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फाल्गुन अमावस्या 2024 कब, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि - Falgun Amavasya 2024

Falgun Amavasya 2024: हिंदू धर्म में फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्नान और दान करने से सभी प्रकार के दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.

फाल्गुन अमावस्या 2024
फाल्गुन अमावस्या 2024
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 8, 2024, 6:21 PM IST

Updated : Mar 8, 2024, 9:13 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: साल भर में कुल 12 अमावस्या तिथि आती हैं. सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. फाल्गुन महीने में आने वाली अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. 10 मार्च 2024 को फाल्गुन अमावस्या का व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि...

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, फाल्गुन अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान और दान करने से सभी प्रकार के दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. आर्थिक स्थिरता की प्राप्ति होती है. विभिन्न प्रकार के कार्यों में आ रही बाधाएं और अड़चनें दूर होती है. फाल्गुन अमावस्या तिथि पर पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दीपक पवित्र नदी में प्रवाहित करने से घर में आर्थिक संपन्नता का स्थायी वास होता है. आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है.

फाल्गुन अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त:

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 9 मार्च (शनिवार) शाम 06:17 PM से शुरू.
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 10 मार्च (रविवार) दोपहर 02:29 PM पर समाप्त.
  • उदया तिथि के अनुसार फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च (रविवार) को मनाई जाएगी.

पूजा विधि: फाल्गुन अमावस्या तिथि पर ब्रह्मा मुहूर्त में उठें. दिन की शुरुआत भगवान विष्णु के ध्यान कर करें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. संभव हो तो पवित्र नदियों में स्नान अवश्य करें. अन्यथा घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

घर के मंदिर की सफाई कर दीप जलाएं. भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. यदि आप व्रत रख सकते है तो व्रत जरूर रखें. फाल्गुन अमावस्या पर दान करने का भी विशेष महत्व है. इस दिन अपने समर्थ के अनुसार वस्त्र, अन्न आदि का अवश्य दान करें. अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करें. ऐसा करने से देवी देवताओं की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

भूल कर भी ना करें ये काम:

  1. फाल्गुन अमावस्या तिथि पर बाल, नाखून आदि काटने की मनाही है.
  2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन अमावस्या पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  3. फाल्गुन अमावस्या तिथि के दिन किसी भी तरह का नया काम, व्यापार, शुभ कार्य आदि करने से बचना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन शुरू किए गए नए कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: साल भर में कुल 12 अमावस्या तिथि आती हैं. सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. फाल्गुन महीने में आने वाली अमावस्या तिथि को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. 10 मार्च 2024 को फाल्गुन अमावस्या का व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि...

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, फाल्गुन अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान और दान करने से सभी प्रकार के दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. आर्थिक स्थिरता की प्राप्ति होती है. विभिन्न प्रकार के कार्यों में आ रही बाधाएं और अड़चनें दूर होती है. फाल्गुन अमावस्या तिथि पर पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दीपक पवित्र नदी में प्रवाहित करने से घर में आर्थिक संपन्नता का स्थायी वास होता है. आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है.

फाल्गुन अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त:

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 9 मार्च (शनिवार) शाम 06:17 PM से शुरू.
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 10 मार्च (रविवार) दोपहर 02:29 PM पर समाप्त.
  • उदया तिथि के अनुसार फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च (रविवार) को मनाई जाएगी.

पूजा विधि: फाल्गुन अमावस्या तिथि पर ब्रह्मा मुहूर्त में उठें. दिन की शुरुआत भगवान विष्णु के ध्यान कर करें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. संभव हो तो पवित्र नदियों में स्नान अवश्य करें. अन्यथा घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

घर के मंदिर की सफाई कर दीप जलाएं. भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. यदि आप व्रत रख सकते है तो व्रत जरूर रखें. फाल्गुन अमावस्या पर दान करने का भी विशेष महत्व है. इस दिन अपने समर्थ के अनुसार वस्त्र, अन्न आदि का अवश्य दान करें. अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करें. ऐसा करने से देवी देवताओं की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

भूल कर भी ना करें ये काम:

  1. फाल्गुन अमावस्या तिथि पर बाल, नाखून आदि काटने की मनाही है.
  2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन अमावस्या पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  3. फाल्गुन अमावस्या तिथि के दिन किसी भी तरह का नया काम, व्यापार, शुभ कार्य आदि करने से बचना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन शुरू किए गए नए कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती है.
Last Updated : Mar 8, 2024, 9:13 PM IST
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