पटना: आनंद मोहन की रिहाई (release of Anand Mohan ) के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है. विपक्ष में बीजेपी सहित महागठबंधन के घटक दल सीपीआई एमल ने भी आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सवाल करना शुरू कर दिया है. इसी पर आज सीएम नीतीश कुमार बिफरते नजर आए. उन्होंने मीडिया से बातचीत के क्रम में बीजेपी पर निशाना साधा और सुशील कुमार मोदी और आनंद मोहन की मुलाकात की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि ये देखिये अभी फरवरी में ये रिहाई की मांग कर रहे थे और आज रिहाई का विरोध कर रहे हैं. यही सब तो हो रहा है. अब जब जेल से 27 कैदियों की रिहाई हुई है तो सिर्फ एक की रिहाई पर इतने सवाल क्यों हो रहे हैं. यह सारा काम नियम और प्रवाधान के अनुसार हुआ है तो विरोध का तो कोई तुक ही नहीं बनता है.
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''2017 से लेकर अभी तक बिहार में 698 कैदियों को रिहा किया गया. इस बार भी 27 कैदियों की रिहाई हुई है, जिसमें से सिर्फ एक ही (आनंद मोहन की रिहाई) पर चर्चा क्यों हो रही है. मैं हैरान हूं. जब ऐसा नहीं हो रहा था तो कई लोग इसकी मांग करते थे. अब इसका विरोध कर रहे हैं.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
प्रावधान के अनुसार हुई है रिहाईः मुख्यमंत्री अधिवेशन भवन में सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि 2016 में केंद्र सरकार की ओर से जारी नियम के तहत ही रिहाई हुई है. उसमें आईएएस ऑफिसर को लेकर कोई प्रावधान नहीं है तरह तरह के लोग बयान दे रहे हैं जो लोग बोल रहे हैं उन्हीं से पूछना चाहिए. अब जारा आपलोग देखकर बताइए, क्या इससे अलग किसी नियम के तहत कुछ हुआ है क्या. मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने लोगों में केवल एक आदमी के बारे में जिस प्रकार से बातें की जा रही है. मुझे आश्चर्य लग रहा है.
"सुशील मोदी दो महीने पहले तक खुद आनंद मोहन की रिहाई की बात कर रहे थे और आज इसका विरोध कर रहे हैं. ये देखिये अभी फरवरी में ये रिहाई की मांग कर रहे थे और आज रिहाई का विरोध कर रहे हैं. यही सब तो हो रहा है. अब जब जेल से 27 कैदियों की रिहाई हुई है तो सिर्फ एक की रिहाई पर इतने सवाल क्यों हो रहे हैं. यह सारा काम नियम और प्रवाधान के अनुसार हुआ है तो विरोध का तो कोई तुक ही नहीं बनता है" - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
27 में से सिर्फ एक पर ही चर्चा क्यों? मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 लोगों को छोड़ा गया है और उसमें केवल एक ही की चर्चा हो रही है, जो प्रावधान है, नियम है उसके अनुसार फैसला लिया गया है. टाडा बंदियों की रिहाई मामले को लेकर सीपीआई एमएल की ओर से धरना देने पर भी उन्होंने कहा कि समय आने पर उन मामलों में भी फैसला होगा. नियम के अनुसार 14 साल या उससे ज्यादा की सजा पूरी करने के बाद प्रावधान अनुसार रिहाई तो होती ही है. यह को पॉलिटिकल चीज नहीं है, जो इस पर सवाल कर रहे हैं तो मुझे आश्चर्य हो रहा है.
लगातार आनंद मोहन की रिहाई पर उठ रहे सवालः आनंद मोहन की रिहाई के बाद से ही बीजेपी सहित अन्य दलों के नेता सरकार के फैसले पर उंगली उठा रहे हैं और इसे चुनावी फायदे के लिए फैसला लेने की बात करें हैं. इस पर सरकार की तरफ से लगातार जवाब दिया जा रहा है. इसी कड़ी में आज सीएम नीतीश कुमार ने खुद नियम व प्रावधान की प्रति दिखाते हुए और केंद्र सरकार का हवाला देते हुए कहा कि सब की रिहाई नियमपूर्वक हुई है. इसमें कोई सवाल उठाने जैसी बात ही नहीं है.