नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम व धूल पर नियंत्रण के लिए 7 अक्टूबर से 7 नवंबर तक एक महीने तक एंटी डस्ट अभियान चलाएगी. यह जानकारी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को दी. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए धूल प्रदूषण की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए 13 विभागों की 530 टीम तैनात की जा रही है. यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन हो. निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू किया जा रहा है. यह अभियान 7 नवंबर तक चलेगा.
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जो भी साइट्स डस्ट कंट्रोल के नियम का पालन नहीं करेगा, उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम के उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइड लाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर ज्यादा उल्लंघन होगा तो कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा.
#WATCH दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा, " दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान तैयार किया गया है... आज हमने दिल्ली की जनता के सामने दिल्ली में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जो कार्य योजना बनाई है,… pic.twitter.com/2B1ETpg2QM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2024
निजी व सरकारी सभी क्षेत्रों में जारी निर्माण कार्यों के बारे में सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. ऐसा नहीं करने पर 20,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 1 लाख का और 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. एंटी स्मॉग गन नहीं लगाने पर 7,500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा. निर्माण साइट्स पर धूल शमन उपाय नहीं करने पर 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 7,500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से और उससे अधिक क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 15000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा. निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को ढंकना जरूरी है अगर इसका उल्लंघन होने पर 7,500 रुपया जुर्माना लगाया जाएगा.
सबको काम करने की जरूरत: गोपाल राय ने कहा, दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान तैयार किया गया है. आज हमने दिल्ली की जनता के सामने दिल्ली में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जो कार्य योजना बनाई है, उसे पेश किया. इसके लिए 14 सूत्रीय गाइडलाइन तैयार की गई है. वहीं पंजाब सरकार पंजाब में पराली को कम करने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर रही है. पिछले दो सालों में इसके काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. लेकिन यह सिर्फ पंजाब की बात नहीं है, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सभी को इसपर काम करने की जरूरत है.
लगेगा मोटा जुर्माना: बताया गया कि निजी व सरकारी सभी क्षेत्रों में जारी निर्माण कार्यों के बारे में सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. ऐसा नहीं करने पर 20,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 1 लाख का और 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं एंटी स्मॉग गन नहीं लगाने पर 7,500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा.
निर्माण स्थल पर धूल शमन उपाय न करने पर 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 7,500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से और उससे अधिक क्षेत्र वाले निर्माण प्रोजेक्ट पर 1,5000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को ढंकना जरूरी है. इसका उल्लंघन होने पर 7,500 रुपया जुर्माना लगाया जाएगा.
दिया जाएगा हरित अवॉर्ड: मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को एंटी डस्ट अभियान को लेकर कहा कि इस बार सरकार हरित अवॉर्ड भी शुरू करने जा रही है. यह पर्यावरण को बेहतर बनाने में योगदान देने वालों को दिया जाएगा. बता दें कि दिल्ली में सर्दी की शुरुआत होते ही प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने 25 सितम्बर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी, जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे लागू कर दिया है.
इसमें एंटी डस्ट अभियान, बायो डीकम्पोजर का छिड़काव, वृक्षारोपण अभियान, पटाखों को लेकर जागरूकता अभियान , मोबाइल एंटी स्मोग गन से पानी के छिड़काव का अभियान आदि प्रमुख है. निर्माण संबंधी जारी 14 नियमों को लागू करना जरूरी है. इसके लिए विभागों को निर्माण साइट्स की लगातार निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए है. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की निर्देश के मुताबिक विभाग द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी.
कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण के तय किए गए नियम
- सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है.
- धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मॉग गन लगाने का नियम था, लेकिन अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया . वहीं 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साईट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया गया है.
- निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को तिरपाल या नेट से ढकना जरूरी है.
- निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी है.
- निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना जरूरी है.
- निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिह्नित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है.
- किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखना है.
- निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होनी चाहिए. साथ ही ही पत्थर काटने में वेट जेट का उपयोग किया जाना चाहिए.
- निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए.
- बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट्स जाने वाली सड़क पक्की और ब्लैक टॉप्पड होनी चाहिए.
- निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट का साइट पर ही रिसायकल किया जाना चाहिए या उसका चिन्हित साइट पर निस्तारण किया जाए और उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए.
- निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्ट मास्क देना पड़ेगा.
- निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी वर्कर के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी.
- निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय के दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाना पड़ेगा.
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