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लखनऊ के युवा संगीतकारों ने संगीत मंथन से तैयार की महाकुंभ की वाणी, आप भी सुनें... - MAHAKUMBH 2025

महाकुम्भ को लेकर कई गाने रिलीज हो चुके हैं तो कई तैयार हैं, कुंभ के महत्व और उसके आस्था जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश

महाकुंभ 2025
महाकुंभ 2025 (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 13 hours ago

लखनऊः 13 जनवरी से संगम नगरी प्रयागराज में शुरू होने जा रहे हिंदू धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को इस बार न केवल अलौकिक बल्कि इसको पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म के इस बड़े आयोजन को गर्व के साथ साझा करने की तैयारी चल रही है. इस बार के महाकुंभ को जहां सरकार पूरी शिद्दत और श्रद्धा के साथ आयोजित करने में जुटी हुई है.

वहीं, दूसरी तरफ लखनऊ के कुछ युवा संगीतकार व गीतकार कुंभ के अलौकिक के छठा और उसकी महत्व को आमजन मानस तक पहुंचाने के लिए अपने हुनर का प्रयोग कर रहे हैं. शहर के गायक और गीतकार अपनी जादुई आवाज और लेखनी से महाकुंभ की थीम व आस्था पर आधारित कई गीत गा और लिख रहे हैं. भक्ति और आस्था के समुद्र में संगीत मंथन से निकल रही सुमधुर वाणी भक्तों को महाकुंभ के लिए प्रेरित कर रही हैं. उन्होंने अपने स्वरूप के और संगीत के मंथन से कुंभ के अलौकिक दृश्य को अपने गीतों के माध्यम से साकार करने की कोशिश की है. ईटीवी भारत में ऐसे ही कलाकारों से बात की है, जिन्होंने कुंभ की महिमा को बताने के लिए संगीत का सहारा लिया है.

