हैदराबाद: आने वाले नए साल से कार निर्माता कंपनियां अपने उत्पादों की कीमतों में इजाफा करने का ऐलान कर चुकी हैं, जिससे नई कार खरीदना लोगों के लिए महंगा हो जाएगा. वहीं अब कम बजट में सेकेंड-हैंड कार खरीदने वालों के लिए भी बुरी खबर सामने आ रही है. आने वाले हफ्तों में सेकंड-सेल इलेक्ट्रिक कारों, सबकॉम्पैक्ट सेडान, एसयूवी और हैचबैक की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, GST काउंसिल पुरानी कारों के बाजार के लिए जीएसटी दर मानकीकरण लागू करने पर विचार करने वाली है, जिससे छोटी कारें और इलेक्ट्रिक वाहन महंगे हो सकते हैं. मौजूदा समय में इस बाजार पर दो स्लैब के तहत टैक्स लगाया जाता है. इसमें 4 मीटर से कम आकार वाले ईवी और आंतरिक दहन मॉडल के लिए 12 प्रतिशत टैक्स लगता है.
इसके अलावा 1200cc से कम पेट्रोल इंजन और 1500cc से कम डीजल इंजन के साथ आने वाले वाहनों पर 12 प्रतिशत टैक्स, और अन्य सभी मॉडलों के लिए 18 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है. इस रिपोर्ट के अनुसार, GST परिषद की फिटमेंट समिति ने सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए इस दर को 18 प्रतिशत करने की सिफारिश की है.
आपको बता दें कि इस टैक्स के लागू होने पर इस्तेमाल किए गए ईवी और सबकॉम्पैक्ट इंटरनल कम्बशन वाहन पहले से महंगे हो जाएंगे. हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि GST केवल डीलरों के माध्यम से बेची जाने वाली कारों पर ही लागू होगा. निजी तौर पर किसी व्यक्ति द्वारा बेची जा रही कार पर GST नहीं लागू होगी.
यह दर डीलरों द्वारा ऐसी बिक्री पर अर्जित मार्जिन पर लागू होती है - खरीद मूल्य में से अंतिम बिक्री मूल्य घटाया जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीएसटी परिषद की बैठक 20 और 21 दिसंबर को होने वाली है, जहां प्रस्तावित दर परिवर्तन पर विचार किया जा सकता है.