चंडीगढ़ : 15 मार्च को हर साल विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत पहली बार साल 1983 में हुई थी. इसे वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे भी कहा जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों को समझाना, उन्हें जागरुक करने का है. विश्व उपभोक्ता दिवस पर कई जगहों पर जागरुकता कार्यक्रम, सेमिनार समेत कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाता है ताकि वे किसी तरह के शोषण, भेदभाव और बाकी समस्याओं से खुद को बचा सकें. सरकार की कोशिश होती है कि उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है इस बार की थीम : इस साल मनाए जाने वाले विश्व उपभोक्ता दिवस की थीम "उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) रखी गई है. मौजूदा दौर की बात की जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर क्षेत्र में मददगार साबित हो रहा है और उपभोक्ताओं की समस्या को हल करने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है.
चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट में रोजाना 12 से 15 नए केस : चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट की बात करें तो इसे जस्टिस राज शेखर अत्री हेड करते हैं. वे पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं. चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट में रोजाना 12 से 15 नए केस सामने आते हैं. वहीं यहां नियमित तौर पर उपभोक्ताओं से जुड़े मामलों की सुनवाई की जाती है. अगर मौजूदा वक्त की बात करें तो फिलहाल यहां 3000 से ज्यादा केस अदालत में पेंडिंग है.
ऑनलाइन भी दर्ज करवाई जा सकती है शिकायत : विश्व उपभोक्ता दिवस पर बात करते हुए स्टेट कमीशन के मेंबर राजेश आर्य ने बताया कि जन्म से लेकर मृत्यु के आखिरी क्षण तक हर एक व्यक्ति कंज्यूमर होता है. बच्चे के जन्म लेने से ही वो उपभोक्ता बन जाता है. उपभोक्ता को कुछ अधिकार दिए गए हैं. उसे अधिकार है अपनी सुरक्षा का. उसे अधिकार है हर खरीदी हुई चीज की जानकारी लेने का. उपभोक्ता का अधिकार है कि उसकी बात सही तरीके से सुनी जाए. अगर उसे किसी चीज से शिकायत है तो वो उसकी शिकायत दर्ज करवा सकता है ताकि उसका हल निकाला जा सके. नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत किसी भी उपभोक्ता को अगर अपनी शिकायत दर्ज करवानी है तो वो ऑनलाइन भी इसे करवा सकता है. कंज्यूमर कोर्ट ने मध्यस्थता करवाने के लिए भी एक विशेष सुविधा मुहैया करवाई है. इस दौरान किसी भी तरह की सरकारी फीस नहीं ली जाती है.
ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े ज्यादा केस : राजेश आर्य ने आगे बताया कि चंडीगढ़ में ज्यादातर मामले ई-कॉमर्स यानी ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर आते हैं. वहीं दूसरे नंबर पर ट्रैवल एजेंट से जुड़े मामले आते हैं, जहां बड़े-बड़े वादे करते हुए उनसे पैसों की लूट की जाती है. वहीं तीसरे नंबर पर रियल एस्टेट यानी प्रॉपर्टी से जुड़े मामले आते हैं, जहां घर देने के नाम पर लोगों से फ्रॉड किया जाता है. वहीं चौथे नंबर पर कोर्स में एडमिशन के नाम पर ज्यादा फीस और रिफंड से जुड़े मामले आते हैं. 2019 कंज्यूमर एक्ट के मुताबिक हर मामले को 3 से 5 महीने में सुलझाने की डेडलाइन है. फिलहाल 3200 के आसपास मामले लंबित हैं जिन्हें जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश की जा रही है.
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