लखनऊ के संगीतकारों ने महाकुंभ के लिए तैयार किए गीत. (Video Credit; ETV Bharat)
को गीत के माध्यम से महाकुम्भ को संगीतमय करने की तैयारीः हिंदू धर्म के आस्था के प्रतीक अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा के समय गाना 'मुझे राम प्यारे मुझे राम दे दो...' गाने के साथ चर्चा में आए गीतकार व कवि शिखर त्रिपाठी ने महाकुंभ को लेकर भी एक थीम सॉन्ग को तैयार किया है. शेखर त्रिपाठी बताया कि इस बार का महाकुम्भ काफी विशेष है. 'महाकुंभ भक्ति ज्ञान आध्यात्म और श्रद्धा का संगम होगा'. इस गीत कोहाल ही में संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित युवा कवि कुंभ में पढ़ा था. इस गीत को काफी पसंद किया गया है. इस गीत को संगीत में करने के साथ ही इसकी कंपोजिंग को पूरा कर लिया गया है. इस गीत को गोरखपुर के सांसद व अभिनेता रवि किशन के सामने गया गया और उन्होंने इस थीम सॉन्ग को न केवल सुना बल्कि लॉन्च भी किया है. इसके अलावा भी अभी कुंभ पर कई गीत लिखने का काम चल रहा है. जैसे-जैसे गीत तैयार होते जाएंगे, वैसे-वैसे इनको रिलीज करते जाऊंगा. गीत के माध्यम से बताएंगे नदियों की महत्वताः गीतकार और गायक शुभाशीष उपाध्याय ने यूपी कल्चरल डिपार्टमेंट के साथ मिलकर महा कुम्भ को लेकर एक गीत तैयार कर रहे हैं. जिसके बोल तैयार हो गए हैं, अब उसके रेकॉर्ड करने की तैयारी शुरू हो गई है. इस गीत का लांच व परफॉर्मेंस महाकुंभ में होगा. शुभाशीष ने बताया कि अभी हम लोगों भारत की प्रमुख नदियों पर काम कर रहे हैं. जैसे गंगा, यमुना नदी का उद्गम स्थल कहां है और यह क्यों पवित्र हैं. इसमें प्राकृतिक तत्वों के साथ धार्मिक महत्व को भी बताया जाएगा. यह पूरा प्रोजेक्ट एक संगीतमय प्रस्तुति के रूप में तैयार किया जा रहा है. इसमें लिरिक्स और कंपोजिंग उनकी ही है. महाकुंभ के शुरुआत में अपने सात्विक बैंड के साथ प्रस्तुति भी दूंगा. महाकुंभ में प्रस्तुति के दौरान हमने कुछ महाकुंभ के गीतों को भी सिलेक्ट किया है, जिनको वहां पर गाएंगे. फिलहाल डेट फाइनल नहीं हुई है. लेकिन उम्मीद है कि महाकुंभ के 45 दिनों के शुरुआती दिनों में ही हमारी परफॉर्मेंस होगी. चलो सखी कुंभ नगरी: जानी मानी लोक गायिका कुसुम वर्मा ने बताया कि 'मैं तो प्रयागराज में ही पैदा हुई, वहीं मेरी परवरिश हुई. इसलिए कुंभ, अर्ध कुंभ महाकुंभ सब मेरे दिल के बहुत करीब हैं. मैंने वहां के कई रंग देखे हैं. उन्हीं रंगों को मैं अब अपनी लोक गायकी में दिखाना चाहती हूं. इस बार महाकुंभ को लेकर मैंने एक नृत्य नाटिका तैयार की है. जिसमें लोकगीत भी हैं इसको रिकॉर्ड करना बाकी है. इसके अलावा महाकुंभ पर आधारित करीब 6 गीत तैयार हैं. इन गीतों को मैंने ही लिखा है और मैं ही गाऊंगी भी. अभी कुछ गीत तैयार हो गए हैं. दिसंबर के आखिर में या फिर जनवरी के पहले हफ्ते में इन गानों को रिकॉर्ड करके अपने यूट्यूब चैनल पर रिलीज करूंगी. इससे पहले भी मैं कई कुंभ गीत लिख चुकी हूं'.

इसे भी पढ़ें-महाकुंभ 2025: दक्षिण भारत से काशी के लिए चलेगी साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन, देखें समय और रूट

लखनऊः 13 जनवरी से संगम नगरी प्रयागराज में शुरू होने जा रहे हिंदू धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को इस बार न केवल अलौकिक बल्कि इसको पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म के इस बड़े आयोजन को गर्व के साथ साझा करने की तैयारी चल रही है. इस बार के महाकुंभ को जहां सरकार पूरी शिद्दत और श्रद्धा के साथ आयोजित करने में जुटी हुई है.

वहीं, दूसरी तरफ लखनऊ के कुछ युवा संगीतकार व गीतकार कुंभ के अलौकिक के छठा और उसकी महत्व को आमजन मानस तक पहुंचाने के लिए अपने हुनर का प्रयोग कर रहे हैं. शहर के गायक और गीतकार अपनी जादुई आवाज और लेखनी से महाकुंभ की थीम व आस्था पर आधारित कई गीत गा और लिख रहे हैं. भक्ति और आस्था के समुद्र में संगीत मंथन से निकल रही सुमधुर वाणी भक्तों को महाकुंभ के लिए प्रेरित कर रही हैं. उन्होंने अपने स्वरूप के और संगीत के मंथन से कुंभ के अलौकिक दृश्य को अपने गीतों के माध्यम से साकार करने की कोशिश की है. ईटीवी भारत में ऐसे ही कलाकारों से बात की है, जिन्होंने कुंभ की महिमा को बताने के लिए संगीत का सहारा लिया है.

