय में एक दलित महिला ने थाने में शिकायत की है कि कुछ दबंग लोग उसे सरकारी नल से पानी नहीं भरने देते हैं. महिला का आरोप है कि वो दो बार पुलिस के पास जा चुकी है, लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई.
दलित युवती को सवर्ण युवक से लव मैरिज करना भारी पड़ा
हरदा शहर के नया बस स्टैंड क्षेत्र के पास रहने वाली एक दलित महिला को सवर्ण वर्ग में शादी करना भारी पड़ रहा है. इसने चार साल पहले प्रेम विवाह किया था. युवती दलित वर्ग की है और इसने सवर्ण जाति के युवक से शादी की है. समाज के दबंग लोग इसी बात से नाराज हैं. युवती का आरोप है कि उसके पड़ोस में रहने वाले लोग उसे शादी के बाद से ही परेशान कर रहे हैं. उसे आते जाते जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हैं.
सरकारी नल से नहीं भरने दिया जाता पानी
महिला का कहना है कि पास के सरकारी नल से उसे पानी नहीं भरने दिया जाता. (dalit woman stopped taking water harda) पानी भरने के लिए जब वो जाती है तो उसे अपमानित किया जाता है. उसे डरा धमका कर भगा दिया जाता है. इतना ही नहीं, जब वो शौच के लिए जाती है तो शौचालय में पत्थर डाल दिए जाते हैं.
मंदिर का पुजारी भी बाहर निकाल देता है
महिला का ये भी आरोप है कि पास के मंदिर में भी अंदर जाने से उसे (no entry dalit woman in temple harda) रोका जाता है. पीड़ित महिला ने बताया कि मंदिर के पुजारी ने उसकी बेटी को भी कई बार डांटकर मंदिर से बाहर निकाल दिया. एक बार तो पुजारी ने उसकी बेटी को इतनी जोर से धक्का मारा कि बच्ची के होंठ पर चोट लग गई. पुजारी कहता है कि तुम बाहर ही खड़े रहा करो, बाहर से ही प्रसाद लिया करो. महिला का आरोप है कि उसके पड़ोस में रहने वाले दबंग लोगों के कहने पर ही उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है.
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दो बार पुलिस से की शिकायत, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
पीड़ित दलित महिला का कहना है कि वो दो बार पुलिस से इसकी शिकायत कर चुकी है. एक बार अजाक थाने में और दूसरी बार एसपी दफ्तर में फरियाद लेकर जा चुकी है. लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई . इंसाफ पाने के लिए वो गुरुवार को फिर एसपी से मिली और दोबारा शिकायत की.
थाने का ढुलमुल रवैया!
इस मामले में जब अजाक थाने के इंचार्ज से बात की, तो प्रभारी अनुराग लाल ने बताया कि ऐसी शिकायत आई है. हम तथ्यों की जांच कर रहे हैं. जो भी कानूनी रूप से उचित होगा करेंगे.