चिक्कमगलुरु (कर्नाटक): मौजूदा समय में जहां लोग एक फुट जगह के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चिक्कमगलुरु निवासी एक व्यक्ति ने साढ़े चार एकड़ जमीन दान कर सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल पेश की है. कॉफी क्योर चलाने वाले मोहम्मद नसीर ने गोशाला (A muslim man who donated land for the goshala), एक अनाथालय, वृद्धाश्रम और एक पंचमुखी हनुमान मंदिर बनाने के लिए अपनी साढ़े चार एकड़ जमीन दान में दी है. उन्होंने कडुरु-मैंगलोर राष्ट्रीय राजमार्ग 173 के सड़क किनारे पड़ी अपनी जमीन दान में दी है.
बताया जा रहा है कि यह जमीन करीब दो करोड़ कीमत की है. मोहम्मद नसीर ने चिक्कमगलुरु के स्वामी समर्थ रामदास ट्रस्ट को यह जगह दान की और सद्भावना दिखाई है. इस बारे में बात करते हुए नसीर ने कहा कि 'मैंने यह स्थान एक ट्रस्ट को दिया है. वे जो कुछ भी चाहते हैं उसका उपयोग अच्छे काम के लिए करें. जैसे कोई मां का कर्ज नहीं चुका सकता, वैसे ही कोई गाय का कर्ज नहीं चुका सकता. मैंने अपनी मां का कर्ज चुकाने की कोशिश की है, पर वह नहीं हुआ.'
आगे उन्होंने कहा कि 'जब मेरी मां कैंसर से पीड़ित थीं, तो उन्होंने गोमूत्र पिया और ठीक हो गईं. इसलिए हमें गाय का कर्ज चुकाना होगा. गाय का कर्ज भी नहीं चुकाया जा सकता. हालांकि, मैंने यह साढ़े चार एकड़ जमीन ट्रस्ट को गौशाला बनाने के लिए दी है और उनकी यथासंभव मदद की है.' इस स्थान पर पहले से ही पंचमुखी आंजनेय मंदिर के निर्माण के लिए पूजा होती रही है. वहां हनुमान जी की मूर्ति विराजमान होगी.
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स्थानीय लोगों ने भी नसीर के इस काम की सराहना की है. मन में रावण का वध करने से हर कोई राम का रूप बन सकता है. ट्रस्टी खुश हैं कि नसीर समाज के लिए एक आदर्श बने हैं. ट्रस्ट के नाम पर जमीन पहले ही पंजीकृत हो चुकी है और जल्द ही यहां एक अनाथालय, एक वृद्धाश्रम, एक गुरुकुल, एक अंजनेय मूर्ति और एक गोशाला शुरू की जाएगी. नसीर का यह काम हिंदू-मुसलमानों के बीच तालमेल बिठाने में मददगार साबित हो सकता है.