लखनऊ : देवरिया स्थित महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की इमरजेंसी में इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी. परिवार को लोगों ने इलाज में देरी का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि समय से उपचार मिलता तो जान बच सकती थी. इस मामले में बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं कानपुर देहात के झींझक में बिना चिकित्सकीय डिग्री के नर्सिंग होम संचालित करने के मामले की भी जांच होगी.
देवरिया के बरियारपुर स्थित बैकुंठपुर निवासी आर्दश जायसवाल (18) की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. परिजन युवक को लेकर महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की इमरजेंसी में पहुंचे. इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया था कि पंजीकरण कराने में ही 45 मिनट का समय लगा दिया गया. समय पर इलाज मिलता तो उनके बेटे की मौत नहीं होती.
परिवार के लोगों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन की इस लापरवाही की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की थी. घटना का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया है. डिप्टी सीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं. अगर मामले में कोई भी स्वास्थ्यकर्मी दोषी पाया गया तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, कानपुर देहात के झींझक में बिना चिकित्सकीय डिग्री के ही नर्सिंग होम संचालित करने का मामला भी सामने आया था. सोशल मीडिया पर यह सुर्खियों में रहा था. डिप्टी सीएम ने इस प्रकरण में भी सीएमओ को मामले की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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