करसोग: मंडी जिले के तहत करसोग सिविल अस्पताल में पिछले एक महीने से एक्सरे मशीन खराब है. ऐसे में अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को निजी लैब में जाकर सैंकड़ों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. एक्सरे मशीन की मरम्मत को लेकर कई बार अस्पताल प्रशासन संबंधित कंपनी को संपर्क कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी मशीन ठीक नहीं हुई है. जिसका खामियाजा गरीब लोगों को निजी लैब में एक्सरे की अधिक फीस चुकाकर भुगतना पड़ रहा है.
निजी लैब का करना पड़ रहा रुख
बता दें कि सिविल अस्पताल में रोजाना करीब 400 से 500 मरीजों की ओपीडी रहती है. इसमें कई मरीजों को एक्सरे करने की सलाह दी जाती है, लेकिन जब भी मरीज फ्री में एक्सरे सुविधा का लाभ लेने जाते हैं, तो उन्हें मशीन खराब होने की बात कह कर खाली हाथ वापस लौटाया जा रहा है. जिस कारण मजबूरन मरीजों को निजी लैब में एक्सरे कराने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है. लोगों ने सरकार से मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है.
8 महीने से अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो रहा
सिविल अस्पताल करसोग में सस्ते इलाज की उम्मीद में आने वाली मरीजों की परेशानी कम नहीं हो रही हैं. यहां पिछले आठ महीने से रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली है. ऐसे में मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के भी पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. अल्ट्रासाउंड की सलाह दिए जाने पर मरीजों को जिला मुख्यालय मंडी या फिर शिमला का रुख करना पड़ रहा है. करसोग से मंडी की दूरी करीब 110 किलोमीटर और शिमला की दूरी करीब 100 किलोमीटर है. ऐसे में अल्ट्रासाउंड कराने में लोगों का पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है.
सवा लाख की आबादी के लिए एकमात्र हॉस्पिटल
करसोग समेत साथ लगते सराज विधानसभा क्षेत्र की करीब सवा लाख की आबादी एक मात्र सिविल अस्पताल के भरोसे है. यहां अति दुर्गम क्षेत्र से गरीब लोग इलाज के लिए आते हैं, लेकिन अस्पताल में स्पेशलिस्ट्स के कई पद खाली होने से भी मरीज को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान में सिविल हॉस्पिटल में गायनी, शिशु रोग व ईएनटी आदि स्पेशलिस्ट के पद खाली हैं. जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय जनता विभिन्न मंचों के जरिए अस्पताल में खाली पदों को भरने की मांग कर चुकी है, लेकिन उनकी कहीं पर सुनवाई नहीं हो रही है.
वहीं, जब इस बारे में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र से बात की गई, तो उनका कहना है कि अस्पताल से एक्सरे मशीन खराब होने पर रिपोर्ट मांगी गई है. जिसके आधार आधार पर कंपनी को नई एक्सरे मशीन लगाने के लिए लिखा जाएगा, ताकि मरीजों को समस्या का सामना न करना पड़े.