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चुनाव आयोग ने जिसे भेजा फर्जीवाड़ा पकड़ने, उसी ने मतदाताओं का बैंक खाता किया खाली

फर्जी मतदाता पकड़ने वाले बायोमेट्रिक प्रणाली ऑपरेटर (Biometric System Operator) ने ही मुंगेर में मतदाताओं के साथ फर्जीवाड़ा (Fraud in Munger) कर दिया. मुंगेर जिले में कई वोटरों के वोट देते ही उनके खातों से पैसे उड़ गए. लोगों की शिकायत पर सदर एसडीएम खुशबू गुप्ता (SDM Khushboo Gupta) मतदान केंद्र पर पहुंची और मामले का खुलासा कर आरोपी को दबोच लिया. पढ़ें रिपोर्ट..

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मतदानकर्मी
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Published : Nov 29, 2021, 10:38 PM IST

मुंगेर: बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar State Election Commission) ने पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में फर्जी मतदान रोकने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली (Biometric System) लाए थे. लेकिन, बायोमेट्रिक प्रणाली से मतदाताओं के साथ ही फर्जीवाड़ा (Fraud with voters in Munger) हो गया. मतदानकर्मी ने ही मुंगेर में मतदाताओं को चूना लगा दिया. वोटरों के खातों से रुपए निकाले गए. मुंगेर पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुट गई है.

दरअसल, मुंगेर में 9वें चरण का मतदान (9th phase polling in Munger) सुबह से चल रहा था. मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लंबी कतारें भी लगी हुई थी. इसी दौरान सदर प्रखंड स्थित नवागढ़ी उत्तरी पंचायत के चरौन मध्य विद्यालय के मतदान केंद्र नंबर 145 पर भी मतदान शांतिपूर्ण हो रहा था, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद मतदाताओं ने फर्जीवाड़े की शिकायत करना शुरू कर दी.

उन्होंने कहा कि हमने बायोमेट्रिक प्रणाली वाले ऑपरेटर के पास अपना आधार कार्ड दिया, फोटो खींचाया और अंगूठे का निशान बायोमेट्रिक मशीन में दिया था. वोट देकर जब हम घर गए तो हमारे मोबाइल पर 10 हजार निकलने की सूचना आई. इसी तरह कई मतदाताओं की शिकायत पीठासीन पदाधिकारी के पास गई. मौके पर मौजूद सदर एसडीएम खुशबू गुप्ता को जैसे ही इसकी भनक मिली, वह तुरंत सचेत हो गई और कड़ाई से पूछताछ करने लगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उन्होंने मतदान केंद्र पर तैनात बायोमेट्रिक प्रणाली से फर्जी मतदाता का पहचान करने वाले बायोमेट्रिक मशीन चलाने वाले ऑपरेटर से पूछताछ करना शुरू कर दी. थोड़ी देर में ही मतदान केंद्र पर बायोमेट्रिक प्रणाली को संचालित करने वाला ऑपरेटर रवि कुमार सिंह टूट गया. उसने एसडीओ को बताया कि मतदाता का आधार और फिंगरप्रिंट लेकर पायनरबी एप के माध्यम से उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे. किसी से 10,000 तो किसी के खाते से 5000 रुपए निकाले थे. आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने आज 36,000 रुपए खातों से निकाले हैं. आरोपी बायोमेट्रिक प्रणाली ऑपरेटर रवि कुमार सिंह हवेली खड़कपुर अनुमंडल के तिलबरिया गांव का रहने वाला है.

