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संसद में गूंजा छपरा जहरीली शराब कांड का मुद्दा, चिराग से लेकर रविशंकर तक ने नीतीश सरकार को घेरा

संसद के शीतकालीन सत्र में छपरा शराब त्रासदी का मामला जोर शोर से उठा. बिहार के मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के सांसदों ने जहरीली शराब कांड को लेकर नीतीश सरकार को जमकर घेरा है. वहीं जेडीयू सांसद ललन सिंह ने बीजेपी पर पलटवार किया. विपक्ष ने बिहार जहरीली शराब त्रासदी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दुरुपयोग को लेकर राज्यसभा से वॉकआउट किया.

Chapra hooch tragedy in lok sabha Etv Bharat
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Published : Dec 20, 2022, 3:54 PM IST

संसद में सारण शराब कांड की गूंज.

नई दिल्ली/पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 73 लोगों की मौत होने के बाद बिहार के साथ ही देश की सियासत भी गरमा गई है. इस मामले को बीजेपी सांसदों ने संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session ) में उठाया. सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ( Janardan Singh Sigriwal On Chapra Hooch Tragedy), चिराग पासवान (Chirag Paswan On Chapra Hooch Tragedy) और रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad On Chapra Hooch Tragedy ) ने एक स्वर में नीतीश सरकार को घेरा तो वहीं जेडीयू सांसद ललन सिंह ( Lalan Singh On Bihar Hooch Tragedy ) ने नीतीश सरकार का बचाव किया और बीजेपी पर जुबानी हमला किया.

पढ़ें- Chapra Hooch Tragedy: NHRC की टीम पहुंची बिहार, छपरा शराब कांड की करेगी जांच

संसद में गूंजा छपरा शराब कांड का मामला: सीएम नीतीश कुमार लगातार कह रहे हैं कि जो शराब पीएगा वह मरेगा ही. साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके आश्रितों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा. इस मसले पर विधानसभा में काफी हंगामा हुआ, तो संसद में बीजेपी सांसदों ने एक बार फिर नीतीश सरकार को घेरा है. बता दें कि बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 73 लोगों की मौत हो चुकी है.

"बिहार सरकार की गलत शराब नीति के कारण जहरीली शराब पीने से सारण जिले के मशरख, इसुआपुर और अन्य प्रखंडों में सैंकड़ों लोग मर गए हैं. सरकार मुआवजा देने की बजाय खिल्ली उड़ा रही है, मौत का सही आंकड़ा सामने ना आए इसके प्रयास में है. वहां का आरक्षी अधीक्षक साक्ष्य मिटाने में लगा हुआ है. मैं मांग करता हूं कि गलत शराब नीति के कारण हुई मौत मामले में परिजनों को मुआवजा दिया जाए. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को भेजकर बड़े स्तर पर मामले की जांच की जाए."- जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद महाराजगंज

"जहरीली शराब से जिस तरीके से मेरे प्रदेश में हत्याओं की श्रृंखला शुरू हुई है, मुख्यमंत्री, राज्य सरकार और पूरा प्रशासनिक तंत्र इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है. सबको पता है कि वहां किस तरह से शराब की बिक्री हो रही है लेकिन महागठबंधन के नेता खामोश हैं क्योंकि वो भी इसमें लिप्त हैं. मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. साथ ही तमाम हत्याओं की सीबीआई जांच की मांग करता हूं."- चिराग पासवान, सांसद, जमुई

"मुझे मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला उठाना है. बिहार में जहरीली शराब से 100 से अधिक लोग मरे हैं. उनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ और ना ही उनका बिसरा रखा गया. यह मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला है."- रविशंकर प्रसाद, सांसद, बीजेपी

"मैं सदन का ध्यान एक महत्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को सूचना दी है कि छपरा में जहरीली शराब से जो मौतें हुई हैं उसकी जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग करेगा. ये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कहां से मामला आ गया? संवैधानिक संस्थाओं का जिस तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है, ऐसा नहीं होना चाहिए. अगर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस मामले की जांच कर रहा है तो कर्नाटक मामले की जांच क्यों नहीं कर रहा है?"- ललन सिंह, सांसद, जेडीयू

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम की जांच शुरू: दरअसल छपरा में जहरीली शराब से 73 लोगों की मौत को लेकर आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights team in Bihar) के 10 सदस्य टीम पटना पहुंची. पटना एयरपोर्ट से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम से छपरा के लिए रवाना हो गई है. पटना एयरपोर्ट पर टीम ने मीडिया से कुछ बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन जिस तरह से छपरा में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है उसको लेकर पहले ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था और पहले से कहा जा रहा था कि उनकी टीम यहां पर पहुंचेगी.

