नई दिल्ली : कांग्रेस ने कोरोना संकट के बीच आर्थिक पैकेज के नाम पर लोगों को गुमराह करने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि केंद्र द्वारा घोषित उपाय भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का केवल 1.6 प्रतिशत है, जो 3.22 लाख करोड़ रुपये है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 10 फीसदी) का दावा किया था.
आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी को कथनी और करनी एक समान रखनी चाहिए. छोटे और मध्यम उपक्रमों तथा गरीबों के हाथों में पैसे देने की घोषणा की जानी चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में फिर से नई जान आ सके. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना और लोगों को केवल ऋण दिए जाने के बीच अंतर है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए पैकेज पर बहस के लिए वित्तमंत्री को चुनौती दी.
शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, सरकार का आर्थिक पैकेज सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का है और यह भारत की जीडीपी का सिर्फ 1.6 प्रतिशत है. यह 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज नहीं है, जैसा प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री की घोषणा पर आपत्ति जताते हुए मैं वित्त मंत्री से सवाल कर रहा हूं और सरकार को चुनौती दे रहा हूं कि वह मेरे द्वारा दिए गए आंकड़ों को खारिज करे. मैं वित्त मंत्री के साथ बहस के लिए तैयार हूं.'
शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री को सवालों का जवाब देना चाहिए, न कि सवाल पूछना चाहिए.
पढ़ें- गैर-रणनीतिक सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करेगी सरकार : वित्त मंत्री
उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार की योजना के अभाव में सड़कों पर पैदल चलने के लिए मजबूर प्रवासियों की दुर्दशा पर सरकार को देश को जवाब देना चाहिए.
शर्मा ने विपक्षी पार्टी पर हमले के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और कहा कि देश को वित्त मंत्री से कुछ गंभीरता की उम्मीद है.
उन्होंने सरकार से देश के उन गरीब नागरिकों से माफी मांगने को कहा, जिन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है और जिनके मौलिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन किया गया है.