शिमला: संजौली मस्जिद विवाद को लेकर आज हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को तोड़ते हुए आगे जाने का प्रयास किया. उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.
इस पूरे घटनाक्रम से पहले संजौली पहुंचे कमल गौतम को पुलिस ने संजौली से डिटने कर लिया. कमल गौतम मस्जिद विवाद में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे थे. परिस्थितियां किसी तरह से खराब न हों इसके लिए पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग पर रोक लिया. इस दौरान पुलिस और कमल गौतम में कुछ बहस भी हुई. इसके बाद एसपी शिमला की मौजूदगी में उन्हें डिटेन किया गया. शिमला में प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा कि, 'लाठीचार्ज के दौरान लोगों पर पड़ी एक एक लाठी सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.' साथ ही उन्होंने प्रदर्शन में पहुंचे लोगों का भी धन्यावाद किया.
कमल गौतम के फेसबुक प्रोफाइल पर 8 हजार से अधिक फॉलोअवर्स हैं. उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर हिंदू समाज से संबंधित पोस्ट की भरमार है. उनकी हर पोस्ट में हिंदुत्व के मुद्दों से जुड़ी है. हिंदुत्व के मुद्दों पर कमल गौतम प्रखरता के साथ अपनी बात रखते हैं. कई हिंदू संगठनों से जुड़े हुए कमल गौतम हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत महामंत्री रहे हैं. मूलत: बिलासपुर के रहने वाले कमल गौतम पेशे से सरकारी शिक्षक भी रहे हैं.
बीते साल चंबा में मनोहर हत्याकांड के दौरान उन्होंने रैली निकालकर सरकार पर कई सवाल खड़े किए थे. इसके बाद बीते साल ही उन्हे निलंबित कर दिया गया था. उस समय कमल गौतम बिलासपुर जिले के राजकीय माध्यमिक पाठशाला बलोही में बतौर अध्यापक तैनात थे.