लखनऊः आपने अक्सर बिना टिकट ट्रेन यात्रा करने वालों से जुर्माना वसूलते हुए टीटीई को जरूर देखा होगा. आप सोच रहे होंगे कि बिना टिकट यात्रा करने पर आखिर कितना जुर्माना लिया जाता है क्या यह हजारों में होता है तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
दरअसल, भारत में रोज बड़ी तादाद में यात्री ट्रेनों से सफर करते हैं. इनमें से कई यात्री ऐसे होते हैं जो बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े जाते हैं. इनमें कई ऐसे होते हैं जो इमरजेंसी में टिकट नहीं ले पाते हैं और वह ट्रेन पर चढ़ जाते हैं तो वहीं कई यात्री ऐसे होते हैं जो जानबूझकर टिकट नहीं लेते हैं. ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने पर रेलवे की ओर से जुर्माने और सजा का प्रावधान बनाया गया है.
रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 138 के मुताबिक यदि आप बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए हैं तो आपने जहां से सफर शुरू किया है और जहां तक आपको जाना है वहां तक का कुल किराया और न्यूनतम 250 रुपए अतिरिक्त जुर्माना आपको देना होता है. इसके लिए टीटीई बकायदा जुर्माना रसीद बनाता है. यह रसीद आपके जुर्माना भरने का प्रमाण होती है. जुर्माना चुकाने पर आप यह रसीद जरूर ले लें.
पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी महेश कुमार गुप्ता बताते हैं कि ट्रेन में यात्रा करने के लिए हर यात्री को टिकट लेना अनिवार्य होता है. ऐसा न करने पर नियमों का उल्लंघन माना जाता है. कभी-कभी जल्दबाजी में यात्री बिना टिकट ट्रेन में चढ़ जाते हैं लेकिन इस स्थिति में अगर टीटीई यात्री को पकड़ लेता है तो फिर रेलवे का जो नियम है उसके मुताबिक उससे जुर्माना वसूला जाता है. रेलवे के प्रावधानों के मुताबिक जुर्माने की न्यूनतम राशि 250 है, जबकि अधिकतम जुर्माना 1000 तक वसूला जा सकता है. इतना ही नहीं अगर यात्री जुर्माना नहीं भरता है तो फिर उसे छह माह तक की जेल की सजा भी दी जा सकती है. पीआरओ महेश गुप्ता बताते हैं कि अगर किसी यात्री ने स्लीपर कोच का टिकट लिया है और एसी कोच में बैठ जाता है इस स्थिति में अगर टीटीई यात्री को पकड़ता है तो उस यात्री से एसी कोच के किराया और स्लीपर कोच के किराए में जितना अंतर होता है उसकी भरपाई कराई जाती है.