नई दिल्ली: लद्दाख स्थित गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे और गई घायल हो गए थे. सेना के सूत्रों ने बताया कि घायलों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है. सेना ने बताया कि 18 जवान लेह स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती हैं. वह 15 दिनों में ड्यूटी पर लौट जाएंगे. इसके अलावा 58 जवान अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं. वह एक सप्ताह में ड्यूटी पर लौट जाएंगे.
भारतीय सेना ने उन मीडिया खबरों को भी खारिज किया जिनमें दावा किया गया है कि चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों के बाद उसके कई सैनिक लापता हैं. सेना ने अपने बयान में कहा कि यह स्पष्ट किया गया है कि कार्रवाई में कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हैं.
भारतीय और चीनी सेनाओं ने गलवान घाटी और इसके आसपास के क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की.
पैंगोंग त्सो के किनारे दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत पांच मई से गलवान और पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है.
गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित इलाकों में चीनी सैनिकों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से पूरी दृढ़ता के साथ निपटा जाएगा.
गौरतलब है कि गत पांच और छह मई को हिंसक झड़प में लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के शामिल होने के बाद क्षेत्र में स्थिति बिगड़ गई थी. पैंगोंग त्सो में हुई घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी.
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