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सुष्मिता देव पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया : कोई जाता है, कई और आएंगे - सुष्मिता देव

एक ओर कांग्रेस जहां विपक्ष को एकजुट करके बीजेपी के खिलाफ लड़ने की तैयारी में है, वहीं एक के बाद एक उनके युवा तुर्क पार्टी छोड़ रहे हैं. पार्टी सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस के लिए यह जागने और समझदारी से काम लेने का वक्त है. हालांकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने करीमगंज से कांग्रेस के पूर्व सांसद ललित मोहन शुक्ला बैद्य की पोती नैव्रत जॉय शुक्ला के पार्टी में शामिल होने पर ट्विट किया कि कोई जाता है, कई और आएंगे. ईटीवी भारत संवाददाता नियामिका सिंह की रिपोर्ट.

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Published : Aug 17, 2021, 9:27 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 10:47 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस से इस्तीफे के एक दिन बाद सुष्मिता देव ने स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी से कोई शिकायत नहीं है. लेकिन उनका यह कदम सबसे पुरानी पार्टी और विशेष रूप से गांधी परिवार के लिए एक बड़ा झटका है.

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने पर सुष्मिता देव ने कहा कि मुझे कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. मैंने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि राजनीति में आप अकेले नहीं हैं. आप पर समर्थकों की भी जिम्मेदारी होती है.

यह भी पढ़ें-सुष्मिता देव कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल क्यों नहीं हुईं, जानें क्या है कारण

पूर्व सांसद और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव को राहुल गांधी की सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता था. उनके बाहर निकलने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद सहित कई अन्य युवा नेता राहुल की टीम के प्रमुख सदस्यों में से थे जिन्होंने रास्ता बदलने का फैसला किया.

कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा ने कहा

इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि कांग्रेस ने बेहद लोकप्रिय नेता खो दिया है. सुष्मिता देव महिला कांग्रेस की मुखिया थीं. सुष्मिता के साथ काम करने के अपने छोटे से अनुभव से मैं कह सकता हूं कि वे कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत अच्छी संपत्ति थीं.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस से इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल हुईं सुष्मिता देव, जानें इसके मायने

उन्होंने आगे कहा कि जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कई अन्य नेताओं ने 2019 और 2014 की लोकसभा हार के बाद से पार्टी छोड़ दी. स्पष्ट रूप से कांग्रेस के लिए संदेश है कि कृपया इसे होने से रोकें. संजय झा ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक संगठन अमूर्त या ठोस संरचना नहीं हैं. वे लोगों द्वारा बनाए गए हैं.

झा ने कहा कि समस्या यह है कि पार्टी में कोई भी वह आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है, जो कह रही है कि चलो बदलते हैं, सुधार करते हैं. मुझे विश्वास है कि यह कांग्रेस पार्टी के लिए चेतावनी भरा संकेत है क्योंकि जल्द ही यह एक बाढ़ का रुप ले सकता है. इसलिए पुरानी पार्टी को जागने की जरूरत है.

पार्टी में शामिल नया चेहरा

दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने करीमगंज निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व सांसद ललित मोहन शुक्ला बैद्य की पोती नैव्रत जॉय शुक्ला के पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद ट्विटर पर एक समाचार लेख साझा किया. बराक घाटी से पार्टी के सबसे प्रमुख चेहरे सुष्मिता देव ने पार्टी छोड़ दी. उन्होंने कहा कि कोई जाता है, कई और आएंगे.

नई दिल्ली : कांग्रेस से इस्तीफे के एक दिन बाद सुष्मिता देव ने स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी से कोई शिकायत नहीं है. लेकिन उनका यह कदम सबसे पुरानी पार्टी और विशेष रूप से गांधी परिवार के लिए एक बड़ा झटका है.

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने पर सुष्मिता देव ने कहा कि मुझे कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. मैंने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि राजनीति में आप अकेले नहीं हैं. आप पर समर्थकों की भी जिम्मेदारी होती है.

यह भी पढ़ें-सुष्मिता देव कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल क्यों नहीं हुईं, जानें क्या है कारण

पूर्व सांसद और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव को राहुल गांधी की सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता था. उनके बाहर निकलने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद सहित कई अन्य युवा नेता राहुल की टीम के प्रमुख सदस्यों में से थे जिन्होंने रास्ता बदलने का फैसला किया.

कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा ने कहा

इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि कांग्रेस ने बेहद लोकप्रिय नेता खो दिया है. सुष्मिता देव महिला कांग्रेस की मुखिया थीं. सुष्मिता के साथ काम करने के अपने छोटे से अनुभव से मैं कह सकता हूं कि वे कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत अच्छी संपत्ति थीं.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस से इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल हुईं सुष्मिता देव, जानें इसके मायने

उन्होंने आगे कहा कि जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कई अन्य नेताओं ने 2019 और 2014 की लोकसभा हार के बाद से पार्टी छोड़ दी. स्पष्ट रूप से कांग्रेस के लिए संदेश है कि कृपया इसे होने से रोकें. संजय झा ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक संगठन अमूर्त या ठोस संरचना नहीं हैं. वे लोगों द्वारा बनाए गए हैं.

झा ने कहा कि समस्या यह है कि पार्टी में कोई भी वह आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है, जो कह रही है कि चलो बदलते हैं, सुधार करते हैं. मुझे विश्वास है कि यह कांग्रेस पार्टी के लिए चेतावनी भरा संकेत है क्योंकि जल्द ही यह एक बाढ़ का रुप ले सकता है. इसलिए पुरानी पार्टी को जागने की जरूरत है.

पार्टी में शामिल नया चेहरा

दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने करीमगंज निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व सांसद ललित मोहन शुक्ला बैद्य की पोती नैव्रत जॉय शुक्ला के पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद ट्विटर पर एक समाचार लेख साझा किया. बराक घाटी से पार्टी के सबसे प्रमुख चेहरे सुष्मिता देव ने पार्टी छोड़ दी. उन्होंने कहा कि कोई जाता है, कई और आएंगे.

Last Updated : Aug 17, 2021, 10:47 PM IST
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