''चरौन मध्य विद्यालय स्थित बूथ नंबर 145 के कई मतदाता इस बात की शिकायत करने पहुंचे कि वोट डालने के बाद हमारे अकाउंट से पैसे निकल गए. मैं उस समय ही समझ गई कि कोई गड़बड़ झाला हो रहा है, क्योंकि यह एक जैसी शिकायत कई लोगों की थी. जब मैंने कड़ाई से बायोमेट्रिक ऑपरेटर से पूछताछ की तो उसने कबूल लिया कि ऐप के माध्यम से वो आधार कार्ड और थंब इंप्रेशन लेने के बाद पैसे की निकासी कर रहा था.''- खुशबू गुप्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी

एसडीएम ने कहा कि कुल 7 लोगों की शिकायत 145 नंबर मतदान केंद्र पर मिली है, जांच के बाद सभी ग्रामीणों के पैसे लौटाए जाएंगे, इस पर कार्रवाई की जा रही है. इसके गैंग में बांका के भी लोग शामिल हैं. एसडीएम ने बताया कि मुंगेर सदर प्रखंड के 145 नंबर बूथ पर बायोमेट्रिक प्रणाली के आड़ में मतदाताओं के खाते से पैसे उड़ाने वाले इस नेटवर्क में बांका के गुड्डू कुमार भी शामिल है, इस पर भी जांच करवाई जा रही है.

पढ़ें - रिजर्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर लगाया एक करोड़ रुपये का जुर्माना

बिहार में पंचायत चुनाव में फर्जी मतदाताओं को मतदान से रोकने के लिए पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में बायोमेट्रिक प्रणाली लगाई है. इस प्रणाली के अंतर्गत ऑनलाइन आधार कार्ड एवं मतदाता के अंगूठे का निशान लेकर यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है. मतदाता का आधार कार्ड एवं अंगूठे का निशान लेकर उसे मिलान किया जाता है. अगर एक मतदाता दोबारा मतदान करने आता है, तो बायोमेट्रिक प्रणाली उसे पकड़ लेती है. लेकिन, निर्वाचन आयोग की इस प्रणाली को बिहार में ही चुनौती मिल गई.

बायोमेट्रिक प्रणाली को संचालित करने वाले एजेंसी के कर्मियों ने ही इसका गलत उपयोग करना शुरू कर दिया. जो प्रणाली मतदाता को फर्जी मतदान रोकने के लिए बनाई गई थी. अब उससे मतदाता को चूना लग रहा है. यह निर्वाचन आयोग के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. आज तो मुंगेर के एक मतदान केंद्र पर यह हाल रहा, ना जाने बिहार के 9 चरणों में संपन्न हुए मतदान के दौरान कितने मतदाताओं के खातों से पैसे निकले होंगे और अगर निकले भी होंगे, तो कितनों ने शिकायत दर्ज कराई होगी. यह एक गंभीर जांच का विषय है.

मुंगेर: बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar State Election Commission) ने पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में फर्जी मतदान रोकने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली (Biometric System) लाए थे. लेकिन, बायोमेट्रिक प्रणाली से मतदाताओं के साथ ही फर्जीवाड़ा (Fraud with voters in Munger) हो गया. मतदानकर्मी ने ही मुंगेर में मतदाताओं को चूना लगा दिया. वोटरों के खातों से रुपए निकाले गए. मुंगेर पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुट गई है.

दरअसल, मुंगेर में 9वें चरण का मतदान (9th phase polling in Munger) सुबह से चल रहा था. मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लंबी कतारें भी लगी हुई थी. इसी दौरान सदर प्रखंड स्थित नवागढ़ी उत्तरी पंचायत के चरौन मध्य विद्यालय के मतदान केंद्र नंबर 145 पर भी मतदान शांतिपूर्ण हो रहा था, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद मतदाताओं ने फर्जीवाड़े की शिकायत करना शुरू कर दी.

