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भारत की डेटा सेंटर क्षमता 3 साल में दोगुनी हो जाएगी : रिपोर्ट - Indian Data Center Capacity

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By IANS

Published : Mar 27, 2024, 5:30 PM IST

Indian Data Center Capacity : तकनीक के विकास के साथ-साथ डेटा की मांग लगातार बढ़ रही है. इसी के साथ देश में डेटा सेंटरों की क्षमता लगातार बढ़ रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Indian Data Center Capacity
Indian Data Center Capacity

नई दिल्ली : भारत की डेटा सेंटर क्षमता तीन साल में दोगुनी होने की संभावना है, जो 2023 में लगभग 0.9 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) से 2026 में 2 गीगावॉट हो जाएगी. बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अतिरिक्त क्षमता निर्माण ने अगले तीन सालों में 50 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित पूंजीगत व्यय जरूरत के कारण पर्याप्त निवेश संभावनाएं पैदा की हैं.

इस समय ग्लोबल डेटा का 20 प्रतिशत उत्पन्न करने के बावजूद भारत की डेटा सेंटर क्षमता में विश्व हिस्सेदारी मात्र 3 प्रतिशत है, जबकि हर महीने एक्साबाइट यूज की तुलना में भारत में मोबाइल डेटा का यूज विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा है.

केयरएज रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर पूजा जालान ने कहा, 'नियोजित क्षमता का लाभ पाने के लिए भूमि और उपकरण की उपलब्धता तथा वेंडर इकोसिस्टम के प्रबंधन में परियोजना को लागू करने संबंधी चुनौतियां का समाधान जरूरी है.'

उन्होंने आगे कहा कि डेटा सेंटर स्थापित करने की प्रति मेगावाट लागत भी बढ़ रही है और प्रति मेगावाट की औसत लागत 40-45 करोड़ रुपये से बढ़कर 60-70 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट के स्तर तक पहुंच गई है.

अगले तीन से चार सालों में, वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान 32 प्रतिशत सीएजीआर वृद्धि के साथ राजस्व बढ़ोतरी जारी रहने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि अगले तीन वर्षों में एबिटडा (ईबीआईटीडीए) मार्जिन स्थिर रहने की संभावना है. उद्योग को अगले 5-6 वर्षों में 5 गीगावॉट क्षमता वृद्धि की घोषणाएं देखने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली : भारत की डेटा सेंटर क्षमता तीन साल में दोगुनी होने की संभावना है, जो 2023 में लगभग 0.9 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) से 2026 में 2 गीगावॉट हो जाएगी. बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अतिरिक्त क्षमता निर्माण ने अगले तीन सालों में 50 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित पूंजीगत व्यय जरूरत के कारण पर्याप्त निवेश संभावनाएं पैदा की हैं.

इस समय ग्लोबल डेटा का 20 प्रतिशत उत्पन्न करने के बावजूद भारत की डेटा सेंटर क्षमता में विश्व हिस्सेदारी मात्र 3 प्रतिशत है, जबकि हर महीने एक्साबाइट यूज की तुलना में भारत में मोबाइल डेटा का यूज विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा है.

केयरएज रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर पूजा जालान ने कहा, 'नियोजित क्षमता का लाभ पाने के लिए भूमि और उपकरण की उपलब्धता तथा वेंडर इकोसिस्टम के प्रबंधन में परियोजना को लागू करने संबंधी चुनौतियां का समाधान जरूरी है.'

उन्होंने आगे कहा कि डेटा सेंटर स्थापित करने की प्रति मेगावाट लागत भी बढ़ रही है और प्रति मेगावाट की औसत लागत 40-45 करोड़ रुपये से बढ़कर 60-70 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट के स्तर तक पहुंच गई है.

अगले तीन से चार सालों में, वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान 32 प्रतिशत सीएजीआर वृद्धि के साथ राजस्व बढ़ोतरी जारी रहने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि अगले तीन वर्षों में एबिटडा (ईबीआईटीडीए) मार्जिन स्थिर रहने की संभावना है. उद्योग को अगले 5-6 वर्षों में 5 गीगावॉट क्षमता वृद्धि की घोषणाएं देखने की उम्मीद है.

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