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दंपती सहित 4 मासूमों की निर्मम हत्या का मामला, दोषियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

28 जुलाई, 2015 को एक दंपती और उनके चार मासूमों की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में दोनों आरोपी हत्या के दोषी पाए गए. इस पर शनिवार को जिले की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई (Convicts get death penalty for killing a family) है. दोनों पर 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

Convicts get death penalty for killing a family, death sentence to convicts of killing 6
दोषियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा.
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Published : Aug 6, 2022, 10:25 PM IST

भीलवाड़ा. जिले की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने शनिवार को 7 साल पूर्व दंपती सहित चार मासूमों की निर्मम हत्या करने के मामले में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई (death sentence to convicts of killing 6) है. इसके साथ ही कोर्ट ने इन पर 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. वहीं कोर्ट ने आदेश में विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषियों की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उनकी मृत्यु ना हो जाए.

विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बाफना ने बताया कि 28 जुलाई, 2015 की सुबह मांडल पुलिस को हीराजी का खेड़ा जाने वाले रास्ते पर एक महिला व पुरुष की लाश पड़ी होने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाया और जांच पड़ताल की. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मामले में कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस पर दोनों कातिलों पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए न्यायालय में 41 गवाहों के बयान हुए और 153 दस्तावेज पेश किए गए. इस पर कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.

दोषियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा.

पढ़ें: मां के हत्यारे को मिला मृत्युदंड, जानिए क्या है पूरा मामला

जियारत के बहाने आरोपी परिवार ले गया था अपने साथ: आरोपी 27 जुलाई की रात निम्बाहेड़ा के 38 वर्षीय युनूस उर्फ सोनू, इसकी पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया, 10 साल के पुत्र अशरफ, 7 साल की बेटी गुडिया, 4 साल की साजिया उर्फ आशिदा व 2 साल की शकीना को षड्यंत्र के तहत उदयपुर में पंजीकृत टवेरा वाहन में बैठाकर निम्बाहेड़ा से रवाना हुआ. उसके साथ राखीबंद भाई राजेश खटीक भी था. आधी रात को भीलवाड़ा के धूलखेड़ा के पास गाड़ी को सड़क से नीचे उतारा. टवेरा में पहले से तलवार रखी थी. आरोपियों ने इन लोगों की यहां हत्या कर दी (6 Family members killed) थी. पुलिस ने शराफत व राजेश से अलग-अलग पूछताछ की थी. दोनों पहले पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में दोनों टूट गए और 6 कत्ल करना कबूल कर लिया.

पढ़ें: दीपावली की रात परिवार के पांच लोगों की हत्या करने वाले हरमीत को फांसी की सजा

बंद मकान खोला तो चला दुश्मनी का पता: पुलिस ने मृतक युनूस के मकान की पड़ोसियों की मौजूदगी में तलाशी ली, तो फैमिली का ज्वाइंट फोटो मिला. साथ ही एक मोबाइल नंबर भी मिला. इस पर कॉल करने पर हैदर अली नाम के व्यक्ति ने कॉल रिसीव किया. उसे युनूस व उसकी पत्नी की हत्या होना बताया. हैदर ने युनूस को अपना बेटा बताया. साथ ही उसकी दुश्मनी पड़ोस के सलीम से होने की बात कही. डाली बाई ने भी पुलिस को बताया कि सलीम की एक माह पहले मौत हो गई थी.

पढ़ें: Bundi: गैंगरेप के आरोपियों को सजा-ए-मौत, हत्या के बाद भी करते रहे घिनौना काम

आरोपी के पिता के थे चांदतारा से अवैध संबंध: हत्या आरोपी शराफत ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया था कि उसके पिता के युनूस की पत्नी चांदतारा से अवैध संबंध थे. उसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ. वह पिता को कुछ नहीं बोल सकता था और मन ही मन घुटता था. एक माह पहले पिता सलीम की मौत हो गई थी. शराफत ने कबूला था कि 40वें के खाने के लिए कहने उसकी बहन युनूस के घर गई थी. इस दौरान युनूस ने उसकी बहन से अभद्रता की थी. वह रोती हुई वापस आई और आपबीती बताई. लेकिन घर में काम होने की वजह से वह चुप रहा. उसके जहन में यह बात खटकने लगी थी.

भीलवाड़ा. जिले की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने शनिवार को 7 साल पूर्व दंपती सहित चार मासूमों की निर्मम हत्या करने के मामले में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई (death sentence to convicts of killing 6) है. इसके साथ ही कोर्ट ने इन पर 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. वहीं कोर्ट ने आदेश में विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषियों की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उनकी मृत्यु ना हो जाए.

विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बाफना ने बताया कि 28 जुलाई, 2015 की सुबह मांडल पुलिस को हीराजी का खेड़ा जाने वाले रास्ते पर एक महिला व पुरुष की लाश पड़ी होने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाया और जांच पड़ताल की. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मामले में कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस पर दोनों कातिलों पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए न्यायालय में 41 गवाहों के बयान हुए और 153 दस्तावेज पेश किए गए. इस पर कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.

दोषियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा.

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जियारत के बहाने आरोपी परिवार ले गया था अपने साथ: आरोपी 27 जुलाई की रात निम्बाहेड़ा के 38 वर्षीय युनूस उर्फ सोनू, इसकी पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया, 10 साल के पुत्र अशरफ, 7 साल की बेटी गुडिया, 4 साल की साजिया उर्फ आशिदा व 2 साल की शकीना को षड्यंत्र के तहत उदयपुर में पंजीकृत टवेरा वाहन में बैठाकर निम्बाहेड़ा से रवाना हुआ. उसके साथ राखीबंद भाई राजेश खटीक भी था. आधी रात को भीलवाड़ा के धूलखेड़ा के पास गाड़ी को सड़क से नीचे उतारा. टवेरा में पहले से तलवार रखी थी. आरोपियों ने इन लोगों की यहां हत्या कर दी (6 Family members killed) थी. पुलिस ने शराफत व राजेश से अलग-अलग पूछताछ की थी. दोनों पहले पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में दोनों टूट गए और 6 कत्ल करना कबूल कर लिया.

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बंद मकान खोला तो चला दुश्मनी का पता: पुलिस ने मृतक युनूस के मकान की पड़ोसियों की मौजूदगी में तलाशी ली, तो फैमिली का ज्वाइंट फोटो मिला. साथ ही एक मोबाइल नंबर भी मिला. इस पर कॉल करने पर हैदर अली नाम के व्यक्ति ने कॉल रिसीव किया. उसे युनूस व उसकी पत्नी की हत्या होना बताया. हैदर ने युनूस को अपना बेटा बताया. साथ ही उसकी दुश्मनी पड़ोस के सलीम से होने की बात कही. डाली बाई ने भी पुलिस को बताया कि सलीम की एक माह पहले मौत हो गई थी.

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आरोपी के पिता के थे चांदतारा से अवैध संबंध: हत्या आरोपी शराफत ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया था कि उसके पिता के युनूस की पत्नी चांदतारा से अवैध संबंध थे. उसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ. वह पिता को कुछ नहीं बोल सकता था और मन ही मन घुटता था. एक माह पहले पिता सलीम की मौत हो गई थी. शराफत ने कबूला था कि 40वें के खाने के लिए कहने उसकी बहन युनूस के घर गई थी. इस दौरान युनूस ने उसकी बहन से अभद्रता की थी. वह रोती हुई वापस आई और आपबीती बताई. लेकिन घर में काम होने की वजह से वह चुप रहा. उसके जहन में यह बात खटकने लगी थी.

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