नई दिल्ली: महिलाएं परिवार के लिए समर्पित होकर सेवाओं में इतना मशगूल हो जाती हैं कि अपने स्वास्थ्य को भी भूल जाती हैं. लेकिन ऐसी लापरवाही महिलाओं के लिए घातक साबित हो सकती है. इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क करने और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अस्पतालों ने एक महीने तक मुफ्त चिकित्सा जांच की पहल की है.
एमएएसएच हॉस्पिटल के चेयरमैन एंड एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हरीश बंसल ने बताया कि सामान्य तौर पर महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं रहती हैं. इसके कारण वह कभी-कभी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की गिरफ्त में आ जाती हैं. भले ही कैंसर अभी भी एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन उनका मानना है कि करीब 30 से 50 फीसदी कैंसर के मामले रोके जा सकते हैं. इसके लिए केवल महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना होगा. इस महिला दिवस महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच की पहल की है. जांच में सामान्य रक्त संबंधी जांचों के अलावा कैंसर की जांच भी शामिल है.
महिलाएं स्तन कैंसर की सर्वाधिक शिकार: एमएएसएच हॉस्पिटल के मिनिमल एक्सेस सर्जरी व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सचिन अम्बेकर बताते हैं कि स्वास्थ्य की अनदेखी के कारण भारत में, स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है. हर 100 में से 27 महिलाओं को यह बीमारी होने का खतरा होता है. इसके बाद सर्वाइकल कैंसर का नंबर आता है, जो 13 महिलाओं में से एक को हो सकता है. पूरी दुनिया की बात की जाए तो हर साल लाखों महिलाएं इन बीमारियों से अपना जीवन गंवा देती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल 6.85 लाख से ज्यादा महिलाओं की स्तन कैंसर से और 3.42 लाख महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है.
एम्स दिल्ली के ऑन्कोलॉजी विभाग की हेड प्रोफेसर डॉ. सुषमा भटनागर बताती हैं कि दुनिया भर में कैंसर बीमारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. खासकर कुछ तरह के कैंसर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करते हैं. भारत में महिलाओं में कई तरह के कैंसर पाए जाते हैं. इसीलिए ये जरूरी है कि महिलाओं में कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाई जाए और बचाव के तरीके अपनाए जाएं.
साइबरनाइफ रेडिएशन थेरेपी: आर्टेमिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में न्यूरो सर्जरी और साइबरनाइफ के डायरेक्टर डॉक्टर आदित्य गुप्ता ने बताया कि कैंसर और नॉन-कैंसरस ट्यूमर के इलाज में साइबरनाइफ रेडियो सर्जरी के कई लाभ हैं. परंपरागत तरीकों की बजाय साइबरनाइफ थेरेपी एक नॉन-इनवेसिव, दर्द रहित प्रक्रिया है, जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले अन्य खतरे भी कम हो जाते हैं. इसमें रोबोट का इस्तेमाल किया जाता है, रियल टाइम इमेज मिलती है, जिसकी मदद से बहुत ही सटीक तरीके से ट्यूमर पर रेडिएशन टारगेट किया जाता है. इससे ट्यूमर के आसपास के स्वस्थ टिशू को नुकसान नहीं पहुंचता है और साइड इफेक्ट भी कम हो जाते हैं.