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Explosives In Gwalior Barauni Express: क्या ट्रेन को विस्फोटक से उड़ाने की थी साजिश.. इतने धमाकों के बावजूद लापरवाही क्यों?

सिवान में ट्रेन से विस्फोटक बरामद होने के बाद बड़ा सवाल ये है कि आखिर इसके पीछे मकसद क्या था. क्या ट्रेन को विस्फोटक से उड़ाने की साजिश थी? हालांकि इस बारे में अभी तक न तो रेलवे की ओर से ऐसी कोई आशंका जताई गई है और न ही प्रशासन ने इस बारे में कोई सफाई दी है लेकिन इस घटना ने रेल यात्रियो की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे पहले कई बार ट्रेनों में धमाके हो चुके हैं.

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Published : Mar 23, 2023, 6:27 PM IST

सिवान: बिहार के सिवान में ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस में बारूद मिलने के बाद एक बार फिर ट्रेन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उत्पन्न हो गए हैं. क्या ट्रेन को विस्फोटक से उड़ाने की साजिश थी? दरअसल छानबीन में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्रेन में करीब 20 किलो बम बनाने वाला बारूद रखा गया था. वहीं, बम निरोधक दस्ता की टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर प्रसनजीत भावमिक ने ऑफ कैमरा माना कि बरामद हुआ बारूद वास्तव में एक ट्रेन और स्टेशन को उड़ाने के लिए काफी था. हालांकि उसे निष्क्रिय कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: Bomb in Gwalior Express: ..तो विस्फोटकों को ले जाने के लिए ट्रेन बना 'सेफ जोन'! जानें कब-कब बिहार में हुई है बरामदगी

ट्रेन कहां से कहां तक चलती है?: यह ट्रेन ग्वालियर से चलकर बरौनी तक आती है. इस बीच 50 स्टेशन पड़ते हैं. सिवान तक जो स्टेशन आते हैं, उनमें डाबरा, दतिया, झांसी, चिरगांव, मोठ, एट, उरई, कालपी, पुखरायां, लालपुर, पामां, भीमसेन, गोविंदपुरी, कानपुर सेंट्रल, उन्नाव, लखनऊ चारबाग, बाराबंकी, बुढ़वल. करनैलगंज, गोंडा, मनकापुर, मसकनवां, बभनान, बस्ती, मुन्डेरवा, खलीलाबाद, गोरखपुर, चौरी चौरा, गौरी बाजार, देवरिया, भटनी, भाटपार, बनकटा, मैरवा रेलवे स्टेशन आते हैं. सवाल है कि जिस भी स्टेशन पर बारूद को रखा गया, वहां और बाकी के स्टेशन पर क्यों नहीं सख्ती से जांच की गई.

बिहार में ट्रेन और प्लेटफॉर्म की सुरक्षा कैसी है?: रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. कई बार हुए रेल धमाकों और ट्रेन से इस तरह विस्फोटकों के मिलने की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बड़े स्टेशनों पर तो फिर भी स्कैनिंग मशीन के जरिए आने-जाने वालों की जांच की जाती है और सामानों की भी अलग से जांच होती है लेकिन छोटे स्टेशनों पर अभी भी बेरोकटोक यात्री आते-जाते हैं. किसी तरह की कोई जांच नहीं होती. वहीं ट्रेन के अंदर भी बहुत मुस्तैदी से जांच-पड़ताल नहीं होती. जिसका खामियाजा कई बार रेल यात्रियों ने अपनी जान गंवाकर भुगता है.

बिहार में अब तक किन ट्रेनों में हुए हैं धमाके?: सिवान में वक्त रखते विस्फोटक बरामद हो जाने से कोई अनहोनी नहीं हुई लेकिन इससे पहले कई बार बिहार में ट्रेनों में धमाके हुए हैं. याद करिये 17 जून 2021 को, जब दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में आए पार्सल से जोरदार धमाका हुआ था. हालांकि उस घटना में किसी की जान नहीं गई थी लेकिन स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी. रेलवे की ओर से बताया गया था कि यह पार्सल सिकंदराबाद से आया था. वहीं, 6 फरवरी 2017 को बक्सर में चलती ट्रेन के नीचे बम ब्लास्ट हुआ था. वाराणसी-सियालदह एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया था. हालांकि कम तीव्रता के कारण जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. उससे पहले मोतिहारी के घोड़सन में भी ट्रैक पर बम धमाका हुआ था. नवंबर 2022 में भी समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर ओवर ब्रिज के नीचे धमाका हुआ था. रेल चालक ने डर से ट्रेन रोक दिया था और यात्री जान बचाने के लिए भागने लगे थे. जहां तक विस्फोटक मिलने की बात है तो आए दिन ट्रेनों से विस्फोटक मिलने की खबर आती रहती है.

