देहरादून: राजधानी देहरादून के मुख्य चौराहों पर बनाए गए स्पीड ब्रेकर इन दिनों चर्चाओं में है. तीन दिन पहले ही रातों रात देहरादून के घंटाघर पर बनाए गया स्पीड ब्रेकर की वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी है. दुर्घटनाओं के कई वीडियो भी सामने आए है. इन घटनाओं के बाद संबंधित विभाग पर भी सवाल खड़े होने लगे है. सचिव स्तर के अधिकारियों ने भी इस मामले का संज्ञान लिया, जिसके बाद अब स्पीड ब्रेकर पर सफ़ेद मर्किंग की गई.
दरअसल, उत्तराखंड में करीब एक महीने पहले 11 नवंबर रात को रफ्तार का कहर देखने को मिला था. रफ्तार के कारण देहरादून ओएनजीसी चौक पर इनोवा कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में 6 छात्रों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद जिला प्रशासन और पुलिस एक्टिव हुई और शहर में तमाम प्रमुख चौराहों पर गाड़ियों की रफ्तार को कंट्रोल करने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने का निर्णय लिया था.
इसी क्रम में तीन दिन पहले शहर के मुख्य चौहरे घंटाघर पर भी रातों रात स्पीड ब्रेकर बनाया गया था, लेकिन संबंधित विभाग ने न तो स्पीड ब्रेकर का कोई साइन बनाया और न ही स्पीड ब्रेकर के ऊपर कोई मार्क किया. ताकी वाहन चालकों को दूर से ही पता चल सके कि आगे स्पीड ब्रेकर है. ऐसे में स्पीड से आने वाले वाहन ब्रेकर पर उछाल रहे है, जिससे हादसे हो रहे है. एक ही रात में घंटाघर के स्पीड ब्रेकर पर सात हादसे हुए. इस हादसे में तीन साल के बच्चे समेत दो लोग तो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसने वीडियो भी सामने आए.
हालांकि अब इन घटनाओं के बाद शासन-प्रशासन नींद से जागा और स्पीड ब्रेकर का साइन बोर्ड लगाने के साथ ही ब्रेकर को सफेद कलर से मार्क भी किया. वही इस मामले पर अब जिलाधिकारी सविन बंसल का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के तहत यह सभी ब्रेकर बनाए गए थे. देहरादून के घंटाघर वाला स्पीड ब्रेकर स्मार्ट सिटी की तरफ से बना है. स्पीड ब्रेकर को लेकर यदि कोई लापरवाही बरती गई तो उसकी जांच की जा रही है. जांच का आधार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वही, स्थानीय लोगों को कहना है कि स्पीड पर लगाम लगाने के लिए ब्रेकर बनना सही है, लेकिन इतने ऊंचे ब्रेकर न बनाए जाए, जो हादसों का कारण बने है. साथ ही ब्रेकर से पहले साइन बोर्ड और ब्रेकर पर वाइट पेंट या अन्य रंग से जरूर मार्क करे ताकी ड्राइवर को पता चल सके कि आगे ब्रेकर है और पहले ही अपनी स्पीड कम कर ले.
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