हैदराबाद: केंद्र सरकार ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी योजना सोमवार से पूरे देश में लागू कर दी है. इस योजना को मार्च में समाप्त हुई फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफेक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) योजना, साथ ही तीन महीने की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) के स्थान पर शुरू की गई है, जो 30 सितंबर को समाप्त हुई थी.
क्या है PM E-Drive योजना
पीएम ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य हरित समाधान प्रदान करना और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना तथा इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) की स्थापना करना है. नई योजना में दो वर्षों की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है और यह 31 मार्च, 2026 तक वैध है. ईवी की पैठ बढ़ाने के लिए, नई नीति ई-2-व्हीलर, ई-3-व्हीलर, ई-बसों और पहली बार ई-एम्बुलेंस पर केंद्रित है.
इस योजना के बारे में भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने कहा है कि ई-2-व्हीलर, ई-3-व्हीलर, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं. यह योजना 24.79 लाख ई-2-व्हीलर, 3.16 लाख ई-3-व्हीलर और 14,028 ई-बसों को सहायता प्रदान करेगी.
इसके अलावा भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के अंतर्गत एक पहल की गई है, जिसमें ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. ई-ट्रकों के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और यह प्रोत्साहन उन लोगों को प्रदान किया जाएगा, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों (RVSF) से जारी प्रमाण पत्र के साथ स्क्रैपेज नीति का विकल्प चुनते हैं.
पीएम ई-ड्राइव के तहत ई-बस पर सब्सिडी
पीएम ई-ड्राइव की सब्सिडी का बड़ा हिस्सा 4,391 करोड़ रुपये है, जो हरित सार्वजनिक परिवहन प्रदान करने के लिए 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए आवंटित किया गया है. कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों यानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद में एग्रीगेशन विधि के माध्यम से ई-बसों की खरीद का नेतृत्व करेगी.
पीएम ई-ड्राइव के तहत चार्जर्स का विस्तार
ईवी इकोसिस्टम बनाने, उसे बनाए रखने और उसका विस्तार करने के लिए, पीएम ई-ड्राइव योजना इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (ईवीपीसीएस) की संख्या बढ़ाएगी. ईवीपीसीएस के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा. योजना शहरों और राजमार्गों पर ईवीपीसीएस स्थापित करने की है. इस योजना में ई-4 व्हीलर के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और ई-2-व्हीलर और ई-3-व्हीलर के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव दिया गया है.