सिवान: बिहार के सिवान में ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस में बारूद मिलने के बाद एक बार फिर ट्रेन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उत्पन्न हो गए हैं. क्या ट्रेन को विस्फोटक से उड़ाने की साजिश थी? दरअसल छानबीन में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्रेन में करीब 20 किलो बम बनाने वाला बारूद रखा गया था. वहीं, बम निरोधक दस्ता की टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर प्रसनजीत भावमिक ने ऑफ कैमरा माना कि बरामद हुआ बारूद वास्तव में एक ट्रेन और स्टेशन को उड़ाने के लिए काफी था. हालांकि उसे निष्क्रिय कर दिया गया है.

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ट्रेन कहां से कहां तक चलती है?: यह ट्रेन ग्वालियर से चलकर बरौनी तक आती है. इस बीच 50 स्टेशन पड़ते हैं. सिवान तक जो स्टेशन आते हैं, उनमें डाबरा, दतिया, झांसी, चिरगांव, मोठ, एट, उरई, कालपी, पुखरायां, लालपुर, पामां, भीमसेन, गोविंदपुरी, कानपुर सेंट्रल, उन्नाव, लखनऊ चारबाग, बाराबंकी, बुढ़वल. करनैलगंज, गोंडा, मनकापुर, मसकनवां, बभनान, बस्ती, मुन्डेरवा, खलीलाबाद, गोरखपुर, चौरी चौरा, गौरी बाजार, देवरिया, भटनी, भाटपार, बनकटा, मैरवा रेलवे स्टेशन आते हैं. सवाल है कि जिस भी स्टेशन पर बारूद को रखा गया, वहां और बाकी के स्टेशन पर क्यों नहीं सख्ती से जांच की गई.

बिहार में ट्रेन और प्लेटफॉर्म की सुरक्षा कैसी है?: रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. कई बार हुए रेल धमाकों और ट्रेन से इस तरह विस्फोटकों के मिलने की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बड़े स्टेशनों पर तो फिर भी स्कैनिंग मशीन के जरिए आने-जाने वालों की जांच की जाती है और सामानों की भी अलग से जांच होती है लेकिन छोटे स्टेशनों पर अभी भी बेरोकटोक यात्री आते-जाते हैं. किसी तरह की कोई जांच नहीं होती. वहीं ट्रेन के अंदर भी बहुत मुस्तैदी से जांच-पड़ताल नहीं होती. जिसका खामियाजा कई बार रेल यात्रियों ने अपनी जान गंवाकर भुगता है.

बिहार में अब तक किन ट्रेनों में हुए हैं धमाके?: सिवान में वक्त रखते विस्फोटक बरामद हो जाने से कोई अनहोनी नहीं हुई लेकिन इससे पहले कई बार बिहार में ट्रेनों में धमाके हुए हैं. याद करिये 17 जून 2021 को, जब दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में आए पार्सल से जोरदार धमाका हुआ था. हालांकि उस घटना में किसी की जान नहीं गई थी लेकिन स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी. रेलवे की ओर से बताया गया था कि यह पार्सल सिकंदराबाद से आया था. वहीं, 6 फरवरी 2017 को बक्सर में चलती ट्रेन के नीचे बम ब्लास्ट हुआ था. वाराणसी-सियालदह एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया था. हालांकि कम तीव्रता के कारण जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. उससे पहले मोतिहारी के घोड़सन में भी ट्रैक पर बम धमाका हुआ था. नवंबर 2022 में भी समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर ओवर ब्रिज के नीचे धमाका हुआ था. रेल चालक ने डर से ट्रेन रोक दिया था और यात्री जान बचाने के लिए भागने लगे थे. जहां तक विस्फोटक मिलने की बात है तो आए दिन ट्रेनों से विस्फोटक मिलने की खबर आती रहती है.

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