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बारिश में धरती पर क्यों गिरती है आसमानी बिजली? क्या इससे बचने का है कोई तरीका, जानें यहां - Thunder Lightning in Rain

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By ETV Bharat Tech Team

Published : Aug 31, 2024, 2:38 PM IST

बारिश के दौरान हमने कई बार बिजली को चमकते देखा है, लेकिन क्या कभी सोचा है कि ये बिजली आखिर बनती कैसे है. जब हवा और पानी के बीच घर्षण होता है, तो पानी के कणों में ऊर्जा उत्पन्न होती है. यह ऊर्जा सकारात्मक और नकारात्मक (प्लस माइनस) होती है. बादलों का ऊपरी हिस्सा बहुत ठंडा होता है. इस वजह से वहां सकारात्मक (प्लस) ऊर्जा पैदा होती है, जबकि बादलों का निचला हिस्सा नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है. इसलिए, जब दो बादल आपस में टकराते हैं, तो बिजली चमकती है।

cause of lightning strike
आसमानी बिजली गिरने का कारण (फोटो - ETV Bharat File)

हैदराबाद: वैसे तो देश में मानसून अपने आखिरी चरण में प्रवेश करने वाला है, लेकिन अभी भी कई राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी है. बारिश के मौसम में बिजली चमकना तो आम बात है. यहां प्राकृतिक बिजली को चमकता देख बेहद प्रसन्नता होती है, वहीं यह बेहद खतरनाक भी हो सकता है. यह तो आपको पता ही होगा कि आसमानी बिजली इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

लेकिन जब बारिश होती है, तो बिजली आखिर कैसे चमकती है? यह जमीन पर कैसे गिरती है? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? यहां हम बिजली के चमकने और जमीन पर गिरने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह प्रक्रिया कैसे होती है.

कैसे बनती है बिजली: बिजली एक तरह का विशाल इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज है, जो बादलों के घर्षण के कारण बनता है. बिजली बनने की प्रक्रिया बादलों में विद्युत आवेशों के संचय से शुरू होती है. जब बारिश का बादल बनता है, तो बादल में अपड्राफ्ट और डाउनड्राफ्ट के कारण पानी की बूंदें और बर्फ के क्रिस्टल आपस में टकराते हैं, जिससे बिजली बनती है.

बिजली गिरने में बारिश की भूमिका: बिजली गिरने में बारिश की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. बारिश जितनी भारी होगी, बिजली गिरने की संभावना उतनी ही अधिक होगी.

बर्फ और पानी का टकराव: बारिश, बादलों में बर्फ और पानी का मिश्रण बनाने में मदद करती है. इसलिए जब बर्फ के कण बादलों से टकराते हैं, तो वे विशाल इलेक्ट्रॉन उत्पन्न करते हैं. जिसके कारण विद्युत तरंगें अलग हो जाती हैं.

THUNDER LIGHTNING IN RAIN
कैसे गिरती है आसमानी बिजली (फोटो - Getty Images)

इलेक्ट्रिक चार्ज का पृथक होना: बादल का ऊपर वाला भाग धनात्मक (प्लस) ऊर्जा उत्पन्न करता है, जबकि बादल का निचला भाग ऋणात्मक (माइनस) ऊर्जा उत्पन्न करता है. जब यह दोनों हिस्से आपस में टकराते हैं, जो इनसे इलेक्ट्रिक चार्ज निकलता है, जिससे एक स्पार्क होता है, जिसे में आसमानी बिजली कहते हैं.

क्या है लीडर स्ट्रोक: बादलों में जैसे-जैसे विद्युत आवेश बनता है, आयनित वायु अणुओं का एक चैनल भी इसके साथ ही बनता है. इसे लीडर स्ट्रोक भी कहते हैं. यह आवेश बादल और ज़मीन के बीच बनता है.

धरती पर कैसे गिरती है बिजली: जब लीडर स्ट्रोक ज़मीन पर पहुंचता है, तो स्ट्रोक बिजली के लिए एक एक रास्ता बनाता है. इसे रिटर्न स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है. इस स्ट्रोक को हम बिजली के रूप में देखते हैं. रिटर्न स्ट्रोक 50 हज़ार डिग्री सेल्सियस के तापमान तक पहुंच सकता है, जो सूर्य की सतह से पांच गुना ज़्यादा गर्म होता है.

बिजली गिरने से खुद को कैसे बचाएं: हालांकि बिजली की चमक देखने में तो बहुत ही खूबसूरत लगती है, लेकिन इसके खतरों के बारे में भी पता होना बहुत ज़रूरी है. यहां हम आपको कुछ सुरक्षा उपाय बताने जा रहे हैं, जिनको अपना कर आप प्राकृतिक बिजली से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं.

मौसम पर नज़र रखें: देश के साथ-साथ राज्य सरकार का मौसम विभाग भी बारिश के समय नागरिकों के लिए अलर्ट जारी करता है. इसके अलावा आप मौसम से जुड़ी खबरें भी देख सकते हैं. मौसम विभाग द्वारा दिए जाने वाले पूर्वानुमान और चेतावनियों पर सभी को नज़र रखनी चाहिए.

सुरक्षित स्थान की तलाश जरूरी: अलर्ट मिलने के बाद भी अगर आपको बारिश के दौरान घर से निकलना पड़ता है, और आप बारिश में फंस जाते हैं और आपको बादलों की गरज, चमक और बिजली दिखाई देती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इस दौरान आपको तुरंत ही एक सुरक्षित आश्रय तलाशना है और उसके नीचे खड़े हो जाना है. ध्यान देने वाली बात यह है कि बारिश में पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.

