नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: नए नोएडा के मास्टर प्लान को उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद बुलंदशहर और दादरी तहसील के 80 गांव को मिलाकर नए नोएडा बसाया जाएगा. जल्द ही अब यहां पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. हालांकि किस प्रक्रिया के तहत जमीन ली जाएगी इसको लेकर अभी फैसला होना बाकी है. जमीन अधिग्रहण के बाद लेआउट प्लान तैयार किया जाएगा. नए नोएडा को कागजों में दादरी-नोएडा- गाजियाबाद - इन्वेस्टमेंट - रीजन (डीएनजीआईआर) नाम दिया जाएगा.
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में दादरी के पास नए नोएडा बसाने की प्रक्रिया एक साल पहले शुरू हुई थी. नोएडा प्राधिकरण ने बीते जनवरी में उत्तर प्रदेश सरकार के पास मास्टर प्लान को मंजूरी के लिए भेजा था. करीब दो सप्ताह पहले औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी इसका प्रस्तुतिकरण देखा था. इस प्लान को लेकर 19 आपत्तियां आई थी जिनका निस्तारण किया गया है. नए नोएडा 209.5 वर्ग किलोमीटर में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा. इसके लिए 80 गांव की जमीन अधिग्रहण की जाएगी इसके लिए नोटिफाई किया जा चुका है.
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि मास्टर प्लान को 12 जनवरी को मंजूरी के लिए भेजा गया था वहां से अब शुक्रवार को इसकी मंजूरी मिल गई है। नए नोएडा को चार फेस में पूरा किया जाएगा. वर्ष 2027 तक इसे 3165 हेक्टेयर जमीन में विकसित किया जाएगा. वर्ष 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया विकसित किया जाएगा. नए नोएडा में उद्योग को प्राथमिकता दी जाएगी. इसमें उद्योग के अलावा आवासीय, ग्रामीण आबादी, मिक्स लैंड यूज, ग्रीनरी और संस्थागत आदि एरिया प्रस्तावित है.
नए नोएडा को 209 वर्ग किलोमीटर में बसाया जाना है. डीएनजीआईआर मास्टर प्लान 2041 में 40 प्रतिशत भू उपयोग, औद्योगिक 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया व रिक्रिएशन एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत का प्रावधान है। डीएनजीआईआर को गौतम बुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के 60 गांव को मिलाकर बनाया गया है। इस शहर की आबादी लगभग 6 लाख के आसपास होगी.
दोनों जिलों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी भिन्न
नोएडा में अधिकांश हिस्से की जमीन का अधिग्रहण धारा 4 और 6 के तहत जिला प्रशासन के जरिए कराया जाएगा. कुछ जगह किसानों से आपसी सहमति से जमीन ली जाएगी. इसके अलावा यह भी विचार है कि गुरुग्राम की तर्ज पर सीधे डेवलपर को जमीन लेने का जिम्मा देते हुए लाइसेंस दिया जाए. इससे प्राधिकरण उस एरिया का बाहरी विकास करेगा जबकि डेवलपर आंतरिक विकास करेगा। अधिकारियों का कहना है की जमीन अधिग्रहण नीति क्या होगी इसके लिए शासन स्तर से गाइडलाइन जारी किए जाएंगे उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
जमीन अधिग्रहण में आएंगी मुश्किलें
डीएनजीआईआर नए नोएडा के जमीन अधिकरण में नोएडा प्राधिकरण को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। नए नोएडा दादरी के नई बस्ती बैरंगपुर गांव से शुरू होकर 20 गांव के साथ ही सिकंदराबाद के 60 गांव शामिल किए गए हैं। दादरी तहसील के अधिकांश गांव में नोटिफाइड होने के बावजूद भी जमीन पर वेयरहाउस बनाए जा रहे है। ऐसे में इस एरिया में नोएडा प्राधिकरण को जमीन अधिग्रहण में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
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