लखनऊ के संगीतकारों ने महाकुंभ के लिए तैयार किए गीत. (Video Credit; ETV Bharat)
को गीत के माध्यम से महाकुम्भ को संगीतमय करने की तैयारीः हिंदू धर्म के आस्था के प्रतीक अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा के समय गाना 'मुझे राम प्यारे मुझे राम दे दो...' गाने के साथ चर्चा में आए गीतकार व कवि शिखर त्रिपाठी ने महाकुंभ को लेकर भी एक थीम सॉन्ग को तैयार किया है. शेखर त्रिपाठी बताया कि इस बार का महाकुम्भ काफी विशेष है. 'महाकुंभ भक्ति ज्ञान आध्यात्म और श्रद्धा का संगम होगा'. इस गीत कोहाल ही में संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित युवा कवि कुंभ में पढ़ा था. इस गीत को काफी पसंद किया गया है. इस गीत को संगीत में करने के साथ ही इसकी कंपोजिंग को पूरा कर लिया गया है. इस गीत को गोरखपुर के सांसद व अभिनेता रवि किशन के सामने गया गया और उन्होंने इस थीम सॉन्ग को न केवल सुना बल्कि लॉन्च भी किया है. इसके अलावा भी अभी कुंभ पर कई गीत लिखने का काम चल रहा है. जैसे-जैसे गीत तैयार होते जाएंगे, वैसे-वैसे इनको रिलीज करते जाऊंगा. गीत के माध्यम से बताएंगे नदियों की महत्वताः गीतकार और गायक शुभाशीष उपाध्याय ने यूपी कल्चरल डिपार्टमेंट के साथ मिलकर महा कुम्भ को लेकर एक गीत तैयार कर रहे हैं. जिसके बोल तैयार हो गए हैं, अब उसके रेकॉर्ड करने की तैयारी शुरू हो गई है. इस गीत का लांच व परफॉर्मेंस महाकुंभ में होगा. शुभाशीष ने बताया कि अभी हम लोगों भारत की प्रमुख नदियों पर काम कर रहे हैं. जैसे गंगा, यमुना नदी का उद्गम स्थल कहां है और यह क्यों पवित्र हैं. इसमें प्राकृतिक तत्वों के साथ धार्मिक महत्व को भी बताया जाएगा. यह पूरा प्रोजेक्ट एक संगीतमय प्रस्तुति के रूप में तैयार किया जा रहा है. इसमें लिरिक्स और कंपोजिंग उनकी ही है. महाकुंभ के शुरुआत में अपने सात्विक बैंड के साथ प्रस्तुति भी दूंगा. महाकुंभ में प्रस्तुति के दौरान हमने कुछ महाकुंभ के गीतों को भी सिलेक्ट किया है, जिनको वहां पर गाएंगे. फिलहाल डेट फाइनल नहीं हुई है. लेकिन उम्मीद है कि महाकुंभ के 45 दिनों के शुरुआती दिनों में ही हमारी परफॉर्मेंस होगी. चलो सखी कुंभ नगरी: जानी मानी लोक गायिका कुसुम वर्मा ने बताया कि 'मैं तो प्रयागराज में ही पैदा हुई, वहीं मेरी परवरिश हुई. इसलिए कुंभ, अर्ध कुंभ महाकुंभ सब मेरे दिल के बहुत करीब हैं. मैंने वहां के कई रंग देखे हैं. उन्हीं रंगों को मैं अब अपनी लोक गायकी में दिखाना चाहती हूं. इस बार महाकुंभ को लेकर मैंने एक नृत्य नाटिका तैयार की है. जिसमें लोकगीत भी हैं इसको रिकॉर्ड करना बाकी है. इसके अलावा महाकुंभ पर आधारित करीब 6 गीत तैयार हैं. इन गीतों को मैंने ही लिखा है और मैं ही गाऊंगी भी. अभी कुछ गीत तैयार हो गए हैं. दिसंबर के आखिर में या फिर जनवरी के पहले हफ्ते में इन गानों को रिकॉर्ड करके अपने यूट्यूब चैनल पर रिलीज करूंगी. इससे पहले भी मैं कई कुंभ गीत लिख चुकी हूं'.

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