उन्होंने कहा कि हमने बायोमेट्रिक प्रणाली वाले ऑपरेटर के पास अपना आधार कार्ड दिया, फोटो खींचाया और अंगूठे का निशान बायोमेट्रिक मशीन में दिया था. वोट देकर जब हम घर गए तो हमारे मोबाइल पर 10 हजार निकलने की सूचना आई. इसी तरह कई मतदाताओं की शिकायत पीठासीन पदाधिकारी के पास गई. मौके पर मौजूद सदर एसडीएम खुशबू गुप्ता को जैसे ही इसकी भनक मिली, वह तुरंत सचेत हो गई और कड़ाई से पूछताछ करने लगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उन्होंने मतदान केंद्र पर तैनात बायोमेट्रिक प्रणाली से फर्जी मतदाता का पहचान करने वाले बायोमेट्रिक मशीन चलाने वाले ऑपरेटर से पूछताछ करना शुरू कर दी. थोड़ी देर में ही मतदान केंद्र पर बायोमेट्रिक प्रणाली को संचालित करने वाला ऑपरेटर रवि कुमार सिंह टूट गया. उसने एसडीओ को बताया कि मतदाता का आधार और फिंगरप्रिंट लेकर पायनरबी एप के माध्यम से उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे. किसी से 10,000 तो किसी के खाते से 5000 रुपए निकाले थे. आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने आज 36,000 रुपए खातों से निकाले हैं. आरोपी बायोमेट्रिक प्रणाली ऑपरेटर रवि कुमार सिंह हवेली खड़कपुर अनुमंडल के तिलबरिया गांव का रहने वाला है.

''चरौन मध्य विद्यालय स्थित बूथ नंबर 145 के कई मतदाता इस बात की शिकायत करने पहुंचे कि वोट डालने के बाद हमारे अकाउंट से पैसे निकल गए. मैं उस समय ही समझ गई कि कोई गड़बड़ झाला हो रहा है, क्योंकि यह एक जैसी शिकायत कई लोगों की थी. जब मैंने कड़ाई से बायोमेट्रिक ऑपरेटर से पूछताछ की तो उसने कबूल लिया कि ऐप के माध्यम से वो आधार कार्ड और थंब इंप्रेशन लेने के बाद पैसे की निकासी कर रहा था.''- खुशबू गुप्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी

एसडीएम ने कहा कि कुल 7 लोगों की शिकायत 145 नंबर मतदान केंद्र पर मिली है, जांच के बाद सभी ग्रामीणों के पैसे लौटाए जाएंगे, इस पर कार्रवाई की जा रही है. इसके गैंग में बांका के भी लोग शामिल हैं. एसडीएम ने बताया कि मुंगेर सदर प्रखंड के 145 नंबर बूथ पर बायोमेट्रिक प्रणाली के आड़ में मतदाताओं के खाते से पैसे उड़ाने वाले इस नेटवर्क में बांका के गुड्डू कुमार भी शामिल है, इस पर भी जांच करवाई जा रही है.

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बिहार में पंचायत चुनाव में फर्जी मतदाताओं को मतदान से रोकने के लिए पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में बायोमेट्रिक प्रणाली लगाई है. इस प्रणाली के अंतर्गत ऑनलाइन आधार कार्ड एवं मतदाता के अंगूठे का निशान लेकर यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है. मतदाता का आधार कार्ड एवं अंगूठे का निशान लेकर उसे मिलान किया जाता है. अगर एक मतदाता दोबारा मतदान करने आता है, तो बायोमेट्रिक प्रणाली उसे पकड़ लेती है. लेकिन, निर्वाचन आयोग की इस प्रणाली को बिहार में ही चुनौती मिल गई.

बायोमेट्रिक प्रणाली को संचालित करने वाले एजेंसी के कर्मियों ने ही इसका गलत उपयोग करना शुरू कर दिया. जो प्रणाली मतदाता को फर्जी मतदान रोकने के लिए बनाई गई थी. अब उससे मतदाता को चूना लग रहा है. यह निर्वाचन आयोग के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. आज तो मुंगेर के एक मतदान केंद्र पर यह हाल रहा, ना जाने बिहार के 9 चरणों में संपन्न हुए मतदान के दौरान कितने मतदाताओं के खातों से पैसे निकले होंगे और अगर निकले भी होंगे, तो कितनों ने शिकायत दर्ज कराई होगी. यह एक गंभीर जांच का विषय है.

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