वैशालीः विश्व प्रसिद्ध सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला की शुरूआत आज 25 नवंबर से होने जा रही है. इस मेले में घोड़ा दौड़ की परम्परा रही है. इस बार भी 500 घोड़े मेले में दौड़ लगाने पहुंच गए हैं. उन्हीं में एक घोड़ा यूपी से सोनपुर पहुंचा है, जिसका नाम भालू है. ये भालू घोड़ा 70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ता है. इसे देख सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते. वहीं मेले की शोभा बढ़ाने घोड़ी 'हेमा' और 'माधुरी' भी पहुंच चुकी हैं.
सोनपुर मेले में घोड़ा दौड़ की परम्पराः सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेला की पौराणिक पहचान पशुओं से रही है. हाथी, घोड़े, गाय, बैल, बकरी और भैंस आदि जानवरों की खरीद बिक्री की यहां परंपरा रही है. खास तौर से बड़ी संख्या में घोड़े सोनपुर पहुंचते हैं, जहां इनकी खरीद बिक्री के साथ प्रदर्शनी और घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता भी होती है. 2023 सोनपुर मेला में अब तक काफी संख्या में घोड़े पहुंच चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार विभिन्न राज्यों और बिहार के विभिन्न जिलों से 500 से ज्यादा घोड़े आएंगे.
70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार दौड़ेगा भालू घोड़ाः वहीं सोनपुर में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आया एक 'भालू' घोड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है. जो 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घोड़ा रेस में भाग लेगा. भालू के मालिक मनीष कुमार ने बताया कि भालू को बेचने के लिए नहीं लाया गया है, इसको घोड़ा रेस में टक्कर देने के लिए लाया गया है. इसका नाम भालू रखने के पीछे मनीष बताते हैं कि यह छोटा था और इसके काफी बाल थे. देखने में बेहद खूबसूरत लगता था. इसलिए इसका नाम भालू रखा गया.
"इसका परफॉर्मेंस बहुत बढ़ियां है. अभी यह बरहमपुर में 3 लाख 50 हजार में लिया गया है. यह बेचने के लिए नहीं है. यह सिंधी नस्ल का घोड़ा है. जो भी अच्छे घोड़े रखने वाले हैं, वह इस नस्ल के घोड़े रखते हैं. यह पूरा ट्रेंड घोड़ा है. यह रेस में लड़ेगा यह पूरी उम्मीद है. इसकी स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे है. यह 4 साल का है देखने में छोटा लगता है इसका बाल बहुत बड़ा-बड़ा था. बहुत खूबसूरत है और ताकतवर है इसलिए इसका नाम भालू रखा है" - मनीष कुमार, घोड़े के मालिक गाज़ीपुर
मेले में दिखेगा 'हेमा' की खूबसूरती का नजाराः वहीं, मेले के घोड़ा बाजार की खूबसूरती में चार चांद लगाने पहुंची 'हेमा' और 'माधुरी' भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. बिहार के आरा से सोनपुर मेला पहुंचे तूफान सिंह पांच घोड़ियां लेकर आए हैं. इन पांचो घोड़ियों के नाम फिल्मी है. तूफान सिंह का कहना है कि प्यार से इसका नाम हेमा रखा है. हेमा की खूबसूरती का नजारा दिखाने के लिए उसे सोनपुर मेला में लाया गया है. तूफान सिंह बताते हैं कि ग्रेजुएशन के बाद जब उनको नौकरी नहीं लगी तो वह अपने पुश्तैनी पेशा घोड़ा की खरीद बिक्री में लग गए. पहले यह काम तूफान सिंह के दादा करते थे. लगभग 30 वर्षों से वह घोड़ा के खरीद बिक्री कर रहे हैं.
"यह पंजाबी नस्ल की है इसका नाम हम हेमा रखें है. यह भी बच्ची है. इसका नाम शौक से और प्यार से हेमा रखे हैं. यह बहुत खूबसूरत है. इसे बहुत प्यार करते हैं, इसलिए इसका नाम हेमा रक्खे है. इसको 20 दिनों पहले लिए हैं हेमा अभी 14 महीने की है यह 2 महीने में सवारी के लिए तैयार हो जाएगा. अभी ट्रेनिंग मिल रही है इसको सोनपुर मेला में लेकर के आए हैं प्रदर्शनी के लिए"- तूफान सिंह, घोड़ी के मालिक
घोड़े खरीदने वालों को अच्छा अनुभव देगें ये घोड़ेः सोनपुर मेले में यूपी से पहुंचे मनीष कुमार और आरा से पहुंचे तूफान सिंह के घोड़े निश्चित तौर पर मेला में घोड़ा देखने पहुंचने वाले लोगों के लिए एक अच्छा अनुभव देगें. अब देखने वाली बात होगी कि अभी और कितने खूबसूरत और प्रभावशाली घोड़े सोनपुर मेला की शान बढ़ाने पहुंचते हैं और बरसों से चला आ रहा घोड़ा दौड़ इस बार कितना दिलचस्प होगा.
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