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ग्रह नक्षत्रों के कारण आप होते हैं ठगी का शिकार,जानिए कैसे बचे

Victim Of Fraud अक्सर आपने किसी को ठगे जाने की खबरें पढ़ी या देखी होगी.लेकिन क्या ज्योतिष शास्त्र की मदद से ठगी से बचा जा सकता है.आज हम इसे ही जानने की कोशिश करेंगे.

Victim Of Fraud
ग्रह नक्षत्रों के कारण आप होते हैं ठगी का शिकार
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2024, 5:38 AM IST

Updated : Feb 21, 2024, 5:59 PM IST

ग्रह नक्षत्रों के कारण आप होते हैं ठगी का शिकार

रायपुर: आजकल ठगी की घटनाएं बढ़ने लगी हैं.पढ़े लिखे लोग भी ठगी का शिकार बन जाते हैं.लेकिन ठगे जाने को लेकर ज्योतिष शास्त्र का अलग ही तर्क है. ज्योतिष शास्त्र की माने तो किसी का ठगा जाना या ना ठगा जाना उसके ग्रह नक्षत्र पर निर्भर करता है.

क्यों होते हैं ठगी का शिकार ? : ज्योतिषाचार्य डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर कुंडली में 11वां भाव उपलब्धियों का भाव माना गया है. यही आय के स्त्रोत का भाव है. ठगी का संबंध आय की हानि से ही है. 11वें भाव पर किसी ऐसे ग्रह का प्रभाव हो जो अपना कुप्रभाव दे रहा हो तो उस ग्रह की दशा या गोचरिय स्थिति के कारण व्यक्ति ठगी का शिकार होता है.

ठगी की घटना में पिछले जन्मों का भी कर्म : ज्योतिषाचार्य डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि '' यह भी निश्चित है कि व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है. चाहे वह इस जन्म का हो या फिर पिछले जन्म का. ऐसी स्थिति में अगर हमने किसी के साथ पिछले जन्मों में ठगी की है, तो इस जन्म में हम भी ठगे जाएंगे. अगर हमने किसी को नहीं ठगा है. तो अगले जन्म में वह हमारे द्वारा किसी कारण से ठगी का शिकार होगा ही. वास्तव में कोई व्यक्ति किसी का धन नहीं दबाता वह वास्तव में पिछले जन्मों के कर्मों का ही परिणाम होता है.''

''यदि हमने किसी को पैसा दिया और हमें वह वापस नहीं करता है, हमारे साथ धोखाधड़ी करता है. तो वह व्यक्ति अगले जन्म में मतलब किसी अन्य जन्म में हमारा कुत्ता बनकर रहेगा. उसे कर्ज की राशि की भुगतान होने तक वह हमारी सेवा करेगा. इस प्रकार कर्मफल का सिद्धांत चलता रहता है. व्यक्ति अपने कर्मों के कारण ही या किसी ग्रह के कुप्रभाव के कारण ही ठगी का शिकार होता है." डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष

खुद पर ना करें तंत्र का इस्तेमाल : कोई भी ज्योतिष या तांत्रिक अपने ज्ञान, अपनी साधना का उपयोग अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों के लिए नहीं कर सकता. यह ज्योतिष में प्रतिबंधित है. कोई ज्योतिषी या तांत्रिक नहीं मिल रहा हो तो किसी दूसरे ज्योतिष की सलाह पर उपाय कर सकता है.जिससे वो दोष मुक्त हो जाता है. इस उपाय से दूसरों का लाभ मिलता है. इसलिए अपना और अपने परिवार का ज्योतिष एवं तांत्रिक समाधान प्रतिबंधित माना गया है. यह जनकल्याण की विद्या है. ईश्वर ने हमें यह शक्ति यह ज्ञान दूसरों की भलाई के लिए दिया है.

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. कई तरह के माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोग करने वाले की ही होगी.''

ग्रह नक्षत्रों के कारण आप होते हैं ठगी का शिकार

रायपुर: आजकल ठगी की घटनाएं बढ़ने लगी हैं.पढ़े लिखे लोग भी ठगी का शिकार बन जाते हैं.लेकिन ठगे जाने को लेकर ज्योतिष शास्त्र का अलग ही तर्क है. ज्योतिष शास्त्र की माने तो किसी का ठगा जाना या ना ठगा जाना उसके ग्रह नक्षत्र पर निर्भर करता है.

क्यों होते हैं ठगी का शिकार ? : ज्योतिषाचार्य डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर कुंडली में 11वां भाव उपलब्धियों का भाव माना गया है. यही आय के स्त्रोत का भाव है. ठगी का संबंध आय की हानि से ही है. 11वें भाव पर किसी ऐसे ग्रह का प्रभाव हो जो अपना कुप्रभाव दे रहा हो तो उस ग्रह की दशा या गोचरिय स्थिति के कारण व्यक्ति ठगी का शिकार होता है.

ठगी की घटना में पिछले जन्मों का भी कर्म : ज्योतिषाचार्य डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि '' यह भी निश्चित है कि व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है. चाहे वह इस जन्म का हो या फिर पिछले जन्म का. ऐसी स्थिति में अगर हमने किसी के साथ पिछले जन्मों में ठगी की है, तो इस जन्म में हम भी ठगे जाएंगे. अगर हमने किसी को नहीं ठगा है. तो अगले जन्म में वह हमारे द्वारा किसी कारण से ठगी का शिकार होगा ही. वास्तव में कोई व्यक्ति किसी का धन नहीं दबाता वह वास्तव में पिछले जन्मों के कर्मों का ही परिणाम होता है.''

''यदि हमने किसी को पैसा दिया और हमें वह वापस नहीं करता है, हमारे साथ धोखाधड़ी करता है. तो वह व्यक्ति अगले जन्म में मतलब किसी अन्य जन्म में हमारा कुत्ता बनकर रहेगा. उसे कर्ज की राशि की भुगतान होने तक वह हमारी सेवा करेगा. इस प्रकार कर्मफल का सिद्धांत चलता रहता है. व्यक्ति अपने कर्मों के कारण ही या किसी ग्रह के कुप्रभाव के कारण ही ठगी का शिकार होता है." डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष

खुद पर ना करें तंत्र का इस्तेमाल : कोई भी ज्योतिष या तांत्रिक अपने ज्ञान, अपनी साधना का उपयोग अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों के लिए नहीं कर सकता. यह ज्योतिष में प्रतिबंधित है. कोई ज्योतिषी या तांत्रिक नहीं मिल रहा हो तो किसी दूसरे ज्योतिष की सलाह पर उपाय कर सकता है.जिससे वो दोष मुक्त हो जाता है. इस उपाय से दूसरों का लाभ मिलता है. इसलिए अपना और अपने परिवार का ज्योतिष एवं तांत्रिक समाधान प्रतिबंधित माना गया है. यह जनकल्याण की विद्या है. ईश्वर ने हमें यह शक्ति यह ज्ञान दूसरों की भलाई के लिए दिया है.

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. कई तरह के माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें. इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोग करने वाले की ही होगी.''

Last Updated : Feb 21, 2024, 5:59 PM IST
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