सरगुजा: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज की डायटीशियन सुमन सिंह बताती है कि आजकल बच्चों का घर का खाना पसंद नहीं आता. घर का थोड़ा सा खाना खाने में भी वह दिलचस्पी नहीं दिखाते जबकि बाहर का फास्ट फूड काफी अच्छे से खाते हैं. यह एक तरह से मॉल न्यूट्रिशन है यानी कुपोषण. इसमे कुछ बच्चे ओवर इटिंग करते हैं और दूसरे वे बच्चे है जिन्हें सही तरह से न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता है. सुमन का कहना है कि बच्चों को घर में वो खाना बनाकर दें जो वह खाना चाहता है इससे बच्चे का पेट भर जाएगा और उसका ध्यान बाहर के जंक फूड की तरफ नहीं जाएगा.
नॉर्मल पराठे की जगह सब्जी, पनीर या दाल का पराठा बनाए: डायटीशियन सुमन सिंह बताती है "घर में रोज के साधारण खाने की चीजों को अट्रैक्टिव और टेस्टी बनाकर बच्चों को दिया जा सकता है. सामान्य पराठे को स्टफ पराठा, पनीर पराया और कई सब्जियों को मिलाकर पराठा बनाकर दें. पराठे को हमेशा दही के साथ दें. इससे पराठा का ना सिर्फ स्वाद बढ़ेगा बल्कि वह अट्रैक्टिव दिखने से बच्चा भी पसंद करेगा. जो टेस्टी के साथ हेल्दी भी रहेगा. इससे बच्चे को काफी मात्रा में कैलशियम और दूसरे पोषक तत्व मिलेंगे."
बादाम या एप्पल शेक: खाने के साथ हेल्दी शेक जरूर दें. दूध में बादाम का पाउडर मिलाकर बादाम शेक बनाकर देना चाहिए. एप्पल शेक बनाकर दें. नारियल पानी भी बीच बीच में बच्चों को दें. नारियल पानी में काफी मात्रा में पोटेशियम होता है. जो बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है.
चना की अलग अलग वैरायटी बनाएं: बच्चों को स्नैक टाइम में चने का सलाद बनाकर दें. मूंग या चने की चाट घर में बनाकर दिया जा सकता है. बच्चों को गोलगप्पे या चाट काफी पसंद होती है. इसे घर में ही बनाकर दें. फल में अमरूद, पपीता खिलाएं, ये आसानी से मिल जाता है. जामुन और लीची भी जरूर खिलाएं.
वेज पुलाव, दलिया या मिलेट्स पुलाव: मिलेट्स में वेज दलिया या वेज पुलाव बनाकर दें. कोदो से बना वेज पुलाव खाने में काफी स्वादिष्ट होता है. ऐसा करके एक ही मील में बच्चे को एक बार में काफी विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं. बच्चों के खाने में दाल जरूर शामिल करें. दाल पत्नी होनी चाहिए. दाल का पानी भी सूप की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. दाल लिक्विड की कमी को भी पूरा करता है. दाल के अलावा सांबर भी अच्छा ऑप्शन है. उसमें दाल के साथ ही कई तरह की सब्जियां और दूसरे मसाले भी बच्चों को मिल जाते हैं.
चबाकर खाने की डाले आदत: डायटीशियन सुमन सिंह बताती है बच्चों को फ्रूट जूस की जगह फल खाने को दें. इससे बच्चों में चबाकर खाने की आदत पैदा होगी. कच्चा नारियल भी खाने को दें. बच्चों को एक साथ खाने के लिए प्रेशन ना डालें. थोड़ी थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाने को देते रहे. लंच में फल जरूर रखें. डायटीशियन बताती है कि आजकल पैरेंट्स बच्चों को खाना मैशकर दे देते हैं या फल का जूस दे देते हैं. ऐसा ना करें उन्हें चबाकर खाने की आदत डाले.