करनाल: हरियाणा की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक काफी बढ़ गई है. पिछले कई दिनों से मौसम के बदले मिजाज के कारण मंडी में गेंहू की आवक सुस्त चल रही थी लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें तेजी आनी शुरू हुई है. हल्की बूंदाबांदी के कारण किसानों ने अपनी गेहूं की कटाई रोक दी थी लेकिन अब फिर से कटाई जोर पकड़ रही है.
दूसरे राज्यों की फसल खरीद शुरू
सरकार की खरीद एजेंसी दूसरे राज्यों से आने वाली गेहूं की फसल खरीदना बंद कर दिया था. करनाल में भारी संख्या में उत्तर प्रदेश के किसान अपनी फसल बेचने के लिए आते हैं. खरीद बंद होने से दूसरे राज्य के किसानों को काफी परेशानी हो रही थी. अब एक बार फिर से दूसरे राज्यों की फसल खरीद शुरू हो गई है. करनाल अनाज मंडी सचिव संजीव सचदेवा ने बताया कि अब गेहूं की आवक तेज हो गई है और गेहूं का सीजन पूरे पीक पर है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि अगर उनकी फसल कटाई के लिए तैयार है तो दो-तीन दिन के बाद गेहूं की कटाई करें और फिर मंडी में लेकर आएं ताकि उसमें नमी की मात्रा ना रहे.
करनाल मंडी में 4 लाख क्विंटल खरीद
करनाल अनाज मंडी में 4 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है, जो तीन सरकारी एजेंसी के द्वारा खरीदी गई है. खरीदी गई गेहूं की फसल का 50 प्रतिशत उठान हो चुका है. पिछले साल करनाल अनाज मंडी में करीब 12.30 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की गई थी. अनुमान है कि इस बार भी इतनी या इससे अधिक खरीद की जाएगी.
यूपी के किसानों को बनवाना होगा ई-नेम
मंडी सचिव ने बताया कि आढ़तियों की मांग पर प्रशासन ने यूपी से आने वाले गेहूं पर अभी पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है. हरियाणा के किसानों की फसल मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत खरीदी जाती है, लेकिन दूसरे राज्यों के किसानों के लिए सरकार ने एक नई सिस्टम प्रणाली शुरू की है. उत्तर प्रदेश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ई नेम का गेटपास लेना होगा. उसके लिए उत्तर प्रदेश के किसानों को राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल पर जाकर अपनी फसल का विवरण देना होगा और उसके बाद उनको करनाल अनाज मंडी में गेट पास दिया जाता है.
फसल खरीद शुरू होने से यूपी के किसान खुश
उत्तर प्रदेश से करनाल अनाज मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसान काफी खुश दिखाई दिए. उत्तर प्रदेश के मंगलौर गांव के किसान गुलबर ने बताया कि इस बार किसानों की गेहूं की पैदावार पिछले वर्ष की अपेक्षा थोड़ी ज्यादा अच्छी हुई है. किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ 25-26 क्विंटल गेहूं की पैदावार निकल रही है, जिसके चलते वो काफी खुश हैं. सरकारी रेट से ज्यादातर उनकी गेहूं की फसल खरीदी जा रही है.
हलांकि उत्तर प्रदेश के शामली से आए किसान ने नाराजगी दिखाई और कहा कि दूसरे राज्यों से आए हुए किसानों को हरियाणा के किसानों के पोर्टल के जरिए ही अपनी फसल बेचनी पड़ रही थी. सरकार की व्यवस्था खराब है. दूसरे किसान के पोर्टल के जरिए फसल बेचते हैं. पैसे इस किसान के खाते में आते हैं. इसके चलते उन्होंने सरकार से कुछ नाराजगी जताई लेकिन अब दूसरे राज्यों के लिए भी गेहूं की खरीद शुरू कर दी गई है. जिससे किसानों को कुछ राहत मिल सकती है.