नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पहली बार पाए गए कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट का नाम ओमिक्रॉन (Omicron) रखा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह फैसला लिया है.
हालांकि अब यह सवाल उठने लगा है कि WHO ने Nu या Xi के बजाए वेरिएंट का नाम ओमिक्रॉन क्यों रखा? हालांकि इसके पीछे भी खास वजह है. जानकारों का कहना है कि संगठन की तरफ से यह कदम किसी को भी बदनामी से बचाने के लिए किया गया है.
WHO अब तक ग्रीक अल्फाबेट (Greek alphabet) के हिसाब से वेरिएंट्स का नाम तय कर रहा था, ताकि इन्हें लेकर आसानी हो. ग्रीक अल्फाबेट में लैम्बडा के बाद Nu और Xi आता है. इन दोनों के बाद ओमिक्रॉन का नंबर आता है. दुनिया कयास लगा रही थी कि नए वेरिएंट का नाम इन दोनों में से ही कुछ रखा जा सकता है.
द टेलीग्राफ को एक अधिकारी ने जानकारी दी कि ऐसा क्षेत्र को कलंक से बचाने के लिए किया गया है. द टेलीग्राफ के वरिष्ठ संपादक पॉल नुकी ने सूत्र की बात ट्विटर पर साझा की है. उन्होंने बताया कि WHO सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि ग्रीक अल्फाबेट के Nu और Xi शब्दों को जानबूझकर छोड़ा गया है.
Nu को शब्द न्यू के साथ परेशानी से बचने और Xi को क्षेत्र को कलंक से बचाने के लिए छोड़ा गया है. खास बात यह है कि चीन के राष्ट्रपति का नाम शी जिनपिंग है. अमेरिकी सीनेटर टेड क्रूज ने WHO के इस फैसला का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर WHO चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से इतना डरा हुआ है, तो जब अगली बार वे वैश्विक महामारी को छिपाने की कोशिश करेंगे, तो उनपर भरोसा कैसे किया जा सकेगा?
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क्या होता है कि ओमिक्रॉन?
ओमिक्रॉन ग्रीक अल्फाबेट का 15वां और प्राचीन और पुराने ग्रीक का 16वां अक्षर है. ग्रीक अंकों को मामले में इसका मान 70 है. यह अक्षर फिनीशियन अक्षर ayin से आया है, जिसका आकार सर्कल की तरह होता है. साथ ही फिनीशियन भाषा में इसका मतलब आंख होता है. ओमिक्रॉन को छोटे O के तौर पर भी जाना जाता है.