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Women's Day पर महिलाओं ने मनाया काला दिवस, अंकिता भंडारी के लिए मांगा न्याय, हकों को लेकर भरी हुंकार - Women protest in Srinagar garhwal o

Protest in Srinagar on Women Day, justice in Ankita murder महिला दिवस के दिन श्रीनगर गढ़वाल में बड़ी संख्या में महिलाओं ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ धरना दिया. इन महिलाओं ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीवीआईपी नाम का खुलासा, पत्रकार आसुतोष नेगी की रिहाई की मांग की.

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Women's Day पर महिलाओं ने मनाया काला दिवस
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 8, 2024, 6:27 PM IST

Updated : Mar 8, 2024, 8:01 PM IST

Women's Day पर महिलाओं ने मनाया काला दिवस

श्रीनगर: आज देशभर में महिला दिवस की धूम है. देश के कोने कोने में महिलाओं के सम्मान में नये नये नारे गढ़े जा रहे हैं. वहीं, उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में इसके उलट हालात हैं. श्रीनगर में महिला दिवस के दिन भी पहाड़ की बेटी के लिए न्याय की अवाज बुलंद कर रहे प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं. वे कभी नारों से तो कभी मशाल जुलूस निकालकर सरकार, शासन और प्रशासन को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर उनकी ये सारी कोशिशें आज भी नाकाम रही. पहाड़ से उतरकर मैदान में जहां सरकार महिला सम्मान के लिए नारी मोहत्सव मना रही है. वहीं, राजधानी से महज 100 किमी दूर से पहाड़ की बेटी के लिए न्याय की आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही है.

महिला दिवस के दिन श्रीनगर गढ़वाल में महिलाओं ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीवीआईपी नाम का खुलासा, पत्रकार आसुतोष नेगी की रिहाई की मांग को लेकर धरना दिया. सुबह से ही महिलाओं ने धरना स्थल पर एकत्र होकर सरकार को जगाने के लिए नारेबाजी की. इस दौरान माहौल तब गर्म हो गया जब प्रदेश के केबिनेट मंत्री धन सिंह रावत आंदोलन स्थल की कुछ ही दूरी पर थे. जिसके कारण लोगों ने जोर से सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच महिलाओं ने धन सिंह रावत का भी विरोध किया. धरना स्थल के आस पास भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा.

श्रीनगर में पंचपीपल के सामने अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भण्डारी और उनकी मां सोनी देवी 11 दिनों से धरने पर हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं, समाजिक कार्यकर्ता भी उनका साथ दे रहे हैं. गढ़वाल विवि की छात्राएं भी धरने पर डटी हुई हैं. इस दौरान गढ़वाल विवि की पूर्व छात्रा प्रतिनिधि मोनिका चौहान ने कहा आज बड़ा दुर्भाग्य रहा की महिलाओं को महिला दिवस के दिन एक महिला को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन करना पड़ा. उन्होंने कहा महिलाओं को आज भी इंसाफ के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है.

धरने को समर्थन देने पौड़ी से पहुंची नीलम रावत ने कहा आज पूरा देश महिला दिवस मना रहा है, मगर यहां मौजूद लोग सरकार का विरोध करने के लिए काला दिवस मना रहे हैं. उन्होंने कहा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने वाली विधायक और तत्कालीन एसडीएम पर कार्रवाई नहीं की गई. कथित वीआईपी के नाम का भी खुलासा नहीं किया गया. उन्होंने कहा उल्टा जिस पत्रकार ने अंकिता भण्डारी के परिजनों की मदद की उसे ही जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा महिला दिवस के दिन धरना देना मजबूरी हो गया है.

पढे़ं- श्रीनगर में अंकिता को न्याय दिलाने के लिए निकाला गया मशाल जुलूस, स्वाति मालीवाल ने कानून व्यवस्था पर घेरा

Women's Day पर महिलाओं ने मनाया काला दिवस

श्रीनगर: आज देशभर में महिला दिवस की धूम है. देश के कोने कोने में महिलाओं के सम्मान में नये नये नारे गढ़े जा रहे हैं. वहीं, उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में इसके उलट हालात हैं. श्रीनगर में महिला दिवस के दिन भी पहाड़ की बेटी के लिए न्याय की अवाज बुलंद कर रहे प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं. वे कभी नारों से तो कभी मशाल जुलूस निकालकर सरकार, शासन और प्रशासन को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर उनकी ये सारी कोशिशें आज भी नाकाम रही. पहाड़ से उतरकर मैदान में जहां सरकार महिला सम्मान के लिए नारी मोहत्सव मना रही है. वहीं, राजधानी से महज 100 किमी दूर से पहाड़ की बेटी के लिए न्याय की आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही है.

महिला दिवस के दिन श्रीनगर गढ़वाल में महिलाओं ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीवीआईपी नाम का खुलासा, पत्रकार आसुतोष नेगी की रिहाई की मांग को लेकर धरना दिया. सुबह से ही महिलाओं ने धरना स्थल पर एकत्र होकर सरकार को जगाने के लिए नारेबाजी की. इस दौरान माहौल तब गर्म हो गया जब प्रदेश के केबिनेट मंत्री धन सिंह रावत आंदोलन स्थल की कुछ ही दूरी पर थे. जिसके कारण लोगों ने जोर से सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच महिलाओं ने धन सिंह रावत का भी विरोध किया. धरना स्थल के आस पास भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा.

श्रीनगर में पंचपीपल के सामने अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भण्डारी और उनकी मां सोनी देवी 11 दिनों से धरने पर हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं, समाजिक कार्यकर्ता भी उनका साथ दे रहे हैं. गढ़वाल विवि की छात्राएं भी धरने पर डटी हुई हैं. इस दौरान गढ़वाल विवि की पूर्व छात्रा प्रतिनिधि मोनिका चौहान ने कहा आज बड़ा दुर्भाग्य रहा की महिलाओं को महिला दिवस के दिन एक महिला को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन करना पड़ा. उन्होंने कहा महिलाओं को आज भी इंसाफ के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है.

धरने को समर्थन देने पौड़ी से पहुंची नीलम रावत ने कहा आज पूरा देश महिला दिवस मना रहा है, मगर यहां मौजूद लोग सरकार का विरोध करने के लिए काला दिवस मना रहे हैं. उन्होंने कहा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने वाली विधायक और तत्कालीन एसडीएम पर कार्रवाई नहीं की गई. कथित वीआईपी के नाम का भी खुलासा नहीं किया गया. उन्होंने कहा उल्टा जिस पत्रकार ने अंकिता भण्डारी के परिजनों की मदद की उसे ही जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा महिला दिवस के दिन धरना देना मजबूरी हो गया है.

पढे़ं- श्रीनगर में अंकिता को न्याय दिलाने के लिए निकाला गया मशाल जुलूस, स्वाति मालीवाल ने कानून व्यवस्था पर घेरा

Last Updated : Mar 8, 2024, 8:01 PM IST
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