वाराणसी: देव दीपावली का पर्व नजदीक आ रहा है. 15 नवंबर को वाराणसी में देव दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा. जिसे लेकर तैयारियां अंतिम दौर में है वाराणसी में इस बार 12 से 15 लाख दिए जलाने की तैयारी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को वाराणसी में रहेंगे. पहला दिया जलाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.
सबसे बड़ी बात यह है कि गंगा घाटों के अलावा गंगा पार भी दीए जगमगाएंगे. इन दीयों की रोशनी से जहां घाटों पर अंधकार मिटेगा तो वहीं उन कुम्हारों की जिंदगी में भी रौनक आने वाली है जो लंबे वक्त से मिट्टी के दीए बनाकर ग्राहकों का इंतजार करते थे, क्योंकि अब वह दौर खत्म हो चुका है, जब मिट्टी के दिए ग्राहकों को खोजते थे.
अब हालात यह हैं पहले अयोध्या में करोड़ों दीपक, फिर दीपावली पर हर घर में दीया और अब देव दीपावली पर लाखों की संख्या में जलने वाले दीपकों ने कुम्हारों की जिंदगी को रौनक करने का काम किया है.
वाराणसी के लोहता इलाके के रहने वाले रामराज प्रजापति बहुत खुश है. खुशी इस बात की है कि दीपावली के 1 महीने पहले से उन्होंने दीए तैयार करने का काम शुरू किया था. मिट्टी के दीपक इस उम्मीद के साथ बना रहे थे कि इस बार की दीपावली उनके लिए बेहद अच्छी होगी.
दीपावली से पहले अयोध्या में जलने वाले दीपकों का भी ऑर्डर बनारस से कई जगह से गया तो उन्हें भी इसमें मौका मिला. उसके बाद दीपावली पर चाइनीज झालरों के बहिष्कार ने इस बार देसी दीपावली को काफी प्रमोट किया. जिसका नतीजा रहा कि इस बार मिट्टी के दिए धड़ाधड़ बिके. अब जब दीपावली और डाला छठ खत्म हो चुका है, तब बनारस अपने सबसे बड़े महापर्व देव दीपावली की तैयारी कर रहा है.
एक के बाद एक लगातार पड़ रहे त्योहारों की वजह से सबसे ज्यादा खुश रामराज प्रजापति जैसे तमाम कुम्हार हैं. उनका कहना है कि यह सच है कि अब हमें ग्राहक नहीं खोजना पड़ता, बल्कि ग्राहक हमें खोजते हुए आते हैं. अयोध्या की दीपावली हो या फिर दीपावली का त्योहार उसके बाद देव दीपावली के त्योहार में भी हमारे दीए की जबरदस्त डिमांड है.
हमने लगभग एक से डेढ़ लाख दीए तैयार करके रखे हैं और कई समितियों से हमारी बात भी हो गई है. उनके ऑर्डर पर दीपक तैयार हुए हैं और घाटों पर जलने के लिए भेजे जाएंगे. वहीं कई पीढियां से कुम्हार का काम कर रहे शिव शंकर प्रजापति का कहना है कि पहले हाथ से चलने वाली चाक की वजह से दीयों और अन्य ऑर्डर को बनाना मुश्किल था और समय लगता था लेकिन, अब इलेक्ट्रॉनिक चाक मिलने के बाद तो यह काम बेहद आसान हो गया है.
पलक झपकते ही हजारों दीए तैयार हो जाते हैं और इस बार तो एक के बाद एक ऑर्डर लगातार मिल ही रहे हैं. बनारस क्योंकि महत्वपूर्ण केंद्र है, इसलिए कहीं भी होने वाले त्योहारों पर बनारस से ऑर्डर हमेशा से भेजे जाते रहे हैं. अयोध्या, दीपावली और अब देव दीपावली पर हमें बहुत उम्मीद हैं.
हमें बड़ी संख्या में दीयों के ऑर्डर मिलेंगे, क्योंकि हम तैयार माल को स्टोर करके रख रहे हैं और पूजा समितियां से हम संपर्क भी साथ रहे हैं. उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि इस बार एक के बाद एक त्योहार की श्रृंखला की वजह से हमारे जीवन में बड़ा बदलाव आएगा.
वहीं केंद्रीय देव दीपावली पूजा समिति से जुड़े वागीश दत्त शास्त्री का कहना है कि देव दीपावली का त्योहार हमेशा से मिट्टी के दीपकों के लिए ही जाना जाता है. घाटों को मिट्टी के दीपक से ही सजाया जाता है. यही वजह है कि हर बार हम कुम्हारों को बड़ी संख्या में ऑर्डर देते हैं.
इस बार भी समितियों की तरफ से 10 लाख से ज्यादा दीए जलाए जाएंगे, बाकी प्रशासनिक स्तर पर भी दीयों को जलाने की व्यवस्था है. हम सभी का प्रयास है कि देव दीपावली भव्य मने. इसके लिए कुम्हार के साथ मिलकर हम इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाएंगे.
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