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अब छोटे बुनकरों को भी मिलेगी इस सरकारी योजना का लाभ, जानिए पूरी खबर - MINISTER RAKESH SACHAN

मंत्री राकेश सचान की अध्यक्षता में हुई बैठक, पावरलूम बुनकरों को सौर ऊर्जा का लाभ देने और समस्याओं का समाधान करने के लिए हुई चर्चा

खादी भवन में हुई बैठक.
खादी भवन में हुई बैठक. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

लखनऊः मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के तहत छोटे बुनकरों के एक किलोवाट क्षमता वाले सोलर संयंत्र पर भी सब्सिडी का लाभ देने का प्रस्ताव रखा गया है. सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री राकेश सचान की अध्यक्षता में लखनऊ के खादी भवन में इस योजना के दिशा निर्देशों में संशोधन को लेकर सोमवार को बैठक आयोजित की गई. बैठक में योजना के तहत पावरलूम बुनकरों को सौर ऊर्जा का लाभ प्रदान करने और उनके समक्ष आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए विस्तार से चर्चा हुई. योजना को अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने के लिएकई महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्ताव रखे गए.

योजना के दिशा-निर्देशों में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, पावरलूम बुनकर अब यूपीनेडा के माध्यम से या यूपीनेडा में पंजीकृत किसी अन्य कंपनी से सोलर पावर प्लांट स्थापित करवा सकते हैं. नियम और शर्त यह है कि बुनकर के द्वारा चयनित संस्था द्वारा मुहैया कराए जा रहे सोलर पावर प्लांट की दर यूपीनेडा की तुलना में कम होनी चाहिए. यदि दोनों की दर समान है तो बुनकर को यूपीनेडा द्वारा उपलब्ध किए जा रहे सोलर प्लांट को ही लेना होगा, जिससे उससे सब्सिडी का पूरा लाभ मिल पाए. इस संशोधन से बुनकरों को अधिक लचीलापन मिलेगा और उन्हें सस्ती दरों पर सोलर पावर प्लांट उपलब्ध हो सकेगा.

इस संशोधन के बाद अधिक से अधिक बुनकर समुदाय को योजना के दायरे में लाया जा सकेगा. पहले केवल 5 किलोवाट या उससे अधिक के सोलर संयंत्रों पर ही वित्तीय सहायता उपलब्ध थी. अब संशोधन के तहत 1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र पर भी वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव रखा गया है. फिलहाल इस योजना को पायलट प्रोग्राम के रूप में अभी सिर्फ चार जोनों में शुरू करने का प्रस्ताव है. इस पायलट प्रोग्राम के तहत योजना की सफलता और प्रभावशीलता का आकलन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके.


बैठक में मंत्री राकेश सचान ने बुनकर समुदाय से अपील की कि वे इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र से न केवल उनकी उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे. इसके अलावा, बुनकर ओटीएस योजना का लाभ उठाकर अपने बकाया बिजली बिलों का समाधान करें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें. यह योजना न केवल बुनकरों को ऊर्जा संकट से राहत देगी, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी.

फिलहाल इस योजना को पायलट प्रोग्राम के रूप में अभी सिर्फ चार जोनों में शुरू करने का प्रस्ताव है. इस पायलट प्रोग्राम के तहत योजना की सफलता और प्रभावशीलता का आकलन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके. बैठक में मंत्री राकेश सचान ने बुनकर समुदाय से अपील की कि वे इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र से न केवल उनकी उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे. इसके अलावा, बुनकर ओटीएस योजना का लाभ उठाकर अपने बकाया बिजली बिलों का समाधान करें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें. यह योजना न केवल बुनकरों को ऊर्जा संकट से राहत देगी, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी.

इसे भी पढ़ें-बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने में बनारस UP में नंबर 1, जानिए कैसे करना है आवेदन

लखनऊः मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के तहत छोटे बुनकरों के एक किलोवाट क्षमता वाले सोलर संयंत्र पर भी सब्सिडी का लाभ देने का प्रस्ताव रखा गया है. सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री राकेश सचान की अध्यक्षता में लखनऊ के खादी भवन में इस योजना के दिशा निर्देशों में संशोधन को लेकर सोमवार को बैठक आयोजित की गई. बैठक में योजना के तहत पावरलूम बुनकरों को सौर ऊर्जा का लाभ प्रदान करने और उनके समक्ष आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए विस्तार से चर्चा हुई. योजना को अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने के लिएकई महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्ताव रखे गए.

योजना के दिशा-निर्देशों में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, पावरलूम बुनकर अब यूपीनेडा के माध्यम से या यूपीनेडा में पंजीकृत किसी अन्य कंपनी से सोलर पावर प्लांट स्थापित करवा सकते हैं. नियम और शर्त यह है कि बुनकर के द्वारा चयनित संस्था द्वारा मुहैया कराए जा रहे सोलर पावर प्लांट की दर यूपीनेडा की तुलना में कम होनी चाहिए. यदि दोनों की दर समान है तो बुनकर को यूपीनेडा द्वारा उपलब्ध किए जा रहे सोलर प्लांट को ही लेना होगा, जिससे उससे सब्सिडी का पूरा लाभ मिल पाए. इस संशोधन से बुनकरों को अधिक लचीलापन मिलेगा और उन्हें सस्ती दरों पर सोलर पावर प्लांट उपलब्ध हो सकेगा.

इस संशोधन के बाद अधिक से अधिक बुनकर समुदाय को योजना के दायरे में लाया जा सकेगा. पहले केवल 5 किलोवाट या उससे अधिक के सोलर संयंत्रों पर ही वित्तीय सहायता उपलब्ध थी. अब संशोधन के तहत 1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र पर भी वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव रखा गया है. फिलहाल इस योजना को पायलट प्रोग्राम के रूप में अभी सिर्फ चार जोनों में शुरू करने का प्रस्ताव है. इस पायलट प्रोग्राम के तहत योजना की सफलता और प्रभावशीलता का आकलन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके.


बैठक में मंत्री राकेश सचान ने बुनकर समुदाय से अपील की कि वे इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र से न केवल उनकी उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे. इसके अलावा, बुनकर ओटीएस योजना का लाभ उठाकर अपने बकाया बिजली बिलों का समाधान करें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें. यह योजना न केवल बुनकरों को ऊर्जा संकट से राहत देगी, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी.

फिलहाल इस योजना को पायलट प्रोग्राम के रूप में अभी सिर्फ चार जोनों में शुरू करने का प्रस्ताव है. इस पायलट प्रोग्राम के तहत योजना की सफलता और प्रभावशीलता का आकलन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके. बैठक में मंत्री राकेश सचान ने बुनकर समुदाय से अपील की कि वे इस योजना का अधिकाधिक लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र से न केवल उनकी उत्पादन लागत कम होगी, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकेंगे. इसके अलावा, बुनकर ओटीएस योजना का लाभ उठाकर अपने बकाया बिजली बिलों का समाधान करें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें. यह योजना न केवल बुनकरों को ऊर्जा संकट से राहत देगी, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी.

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