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World Diabetes Day 2024: चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बताए डायबिटीज से बचने के उपाय

World Diabetes Day 2024: चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर प्रोफेसर संजय भदादा ने डायबिटीज से बचने के उपाय बताए हैं. इन बातों का रखें ध्यान.

World Diabetes Day 2024
World Diabetes Day 2024 (Concept Image)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 14, 2024, 2:32 PM IST

चंडीगढ़: हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे 2024 मनाया जाता है. भारत समेत हरियाणा में तेजी से डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसकी चपेट में बुजुर्ग, युवा और बच्चे भी आ रहे हैं. इस बीमारी के मुख्य कारण क्या है. कैसे इससे बचा जा सकता है. इसके लक्षण क्या है. इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई ऐसे में पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ एंडॉक्रिनल के प्रोफेसर संजय भदादा से खास बातचीत की.

डायबिटीज मरीजों को वजन कम करना जरूरी: वयस्कों में ये बीमारी आम देखी जाती थी वहीं अब इस बीमारी के चलते युवा भी प्रभावित हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण आजकल का रहन-सहन है. लेकिन आज के समय में भी अपने वजन को नियंत्रित करते हुए डायबिटीज जैसी बीमारी से उम्र भर के लिए छुटकारा पाया जा सकता है. एक सर्वे में पाया है कि जो अपना वजन नियंत्रित रखते हैं. उन्होंने डायबिटीज जैसी बीमारी को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कहा है.

चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बताए डायबिटीज से बचने के उपाय (ETV Bharat)

व्यायाम करना जरूरी: प्रोफेसर संजय भदादा ने ईटीवी से बातचीत ने बताया कि डायबिटीज की मुख्य वजह वजन का लगातार बढ़ना है. इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों की जीवनशैली पूरी तरह बदल गई है. जिसके चलते उनकी फिजिकल एक्टिविटी (व्यायाम) कम होती जा रही है. दूसरी वजह परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में बीमारी पहुंचना. जिसे जेनेटिक डिजीज कहा जाता है. कई तरह की शोध में देखा गया है कि भारतीय लोग जेनेटिकली प्रेडिस्पोज डायबिटीज हैं.

दो तरह की होती है डायबिटीज: प्रोफेसर संजय ने बताया कि पहले के समय में खाने-पीने की इतने साधन नहीं होते थे. जिसके चलते लोग मेहनत ज्यादा करते थे और खाना कम खाते थे, लेकिन आज के आधुनिक समय में आम आदमी के पास हर सहुलत पहुंच चुकी है. खाने की मात्रा भी बढ़ती जा रही है. आज के समय में भारतीय दो तरह की डायबिटीज के साथ जूझ रहा है. एक जेनेटिक डायबिटीज और दूसरी एनवायरमेंट डायबिटीज.

वजन पर नियंत्रण जरूरी: उन्होंने कहा कि डायबिटीज जैसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए एक आम व्यक्ति को अपने वजन पर लगातार नियंत्रण में रखना होगा. अगर वह अपने वजन को नियंत्रित कर लेता है, तो वह डायबिटीज जैसी बीमारियों से उम्र भर राहत पा सकता है. आज के समय में मार्केट में ढेर सारी ऐसी दवाएं आ रही हैं. जिससे एक साल में 10 से 15% वजन कम किया जा सकता है. कुछ ऐसी दवाई जो भारत में पहले से मौजूद थी, लेकिन अब नई दवाई के नतीजे काफी अच्छे हैं.

चौंकाने वाले हैं आंकड़े: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा की गई शोध में पाया गया कि इंडियन डायबिटीज (ICMR INDIAB) द्वारा 2023 में भारत में 10.1 करोड़ लोगों को डायबिटीज है, और 13.6 करोड़ लोगों को प्रीडायबिटीज के शिकार हैं. इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (IDF) द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि मधुमेह से पीड़ित 77% लोगों ने चिंता और मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का अनुभव किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में डरा रहा डेंगू! 4329 हुई मरीजों की संख्या, एक की मौत, जानें हिसार जिले का हाल

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चंडीगढ़: हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे 2024 मनाया जाता है. भारत समेत हरियाणा में तेजी से डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसकी चपेट में बुजुर्ग, युवा और बच्चे भी आ रहे हैं. इस बीमारी के मुख्य कारण क्या है. कैसे इससे बचा जा सकता है. इसके लक्षण क्या है. इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई ऐसे में पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ एंडॉक्रिनल के प्रोफेसर संजय भदादा से खास बातचीत की.

डायबिटीज मरीजों को वजन कम करना जरूरी: वयस्कों में ये बीमारी आम देखी जाती थी वहीं अब इस बीमारी के चलते युवा भी प्रभावित हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण आजकल का रहन-सहन है. लेकिन आज के समय में भी अपने वजन को नियंत्रित करते हुए डायबिटीज जैसी बीमारी से उम्र भर के लिए छुटकारा पाया जा सकता है. एक सर्वे में पाया है कि जो अपना वजन नियंत्रित रखते हैं. उन्होंने डायबिटीज जैसी बीमारी को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कहा है.

चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बताए डायबिटीज से बचने के उपाय (ETV Bharat)

व्यायाम करना जरूरी: प्रोफेसर संजय भदादा ने ईटीवी से बातचीत ने बताया कि डायबिटीज की मुख्य वजह वजन का लगातार बढ़ना है. इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों की जीवनशैली पूरी तरह बदल गई है. जिसके चलते उनकी फिजिकल एक्टिविटी (व्यायाम) कम होती जा रही है. दूसरी वजह परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में बीमारी पहुंचना. जिसे जेनेटिक डिजीज कहा जाता है. कई तरह की शोध में देखा गया है कि भारतीय लोग जेनेटिकली प्रेडिस्पोज डायबिटीज हैं.

दो तरह की होती है डायबिटीज: प्रोफेसर संजय ने बताया कि पहले के समय में खाने-पीने की इतने साधन नहीं होते थे. जिसके चलते लोग मेहनत ज्यादा करते थे और खाना कम खाते थे, लेकिन आज के आधुनिक समय में आम आदमी के पास हर सहुलत पहुंच चुकी है. खाने की मात्रा भी बढ़ती जा रही है. आज के समय में भारतीय दो तरह की डायबिटीज के साथ जूझ रहा है. एक जेनेटिक डायबिटीज और दूसरी एनवायरमेंट डायबिटीज.

वजन पर नियंत्रण जरूरी: उन्होंने कहा कि डायबिटीज जैसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए एक आम व्यक्ति को अपने वजन पर लगातार नियंत्रण में रखना होगा. अगर वह अपने वजन को नियंत्रित कर लेता है, तो वह डायबिटीज जैसी बीमारियों से उम्र भर राहत पा सकता है. आज के समय में मार्केट में ढेर सारी ऐसी दवाएं आ रही हैं. जिससे एक साल में 10 से 15% वजन कम किया जा सकता है. कुछ ऐसी दवाई जो भारत में पहले से मौजूद थी, लेकिन अब नई दवाई के नतीजे काफी अच्छे हैं.

चौंकाने वाले हैं आंकड़े: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा की गई शोध में पाया गया कि इंडियन डायबिटीज (ICMR INDIAB) द्वारा 2023 में भारत में 10.1 करोड़ लोगों को डायबिटीज है, और 13.6 करोड़ लोगों को प्रीडायबिटीज के शिकार हैं. इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (IDF) द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि मधुमेह से पीड़ित 77% लोगों ने चिंता और मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का अनुभव किया है.

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