प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में मंगलवार को दिन में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया. तेज हवा के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई. गंगा नदी में बहाव तेज हो गया. इसके चलते गंगा की लहरों में 12 मछुआरे फंस गए. मछुआरों की नाव पलट गई.
शहर से दूर थरवई थाना क्षेत्र में गंगा की धारा में दो नाव के पलटने से 12 मछुआरे नदी की तेज धारा में फंस गए. जिसके बाद पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और सभी को सकुशल बाहर निकाला. इस बीच करीब 3 घंटे तक मछुआरे गंगा की तेज धारा में फंसे रहे.
प्रयागराज में सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही है और तेज हवाओं ने पूरी तरीके से मौसम को बिगाड़ दिया है. इसी बीच गंगा नदी में मछली पकड़ने के लिए निकले 12 मछुआरों की जान इन तेज हवाओं ने खतरे में डाल दी. नदी में मछुआरों की नाव बीच मझधार में फंस गई, जिसके बाद लहरों की आगोश में फंसकर दो नाव पलट गईं. किसी तरह सभी 12 मछुआरों ने तीसरी नाव पर जाकर अपनी पर जान बचाई.
फिर परिवार वालों को फोन करके इन्होंने जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी तो परिवार वालों ने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर काफी मशक्कत के बाद सभी 12 मछुआरों को सकुशल बाहर निकाल लिया. इस बीच 3 घंटे तक मछुआरे गंगा की तेज धारा में फंसे रहे.
पुलिस आयुक्त गंगानगर प्रयागराज कुलदीप सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही एनडीआरफ जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम बुला ली गई थी. मौके पर सभी अधिकारी पहुंच गए. एनडीआरएफ की टीम ने इन 12 मछुआरों का रेस्क्यू किया है. सभी को पास की सीएचसी में भेजा गया है. चिकित्सा सहायता देकर छोड़ दिया गया है. उन्होंने अपील भी की है कि गंगा नदी में अभी मछली पकड़ने या भ्रमण का कार्य ना करें.
तेज हवा के साथ हो रही बरसात ने बढ़ाई मुसीबत: प्रयागराज में बाढ़ की वजह से शहरी क्षेत्र के कई निचले इलाके में बाढ़ का पानी मोहल्लों में घुस गया है. जिसके बाद तमाम लोगों ने घर खाली कर दिया. करीब साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों ने प्रशासन की तरफ से बनाये गए अलग अलग राहत शिविरों में शरण ली हुई है. बहुत से लोग घरों के ग्राउंड फ्लोर को खाली करके छत पर डेरा जमाए हुए हैं.
शाहजहांपुर की कॉलोनियों में चल रही नाव: दियूनी बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद से शाहजहांपुर में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. नदी के किनारे बसी कॉलोनियों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए कॉलोनियों के अंदर नाव चल रही हैं. यहां करा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है. फिलहाल जिला प्रशासन का दावा है कि अगले दो-तीन दिन में लोगों को बाढ़ से राहत मिल जाएगी.
चन्दौली में डैम और बांध हुए ओवर फ्लो, नदियों में छोड़ा गया पानी: चन्दौली जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण चकिया क्षेत्र के सभी बांध ओवर फ्लो हो रहे हैं. खतरे को देखते हुए लतीफशाह के फाटक खोल दिए गए हैं. पानी छोड़े जाने के कारण कर्मनाशा नदी के निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. वहीं चकिया क्षेत्र के मुसाखांड जैसे बड़े बांध भी लबालब भर गए हैं.
जिसके बाद बांध की सुरक्षा के लिए मंगलवार गेट को खोलकर पानी लतीफशाह बांध में छोड़ा गया है. जिसके बाद मुसाखांड बांध से 40 हजार क्यूसेक पानी लतीफशाह बांध में आ रहा है जिससे लतीफशाह बीयर के ऊपर से लगभग एक फीट पानी गिरने लगा है. हालांकि जिलाधिकारी ने मौका मुआयना कर बाढ़ चौकियां स्थापित करने अन्य जरूरी निर्देश मातहतों को दिए है.
मिर्जापुर में टीले पर फंसे 4 किसानों को किया गया रेस्क्यू: मिर्जापुर जनपद में लगातार हो रही बारिश के चलते चार किसान एक टीले पर फंस गए. जानकारी मिलते ही मौके पर एसडीएम, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने रेस्क्यू कर उनको सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. चुनार थानाक्षेत्र के ग्राम शिवपुर निवासी किसान अशोक प्रजापति, छेदी यादव, राममूरत यादव और दल्लू गंगा नदी के बीच रेत के टीले पर मवेशी चराने गये थे. इस दौरान गंगा की तेज धारा की वजह से चारों किसान गंगा नदी के बीच टीले पर फंस गये. सभी को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.
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