संसद में सारण शराब कांड की गूंज.

नई दिल्ली/पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 73 लोगों की मौत होने के बाद बिहार के साथ ही देश की सियासत भी गरमा गई है. इस मामले को बीजेपी सांसदों ने संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session ) में उठाया. सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ( Janardan Singh Sigriwal On Chapra Hooch Tragedy), चिराग पासवान (Chirag Paswan On Chapra Hooch Tragedy) और रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad On Chapra Hooch Tragedy ) ने एक स्वर में नीतीश सरकार को घेरा तो वहीं जेडीयू सांसद ललन सिंह ( Lalan Singh On Bihar Hooch Tragedy ) ने नीतीश सरकार का बचाव किया और बीजेपी पर जुबानी हमला किया.

पढ़ें- Chapra Hooch Tragedy: NHRC की टीम पहुंची बिहार, छपरा शराब कांड की करेगी जांच

संसद में गूंजा छपरा शराब कांड का मामला: सीएम नीतीश कुमार लगातार कह रहे हैं कि जो शराब पीएगा वह मरेगा ही. साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके आश्रितों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा. इस मसले पर विधानसभा में काफी हंगामा हुआ, तो संसद में बीजेपी सांसदों ने एक बार फिर नीतीश सरकार को घेरा है. बता दें कि बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 73 लोगों की मौत हो चुकी है.

"बिहार सरकार की गलत शराब नीति के कारण जहरीली शराब पीने से सारण जिले के मशरख, इसुआपुर और अन्य प्रखंडों में सैंकड़ों लोग मर गए हैं. सरकार मुआवजा देने की बजाय खिल्ली उड़ा रही है, मौत का सही आंकड़ा सामने ना आए इसके प्रयास में है. वहां का आरक्षी अधीक्षक साक्ष्य मिटाने में लगा हुआ है. मैं मांग करता हूं कि गलत शराब नीति के कारण हुई मौत मामले में परिजनों को मुआवजा दिया जाए. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को भेजकर बड़े स्तर पर मामले की जांच की जाए."- जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद महाराजगंज

"जहरीली शराब से जिस तरीके से मेरे प्रदेश में हत्याओं की श्रृंखला शुरू हुई है, मुख्यमंत्री, राज्य सरकार और पूरा प्रशासनिक तंत्र इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है. सबको पता है कि वहां किस तरह से शराब की बिक्री हो रही है लेकिन महागठबंधन के नेता खामोश हैं क्योंकि वो भी इसमें लिप्त हैं. मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. साथ ही तमाम हत्याओं की सीबीआई जांच की मांग करता हूं."- चिराग पासवान, सांसद, जमुई

"मुझे मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला उठाना है. बिहार में जहरीली शराब से 100 से अधिक लोग मरे हैं. उनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ और ना ही उनका बिसरा रखा गया. यह मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला है."- रविशंकर प्रसाद, सांसद, बीजेपी

"मैं सदन का ध्यान एक महत्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को सूचना दी है कि छपरा में जहरीली शराब से जो मौतें हुई हैं उसकी जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग करेगा. ये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कहां से मामला आ गया? संवैधानिक संस्थाओं का जिस तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है, ऐसा नहीं होना चाहिए. अगर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस मामले की जांच कर रहा है तो कर्नाटक मामले की जांच क्यों नहीं कर रहा है?"- ललन सिंह, सांसद, जेडीयू

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम की जांच शुरू: दरअसल छपरा में जहरीली शराब से 73 लोगों की मौत को लेकर आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights team in Bihar) के 10 सदस्य टीम पटना पहुंची. पटना एयरपोर्ट से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम से छपरा के लिए रवाना हो गई है. पटना एयरपोर्ट पर टीम ने मीडिया से कुछ बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन जिस तरह से छपरा में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है उसको लेकर पहले ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था और पहले से कहा जा रहा था कि उनकी टीम यहां पर पहुंचेगी.

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