विद्युत प्रवाह में सहायक चीजों से बचें: जब आप सुरक्षित स्थान की तलाश में हों, तो धातु की बाड़, बिजली के पोल जैसी कुछ विद्युत प्रवाहकीय वस्तुओं से बचना चाहिए. साथ ही, अगर आपके पास मोबाइल फोन है, तो उसे बंद कर दें. क्योंकि मोबाइल फोन से निकलने वाली विद्युत तरंगें बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं और आपको झटका लगने की संभावना बढ़ जाती है.

हैदराबाद: वैसे तो देश में मानसून अपने आखिरी चरण में प्रवेश करने वाला है, लेकिन अभी भी कई राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी है. बारिश के मौसम में बिजली चमकना तो आम बात है. यहां प्राकृतिक बिजली को चमकता देख बेहद प्रसन्नता होती है, वहीं यह बेहद खतरनाक भी हो सकता है. यह तो आपको पता ही होगा कि आसमानी बिजली इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

लेकिन जब बारिश होती है, तो बिजली आखिर कैसे चमकती है? यह जमीन पर कैसे गिरती है? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? यहां हम बिजली के चमकने और जमीन पर गिरने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह प्रक्रिया कैसे होती है.

कैसे बनती है बिजली: बिजली एक तरह का विशाल इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज है, जो बादलों के घर्षण के कारण बनता है. बिजली बनने की प्रक्रिया बादलों में विद्युत आवेशों के संचय से शुरू होती है. जब बारिश का बादल बनता है, तो बादल में अपड्राफ्ट और डाउनड्राफ्ट के कारण पानी की बूंदें और बर्फ के क्रिस्टल आपस में टकराते हैं, जिससे बिजली बनती है.

बिजली गिरने में बारिश की भूमिका: बिजली गिरने में बारिश की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. बारिश जितनी भारी होगी, बिजली गिरने की संभावना उतनी ही अधिक होगी.

बर्फ और पानी का टकराव: बारिश, बादलों में बर्फ और पानी का मिश्रण बनाने में मदद करती है. इसलिए जब बर्फ के कण बादलों से टकराते हैं, तो वे विशाल इलेक्ट्रॉन उत्पन्न करते हैं. जिसके कारण विद्युत तरंगें अलग हो जाती हैं.

THUNDER LIGHTNING IN RAIN
कैसे गिरती है आसमानी बिजली (फोटो - Getty Images)

इलेक्ट्रिक चार्ज का पृथक होना: बादल का ऊपर वाला भाग धनात्मक (प्लस) ऊर्जा उत्पन्न करता है, जबकि बादल का निचला भाग ऋणात्मक (माइनस) ऊर्जा उत्पन्न करता है. जब यह दोनों हिस्से आपस में टकराते हैं, जो इनसे इलेक्ट्रिक चार्ज निकलता है, जिससे एक स्पार्क होता है, जिसे में आसमानी बिजली कहते हैं.

क्या है लीडर स्ट्रोक: बादलों में जैसे-जैसे विद्युत आवेश बनता है, आयनित वायु अणुओं का एक चैनल भी इसके साथ ही बनता है. इसे लीडर स्ट्रोक भी कहते हैं. यह आवेश बादल और ज़मीन के बीच बनता है.

धरती पर कैसे गिरती है बिजली: जब लीडर स्ट्रोक ज़मीन पर पहुंचता है, तो स्ट्रोक बिजली के लिए एक एक रास्ता बनाता है. इसे रिटर्न स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है. इस स्ट्रोक को हम बिजली के रूप में देखते हैं. रिटर्न स्ट्रोक 50 हज़ार डिग्री सेल्सियस के तापमान तक पहुंच सकता है, जो सूर्य की सतह से पांच गुना ज़्यादा गर्म होता है.

बिजली गिरने से खुद को कैसे बचाएं: हालांकि बिजली की चमक देखने में तो बहुत ही खूबसूरत लगती है, लेकिन इसके खतरों के बारे में भी पता होना बहुत ज़रूरी है. यहां हम आपको कुछ सुरक्षा उपाय बताने जा रहे हैं, जिनको अपना कर आप प्राकृतिक बिजली से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं.

मौसम पर नज़र रखें: देश के साथ-साथ राज्य सरकार का मौसम विभाग भी बारिश के समय नागरिकों के लिए अलर्ट जारी करता है. इसके अलावा आप मौसम से जुड़ी खबरें भी देख सकते हैं. मौसम विभाग द्वारा दिए जाने वाले पूर्वानुमान और चेतावनियों पर सभी को नज़र रखनी चाहिए.

सुरक्षित स्थान की तलाश जरूरी: अलर्ट मिलने के बाद भी अगर आपको बारिश के दौरान घर से निकलना पड़ता है, और आप बारिश में फंस जाते हैं और आपको बादलों की गरज, चमक और बिजली दिखाई देती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इस दौरान आपको तुरंत ही एक सुरक्षित आश्रय तलाशना है और उसके नीचे खड़े हो जाना है. ध्यान देने वाली बात यह है कि बारिश में पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.

विद्युत प्रवाह में सहायक चीजों से बचें: जब आप सुरक्षित स्थान की तलाश में हों, तो धातु की बाड़, बिजली के पोल जैसी कुछ विद्युत प्रवाहकीय वस्तुओं से बचना चाहिए. साथ ही, अगर आपके पास मोबाइल फोन है, तो उसे बंद कर दें. क्योंकि मोबाइल फोन से निकलने वाली विद्युत तरंगें बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं और आपको झटका लगने की संभावना बढ़ जाती है.

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